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मिठाई किसी भी पार्टी, पूजा पाठ, शादी के अवसरों या समारोह की जान होती है. कोई भी उत्सव बिना मिठाई के तो पूरा हो ही नही सकता. मिठाई तकरीबन संपूर्ण भारत में भगवान के भोग के बाद ही परोसी जाती है. भारतीय खाने की तरह भारतीय मिठाइयों में भी बहुत विविधता है, जहाँ पूर्वी भारत में छेना आधारित मीठा अधिक प्रचलित है, वहीं अधिकांश उत्तर भारत में खोया आधारित मिठाइयाँ - लड्डू, हलवा, खीर, बरफी आदि बहुत लोकप्रिय हैं. .गर्मियों के मौसम में नाना प्रकार की कुल्फी भी बहुत बनाई जाती हैं.
आपकी सर्च को आसान बनाने के लिए मैने केक, कुकीज़, कप केक और कुछ बेक्ड व्यंजनों को एक अलग पन्ने पर एक साथ कर दिया है.
हमेशा की तरह आपके सुझावों का स्वागत है.
शुभकामनाओं के साथ,
शुचि
दलिया स्वास्थ्य और सेहत की दृष्टि से अति उत्तम है। दलिये में रेशे प्रचुर मात्रा में होते हैं। अक्सर लोग सोचते हैं कि दलिया बीमारों का खाना है और वो इसे नहीं खा सकते। मैं मैं आप सभी लोगों से कहूँगी कि आप एक बार इस विधि से गुलाब दलिया बना कर देखिये, आपकी सोच बदल जाएगी। मीठा दूध का दलिया बनाना मैंने अपनी मम्मी से सीखा है। मम्मी दलिये को पहले थोड़े से घी में भूनती हैं जिससे दलिया काफी सुगंधित हो जाता है। खाने में यह दलिया बहुत स्वादिष्ट है और इसको बनाना भी आसान है।
मेवे और खजूर से बनी यह बर्फी बहुत स्वादिष्ट होती हैं। मेवों में कई प्रकार के खनिज, प्रोटीन, रेशे इत्यादि पाए जाते हैं जो स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। इसके साथ ही मेवों में स्वस्थ वसा भी होती हैं जो हृदय के लिए अच्छी मानी जाती हैं। इस बर्फी को बनाने में हमने किसी भी प्रकार की शक्कर या गुड़ का प्रयोग ना करके खजूर का इस्तेमाल किया है जिसमें एंटीऑक्सिडनट्स होते हैं। जब खजूर गरम करने पर पिघलता है तब मेवा इसके साथ आसानी से बांध जाती हैं।
बादाम और गुलाब की बर्फी स्वादिष्ट और पारंपरिक भारतीय मिठाई है जो व्रत उपवास के साथ साथ पूजा के लिए या फिर वैसे ही बच्चों के लंच बॉक्स के लिए भी अति उत्तम रहती है. बादाम को एक बहुत ही फायदेमंद मेवा माना जाता है. इसमें कई प्रकार के विटामिन और खनिज होते हैं जो स्वास्थ के लिए अति हितकर होते हैं. हम बचपन से भी सुनते आ रहे हैं आगे ...
नारियल किसी भी पूजा पाठ के मौके पर बहुत ही शुभ समझा जाने वाला फल है. पौष्टिकता की दृष्टि से भी नारियल गुणों का खजाना है. इसमें रेशे, कई प्रकार के खनिज जैसे कि आयरन, पोटैशियम आदि बहुतायत में होते हैं. इसके साथ ही नारियल में सैचुरेटेड फैट ज्यादा होता है, जिसे वैसे तो स्वास्थ्य के लिए अच्छा बताया गया है लेकिन इस बार बहस चलती रहती है तो नारियल का प्रयोग सीमित मात्रा में करना चाहिए. और गुलाब का फूल तो है ही खुशबू से भरपूर....
कूटू और बादाम का हलवा बहुत स्वादिष्ट और पौष्टिक भी होता है. कूटू में ग्लूटेन नाम का प्रोटीन नहीं होता है तो जो लोग ग्लूटेन से एलर्जिक हैं वो भी इस हलवे को खा सकते हैं. जहाँ ज्यादातर व्रत में अनाज नहीं खाए जाते हैं वहीँ कूटू एक ऐसा बीज है जिसका प्रयोग भारत में व्रत के दिनों में भी किया जाता है. कूटू के आटे से कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं, जैसे कि कूटू की पकौड़ी, कूटू की पूरी, कूटू के चीले, कूटू का हलवा, कूटू के पराठे इत्यादि...
आटे का हलवा एक पारंपरिक उत्तर भारतीय मिठाई जिसे गुजरात और महाराष्ट्र आदि प्रान्तों में आटे का शीरा नाम से भी जाना जाता है. पूजा पाठ के अवसर पर सूजी के हलवे के साथ साथ आटे का हलवा बनाने का भी चलन है. आटे के हलवे को बनाना बहुत आसान होता और यह चटपट बन जाता है. देशी घी में भूना गया आटा बहुत सुगन्धित हो जाता है और हलवा बहुत स्वादिष्ट बनता है...
बादाम दीप जैसा कि नाम से ही जाहिर है यह दिए बादाम के बने हुए हैं और जी हाँ आप इसे मेहमानों को परोस सकते हैं. यह दिए देखने में अति सुंदर, खाने में बहुत ही स्वादिष्ट और सेहत के लिए भी बिल्कुल दुरुस्त हैं क्योंकि इन्हे बादाम से बनाया गया है. खाने वाले दिए बनाने का आइडिया मुझे यू. ए. ई से प्रकाशित होने वाली साप्ताहिक ...
बेसन के लड्डू एक सदाबहार मिठाई है . बेसन के लड्डू बनाना बहुत आसान है लेकिन थोड़ा समय लगता है बनाने में. इन लड्डू को आप पहले से बना कर रख सकते हैं, यह लड्डू 2-3 हफ्ते तक तो बिलकुल भी ख़राब नहीं होते. तो बनाइए बेसन के लड्डू जब हो थोड़ी सी फ़ुर्सत.
गुलाब जामुन एक बेहद पसंद करी जाने वाली पारंपरिक मिठाई है. पारंपरिक गुलाब जामुन खोए/ मावा से बनाए जाते हैं वैसे आजकल ब्रेड के गुलाब जामुन से लेकर आलू, पनीर, इत्यादि के गुलाब जामुन भी प्रचलन में हैं. चलिए हम पहले खोए से पारंपरिक गुलाब जामुन बनाएँ...
जैसा कि नाम से ही जाहिर है यह टुकड़े बड़े शाही हैं. ब्रेड के टुकड़ों को खालिस देशी घी में तलकर, चाशनी में भिगोकर और फिर ऊपर से रबड़ी से सजाकर बनाए गये यह टुकड़े किसी के भी मुँह में पानी ले आएँ. तो इस दीपावली पर बनाइए नवाबी सभ्यता से आए यह टुकड़े और लिख भेजिए अपनी राय....
चंद्रकला उत्तर भारत की बहुत ही प्रसिद्ध और पारंपरिक मिठाई है. होली और दीवाली के अवसर पर तो ख़ासतौर से यह मिठाई बनाई जाती है. चंद्रकला, गुझिया के जैसी ही होती है स्वाद में लेकिन यह देखने में अलग है क्योंकि गुझिया अर्ध चंद्राकार होती है जबकि चंद्रकला पूर्ण चंद्राकार यानी कि गोल होती है. मैदे के खोल में खोए की भरावन भर कर फिर ...
रसगुल्ला और रसगुल्ले सभी को बहुत पसंद होते हैं क्योंकि यह बहुत हल्के होते हैं. वैसे तो बंगाली मिठाई पूरे भारत में बहुत लोकप्रिय हैं, लेकिन रसगुल्ला- इसका तो कोई तोड़ ही नही है. अच्छे रसगुल्ले एकदम मुलायम होते हैं और मुँह में रखते ही घुल जाते हैं. रसगुल्ले बनLने कि यह विधि एकदम पारंपरिक बंगाली विधि है ...
मूँग की दाल का हलवा बहुत ही पारंपरिक मिठाई है. जाड़े के मौसम में भारत में तीज त्यौहार, शादियों आदि में मूँग दाल हलवा बहुत चाव से बनता है. वैसे तो यह हलवा बहुत स्वादिष्ट होता है लेकिन इसमें खालिस घी भी जमकर पड़ता है. हमने यहाँ एक आसान विधि बताई है हलवा बनाने की. इसमें गीली दाल की जगह हमने सूखी मूँग दाल को पीसा है जिसे भूनना आसान होता है और घी भी कम लगता है. मैने एक कप मूँग दाल का हलवा..
अखरोट को एक बहुत ही फयदेमाड मेवा माना जाता है. इसमें कई प्रकार के विटामिन और खनिज होते हैं. अखरोट की बरफी एक बहुत आसानी से बनने वाली मिठाई है. इस मिठाई को बनने में समय भी कम लगता है. आप अपने स्वाद के अनुरूप इसमें कुछ और मेवे भी मिला सकते हैं आम तौर पर मेवे की मिठाई व्रत में भी खाई जा सकती है......
आटे के लड्डू संपूर्ण भारत वर्ष में बहुत प्रसिद्ध हैं. लड्डू बनाने की भी अलग अलग विधियाँ होती हैं. यह लड्डू बनाने की एक पारंपरिक उत्तर भारतीय शैली है. इसमें मैने गोंद भी डाली है जिससे ना केवल लड्डू का स्वाद बढ़ता है बल्कि गोंद सेहत के लिए भी अच्छी होती है ख़ासतौर पर जाड़े में. तो इस बार दीवाली पर बनाइए आटे के लड्डू....
खाने वाली गोंद एक खास पारक के पेड़ की छाल से निकली जाते है. भारत में गोंद का काफ़ी प्रयोग किया जाता है ख़ासतौर पर जड़े के मौसम में. गोंद को प्रयोग में लाने से पहले या तो इसे तला जाता है घी में या फिर इसे भूना जाता है. वैसे तो लड्डू पूरे भारत वर्ष में की बहुत लोकप्रिय हैं लेकिन गोंद के लड्डू बनाने की एक यह एक पारंपरिक उत्तर भारतीय शैली है.....
मेवे के यह लड्डू स्वादिष्ट होने के साथ साथ पौष्टिक भी हैं. यहाँ हमने बादाम, अखरोट, पेकान और काजू का प्रयोग किया खजूर और क्रेनबेरी के साथ. आप चाहें तो स्वाद और उपलब्धता के अनुसार कुछ और मेवे का भी प्रयोग कर सकते हैं. इस विधि हमने सूखे मेवे भूनें है जिससे इसमें घी का इस्तेमाल ना हो और इन लड्डू में चिकनाई ना हो ज़्यादा और यह लड्डू भारी ना हों. ...
चूरमा गेहूँ के आटे से बनाई जाने वाली एक खास भारतीय मिठाई है जो कि राजस्थान की ख़ासियत है. चूरमा को खालिस घी में बनाया जाता है तो आप इसकी खुश्बू और स्वाद का अंदाज़ा खुद ही लगा सकते हैं. चूरमा को राजस्थान में दाल-बाटी के साथ परोसा जाता है......
नान खटाई भारत की बहुत ही प्रसिद्ध मिठाई है. सीधे शब्दों में कहें तो यह बटर कुकीज़ का भारतीय स्वरूप होती है . पारंपरिक रूप से बनने वाली नान खटाई को मैदा, सूजी, और बेसन को मिला कर बनाया जाता है लेकिन अगर आपको बेसन नही डालना है तो आप इसे सिर्फ़ मैदा से भी बना सकते हैं. शुद्ध देशी घी की खुश्बू और इलायची की महक से सरोबर नान खटाई को बनाना भी बहुत आसान है..
मालपुए बहुत ही पसंद की जाने वाली पारंपरिक भारतीय मिठाई है. जाड़े के मौसम में भारत में हलवाई की दुकान में बनते गरमागरम मालपुए आसानी से किसी को भी अपनी ओर खीच लेते हैं.... आप में से बहुत सारे पाठक मालपुए बनाने की विधि के बारे में पूछते रहे हैं.. तो चलिए इस बार दीपावली में बनाते हैं यह स्वादिष्ट मालपुए.....
भारत में जाड़े़ के मौसम में बाजरे से कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं. यहाँ हम आपको हमारे बचपन की एक मिठाई के बारे में बता रहे हैं. बाजरे की मीठी पूरी बनlने की यह विधि मेरी मम्मी की है. जब हम छोटे थे तब हमारी मम्मी ढेर सारी मीठी पूरी बनाकर रखती थीं कड़कड़ाती सर्दी में...
रवा केसरी सूजी का एक प्रकार का केसरिया हलवा है. सूजी के हलवे को भारत के अलग अलग प्रांतों में अलग अलग तरीके से बनाया जाता है . जैसे क़ि उत्तर भारत में जहाँ हम सूजी को एकदम लाल होने तक भूनते हैं और हलवा भी लाल ही होता है वहीँ मेरी गुजराती सहेली हल्कि सूजी भूनकर इसे दूध में पकाकर हलवा बनाती है . दक्षिण भारत में रवा केसरी बनाने का चलन है ...अब यही तो हमारे देश क़ि खासियत है भिन्नता में एकता .....
शकरपारे, मारवाड़ी/ राजस्थानी व्यंजन है. जैसा कि नाम से ही जाहिर है यह एक मीठा व्यंजन है, जिसे कि धीमी आँच तालकर तैयार किया जाता है. इसके बाद इसे चाशनी में डालते हैं. शकरपारे सभी को बहुत पसंद आते हैं और बनाना भी आसान है. तो इस बार आप होली में बनाइए शकरपारे......
अलसी, काला तिल, पोस्ता दाना, गोंद, बादाम इत्यादि पौष्टिक तत्वों से बनाए गये यह लड्डू अत्यंत फ़ायदेमंद होते हैं. इन लड्डू में फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड, कई प्रकार के खनिज और विटामिन भी हैं. आलसी के लड्डू बनाने में थोड़ा समय तो लगता ही है इसलिए आप फ़ुर्सत से बनाएँ यह लड्डू और लिखना ना भूलें अपनी राय/ सुझाव.....
सकट चौथ और संक्रांति के अवसर पर कई प्रकार के लड्डू, तिल के व्यंजन, गुड, गोंद, मूँगफली इत्यादि के व्यंजाओं को बनाने की परंपरा है. शायद यह परंपरा इस लिए भी है क्योंकि यह जाड़े के त्यौहार हैं और तिल, गुड़, मूँगफली, गोंद इत्यादि पौष्टिक और गर्म तासीर की सामग्री हैं. तो चलिए इस आने वाले त्यौहार की तैयारी में बनाते हैं यह पौष्टिक लड्डू. ...
गुलगुले अपने नाम के अनुरूप गोल-गोल होते हैं. यह बहुत ही पारंपरिक मिठाई है जिसे तीज-त्यौहार, और खासतौर पर करवाचौथ और बसौड़ा आदि पर बनाया जाता है. इस पारंपरिक गुलगुले में मैने थोड़ी इलायची डाली है खुश्बू और स्वाद के लिए, और इनको थोड़ा धीमी आँच पर तला है जिससे यह करारे हो जाएँ. तो आप भी बनाइए गुलगुले.... .
बर्फ की लौली/ चुस्की सभी को बेहद पसंद होती है और ख़ासतौर पर बच्चों को. बर्फ की लौली गर्मियों में तुरंत ठंडक पहुँचाती है - शायद यही वजह है कि बच्चे आइस्क्रीम के ठेले वाले की घंटी की आवाज़ सुनते ही बड़ों से ज़िद करते हैं चुस्की के लिए, और आप अक्सर यह कहकर मना कर देते होंगे कि नही इसको खाने से गला खराब हो जाएगा. ...
बादाम की खीर आप उपवास में भी खा सकते हैं. बादाम विटामिन और खनिज से भरपूर होते हैं और इन्हे सेहत का खजाना माना जाता है. कहते हैं सुबह निन्ने मुहँ ४ बादाम खाने से स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहता है. मैने इस खीर में बादाम को छिलके के साथ ही पीसा है क्योंकि बादाम के छिलकों में भी बहुत खनिज होते है....यह खीर बड़ी मजेदार होती है..
तिल, खजूर, अखरोट इत्यादि से बने यह बार जिन्हे हम आम बोलचाल की भाषा में पट्टी भी कहते है जाड़े के मौसम में ख़ासतौर पर सभी को बहुत पसन्द भी आती है और यह पट्टी गरम भी होती हैं. पौष्टिकता से भरपूर यह बार बनने में भी बहुत आसान हैं और बहुत जल्दी बन जाती हैं. यह स्वादिष्ट बार बच्चों को भी बहुत पसंद आती हैं ...
एप्पेल मफिन बनाने में बहुत आसान और खाने में बहुत स्वादिष्ट होते हैं. मफिन, कप केक के जैसे ही हैं. बस इनमें ऊपर से क्रीम नही लगी होती है और यह बच्चो को बहुत पसंद आते हैं. यह मिनी एप्पेल मफिन हमने बिना अंडे के बनाए हैं अपनी बिटिया के साथ. आप चाहें तो रेग्युलर साइज़ के मफिन भी बना सकते हैं इसी विधि से...
शॉर्टब्रेड कुकीज जिसे कुछ और नामों से भी जाना जाता है जैसे कि बटर कुकीज, साबल द नौर्मेन्दि कुकीज , श्रूजबेरी कुकीज इत्यादि....नाम चाहे जो भी हो लेकिन यह कुकीज बहुत ही स्वादिष्ट होती हैं और इन्हे बनाना भी आसान है. आमतौर पर इन कुकीज में मक्खन की मात्रा ज़्यादा होती है तो यह थोड़ी फैटी तो हैं लेकिन अब त्यौहार के मौसम में इतना तो चलता है.. ...
जई का मीठा दलिया एक बहुत ही पौष्टिक और स्वादिष्ट डिश है जिसे आप सुबह के नाश्ते में, खाने के बाद मिठाई के रूप में या फिर कुछ हल्का खाने का मन है तो भोजन के रूप में भी परोस सकते हैं. जई को सेहत के लिहाज से भी बहुत अच्छा माना जाता है ...
शकरकंदी का हलवा एक पारंपरिक फलाहारी उत्तर भारतीय मिठाई है जिसे ख़ासतौर पर व्रत के लिए बनाया जाता है. मुझे याद है जब मैं छोटी थी तब मेरी दादी यह हलवा एकादशी के व्रत पर बनाती थी. शकरकंदी को बहुत गुणकारी कंद माना जाता है. इसमें रेशे बहुतायत में होते हैं और इसके साथ ही साथ इसमें विटामिन ए, सी, कैल्शियम, और लौह तत्व भी प्रचुर मात्रा में होते हैं. ...
दही कैल्शियम और प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत्र है. गर्मी के मौसम में दही ताज़गी और ठंडक देता है. फलों के साथ इस मीठे दही के व्यंजन में हमने शक्कर के स्थान पर शहद का प्रयोग किया है जो इसे और ज़्यादा स्वाद देता है. ...
मोहन थाल बहुत ही प्रसिद्ध गुजराती मिठाई है जिसे उत्तर भारत में बेसन की बरफी के नाम से भी जाना जाता है. देशी घी, और बेसन की बनी इस मिठाई को चाशनी में पकाया जाता है. तो इस स्वादिष्ट मिठाई में कैलोरीज़ तो ज़्यादा हैं लेकिन इसका उम्दा स्वाद तभी आता है जब आप इसमें घी जमकर डालें....
मीठा दलिया एक बहुत ही पौष्टिक और स्वादिष्ट डिश है जिसे आप सुबह के नाश्ते में, खाने के बाद मिठाई के रूप में या फिर कुछ हल्का खाने का मन है तो भोजन के रूप में भी परोस सकते हैं. यहाँ पर हमने मिले जुले कुटे हुए अनाज का प्रयोग किया है जैसे कि, गेहूँ का दलिया, ज़ई....
फिरनी को मोटे पिसे चावल को दूध में पकाकर बनाया जाता है. फिरनी काफ़ी कुछ खीर के जैसे ही होती है लेकिन यह बहुत ही कम समय में बन जाती है. फिरनी में बादाम और पिस्ता के साथ ही साथ केसर की खुश्बू और इलायची का स्वाद भी होता है. तो चलिए इस बार ईद के इस पाक अवसर पर बनाते हैं यह शाही फिरनी.......
खजूर और अखरोट से बनी यह बरफी बनाने में बहुत आसान और बहुत पौष्टिक भी है. मैने यह बरफी बनाना अपनी एक सहेली अपर्णा से सीखा है. यह बरफी सभी को बहुत पसंद आती है तो चलिए इस बार जन्माष्टमी पर यह चट पट बनने वाली खजूर और अखरोट की बरफी बनाते हैं....
संदेश छेने से बनने वाली एक बहुत प्रसिद्ध बंगाली मिठाई है. मैं कभी बंगाल तो नही गई लेकिन कानपुर शाहर में मैने जितनी छेने की मिठाइयाँ देखी हैं उतनी कहीं नहीं, जैसे कि रसगुल्ले, रसमलाई, राज भोग, खीर कदम, छेने की सैंडविच, इत्यादि इत्यादि....सभी एक से बढ़कर एक- लाजवाब. संदेश कई आकार के और कई अलग अलग स्वाद के होते हैं...
लौकी का हलवा बहुत आसानी से और कम समय में बन जाने वाली मिठाई है. आजकल गर्मी के मौसम में हमारी बगिया में जब यह पहली लौकी आई तो लगा कि शुरुआत कुछ मीठे से की जाए.... लौकी का हलवा वैसे तो बिना दूध और खोए के भी बहुत सवदिष्ट लगता है लेकिन हम यहाँ .. .
मकई का हलवा गुजरात और राजस्थान की ख़ासियत है. पिछले दिनीँ मेरे भइया-भाभी और उनके बच्चे भारत से आए थे. हमारे घर के आसपास स्वीट कॉर्न की लहलहाती फसल देखकर वो बोले कि गुजरात में भी स्वीट कॉर्न बहुतायत में मिलते हैं और वहाँ उन्हे अमेरिकन कॉर्न के नाम से भी जाना जाता हैं. उन्होने बताया कि गुजराती-राजस्थानी थाली में ...
कुल्फी के नाम से आप सभी परिचित होंगे. गर्मियों की शाम में उत्तर भारत में सभी मिठाई की दुकाने कुल्फी का एक स्पेशल स्टॉल लगाती हैं. पारंपरिक रूप से उत्तर भारत में कुल्फी को दूध को खूब पकाकर, उसमें अलग-अलग स्वाद डालकर फिर उसे स्टील के सांचों में भरकर ढक्कन लगाकर, सांचों के मुँह को आटे की लोई से बंद करके..
कस्टर्ड दुनिया भर में मशहूर है और अलग अलग देशों में इसको बनाने के तरीके भी अलग हैं. फ्राँस में आमतौर पर कस्टर्ड में अंडा होता है और इसे ला क्रेम मूले कहते हैं या फिर इसे ला क्रेम ऑंगलेज के नाम से भी जाना जाता है. अमेरिका में कीम, अंडा, दूध और कई प्रकार के फ्लेवर डालकर कस्टर्ड आइस्क्रीम बनाई जाती है जो .....
ाजू कतली जो कि काजू बरफी के नाम से भी मशहूर है एक बहुत स्वादिष्ट और सदाबहार मिठाई है. उत्तर भारतीय मिठाई की दुकानों में यह काजू कतली चाँदी के वर्क से सजी चमचमाती अलग से ही नज़र आती है. वैसे आजकल काजू रोल, पिस्ता रोल, पिस्ता बरफी, बादाम बरफी, इत्यादि कई मिठाइयाँ प्रचलन में हैं लेकिन काजू कतली का तो कोई तोड़ ही नही है...
बालूशाही एक बहुत ही प्रसिद्ध उत्तर भारतीय मिठाई है तो भारत में मुगलों से समय से आई है. अपने नाम के अनुरूप यह एकदम शाही मिठाई है जो सही तरीके से बनी हो तो मुँह में रखते ही घुल जाती है. वैसे अगर आप बाजार में देखेगें तो बालूशही देखने में भी किंग साइज़ होती है. लेकिन मैं आमतौर पर घर पर मिनी यानि कि छोटी मिठाइयाँ बनाना पसंद करती हूँ ....
ज़ाफरान उर्दू ज़ुबान का लफ़्ज है जिसका मतलब है केसर. इतने बरस लखनऊ शहर में रहने के बाद इन शब्दों का साथ अच्छा लगता है. खैर... यह मूँग दाल बर्फी केसर की भीनी-भीनी खुश्बू के साथ बहुत स्वादिष्ट लगती है. तो इस बार आप बसंत पंचमी पर अगर कुछ मीठा बनाने की सोच रहे हैं तो यह लाजवाब....
तिल और गुड के लड्डू उत्तर भारत में सकट चौथ और संक्रांति पर बनाए जाता हैं. मैने यह लड्डू सफेद तिल और गुड़ से बनाए हैं जो खाने में तो लाजवाब हैं ही साथ में स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे हैं. सफेद तिल कई प्रकार के पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है, इसमें ख़ासतौर पर कैल्शियम बहुतायत में होता है. तो आप भी बनाइए इस बार तिल-गुड के लड्डू. ......
मूँग की दाल का हलवा बहुत ही पारंपरिक मिठाई है. हमारे मायके में दीपावली पर यह हलवा बनाने की परंपरा रही है. वैसे जाड़े के मौसम में होने वाली शादियों में भी मूँग दाल का हलवा बहुत चाव से बनता है. इस बार क्योंकि हमारे मम्मी पापा हमारे साथ दीपावली मना रहे हैं तो मैं आपको मम्मी की यह हलवा बनाने की विधि बता रही हूँ. यह हलवा बहुत स्वादिष्ट होता है लेकिन इसमें खालिस घी ....
सेब सेहत के लिहाज से सबसे अच्छा फल माना जाता है. सेब में विटामिन सी और खास तौर पर रेशे बहुतायत में पाए जाते हैं. पिछले सप्ताहांत हम लोग एक सेब के बागान गये थे जहाँ हमें सेब तोड़ने की और घर ले जाने की इजाज़त थी, तो अब बहुतायत में लाल-लाल स्वादिष्ट सेब आ गये. अब बिटिया रानी के पास कई आइडिया थे जैसे कि सेब का केक.......
लौकी की खीर बहुत ही पारंपरिक मिठाई है. इस स्वादिष्ट मिठाई को भगवान कृष्ण के जन्म दिवस पर बनाइए और सबको खिलाइए. इस मिठाई की एक और ख़ासियत है कि यह फलाहारी है और व्रती लोग भी खा सकते हैं.......
आइस्क्रीम शायद दुनिया भर में सर्वाधिक खाई जाने वाली मिठाई है. बड़ी से बड़ी छोटी से छोटी सभी दुकानों में आइस्क्रीम का कोई ना कोई स्वाद तो आपको आसानी से मिल जाएगा. आइस्क्रीम आमतौर पर दो प्रकार की होती है, एक जिसमें अंडा होता है और एक बिना अंडे की. आज हम आपको बिना अंडे की स्वादिष्ट स्ट्रॉबेरी आइस्क्रीम बनाना बता रहे है......
कुल्फी के नाम से आप सभी परिचित होंगे. गर्मियों की शाम में उत्तर भारत में सभी मिठाई की दुकाने बाहर एक स्पेशल स्टॉल लगाती हैं कुल्फी का. पारंपरिक रूप से उत्तर भारत में कुल्फी को दूध को खूब पकाकर, उसमें अलग-अलग स्वाद डालकर फिर उसे स्टील के सांचों में भरकर ढक्कन लगाकर, सांचों के मुँह को आटे की लोई से बंद करके फिर इसे मटके मे जमाते हैं.....
नारियल किसी भी पूजा पाठ के मौके पर बहुत ही शुभ समझा जाने वाला फल है. नारियल दुनिया के किसी भी कोने में भी आप जाएँ तो आसानी से मिल जाएगा. इस बरफी को वो लोग भी खा सकते हैं जो किसी वजह से दूध नही ले सकते हैं, तो चलिए फिर बनाते हैं इस स्वादिष्ट बरफी को जिसे हम चाशनी मे बनाने जा रहे है......
बर्फ की लौली/ चुस्की सभी को बेहद पसंद होती है और ख़ासतौर पर बच्चों को. बर्फ की लौली गर्मियों में तुरंत ठंडक पहुँचाती है - शायद यही वजह है कि बच्चे आइस्क्रीम के ठेले वाले की घंटी की आवाज़ सुनते ही बड़ों से ज़िद करते हैं लौली के लिए, और आप अक्सर यह कहकर मना कर देते होंगे कि नही इसको खाने से गला खराब हो जाएगा. घर पर बनने वाली यह लौली.....
होली का त्यौहार हो और गुझिया का ज़िक्र ना हो यह कैसे संभव है. गुझिया एक बहुत पारंपरिक मिठाई है. मैदे के खोल में खोए की भरावन भर कर फिर उसे शुद्ध देशी घी में तल कर बनाई जाती है गुझिया. गुझिया बनाना एक कला है और इसको बनाने के लिए धीरज की ज़रूरत होती है, वैसे गुझिया बनाना कठिन नही है...
कलाकंद उत्तर भारत की बहुत ही प्रसिद्ध मिठाई है. कलाकंद को राजस्थान/ मारवाड में मावा मिश्री भी कहते हैं. दूध को उबाल कर उसमें फिटकरी डालकर, दूध में मलाई और दूध के दाने (मावा/ खोए जैसे) बनाए जाते हैं. कलाकंद को मिश्री और पिस्ता आदि से सजाया जाता है. कलाकंद को बनाने का यह पारंपरिक तरीका है. वैसे आजकल कई और तरीकों से भी ...
पूरन पोली पश्चिम भारत की बहुत ही प्रसिद्ध मिठाई है. किसी भी और भारतीय व्यंजन के जैसे पूरन पोली को भी बनाने की कई विधियाँ हैं. मैने पूरन पोली को बनाने के लिए चने की दाल का प्रयोग किया है. मैं इनको रोटी/ चपाती के जैसे सेकना पसंद करती हूँ. वैसे मेरी एक महाराष्ट्रीयन सहेली पूरन पोली को पराठे के जैसे भी बनाती थी. तो आप भी बनाइए यह स्वादिष्ट पूरन पोली.....
मीठे चावल, पारंपरिक भारतीय मिठाई है जो कि ख़ासतौर पर माँ सरस्वती की पूजा के लिए बनाए जाते हैं. खोए/ मावा, शक्कर, सूखे मेवे, और केसर की भीनी-भीनी खुश्बू लिए यह चावल बहुत स्वादिष्ट होते हैं. इनको केसरिया चावल भी कहते हैं. मीठे चावल को बनाने की कई विधियाँ हैं , मैं यहाँ पर पारंपरिक उत्तर भारतीय विधि से केसरिया चावल बना रही हूँ.....
तिल कुटा उत्तर प्रदेश में सकट चौथ और संक्रांति पर बनाया जाता है. इसको बनाना बहुत आसान होता है और खाने में भी लाजवाब... सफेद तिल कई प्रकार के पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है, इसमें ख़ासतौर पर कैल्शियम बहुतायत में होता है . तो आप भी बनाइए तिल कुटा.....
तिल से कई प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं. सफेद तिल से बनने वाले यह रोल पारंपरिक तो हैं ही समकालीन भी हैं. एक नये रूप में प्रस्तुत करे गये यह रोल बच्चों को भी खूब भाते हैं. तो आप भी बनाइए, तिल, काजू और गुड से नने वाले यह रोल्स और लिखना ना भूलें अपनी सलाह.....
तिल में कैल्शियम बहुतायत में होता है, इसके साथ ही साथ इसमें फासफ़ोरस और कई प्रकार के विटामिन भी होते हैं. तिल और खोए के यह लड्डू बहुत स्वादिष्ट होते हैं और बनाने में भी बहुत कम समय लगता है. तो आप भी आजमाएँ यह स्वादिष्ट लड्डू...
आलू का हलवा एक पारंपरिक उत्तर भारतीय मिठाई है. यह हलवा फलाहारी होता है. मुझे याद है जाम मैं छोटी थी तब मेरी दादी यह हलवा एकादशी के व्रत पर बनाती थी. आलू का यह हलवा बहुत स्वादिष्ट है लेकिन इसमें कैलोरी काफ़ी मात्रा में होती हैं, इसीलिए यह ज़रूरी हो जाता है कि इस स्वादिष्ट हलवे को थोड़ा ध्यानपूर्वक खाया जाए....
दलिया स्वास्थ और सेहत की दरष्टी से अति उत्तम है. दलिये से विभिन्न प्रकार के नाश्ते, सलाद और मिठाइयाँ बनाई जाती हैं. दलिये में रेशे प्रचुर मात्रा में होते हैं और इसका सेवन मधुमेह के मरीजों के लिए काफ़ी अच्छा माना जाता है. यह एक दूध का दलिया बनाने की आसान सी विधि है जो खाने में बहुत स्वादिष्ट लगती है. इसको आप सुबह के नाश्ते में.....
श्रीखंड पश्चिम भारत की एक बहुत पारंपरिक मिठाई है. दही को मलमल के कपड़े में बाँधकर, और फिर उसे लटकाकर उसका पानी निकालने के बाद, शक्कर, मेवा, इलायची, और केसर डालकर बनाया जाता है श्रीखंड. श्रीखंड को बनाना तो आसान होता है लेकिन इसको बनाने के लिए थोड़े समय की आवश्यकता होती है.......
गाजर का हलवा एक स्वादिष्ट मिठाई है, जो घिसी गाजर, दूध, चीनी, और सूखे मेवे के साथ बनाई जाती है. ठंड के मौसम में मीठी गाजरों का अलग ही मज़ा है. गाजर के हलवे का नाम लेते ही मुँह में पानी आने लगता है!! यह गाजर का हलवा बनाने का पारंपरिक तरीका है. उत्तर भारत के इस मशहूर पकवान को इस त्योहार के मौसम में ज़रूर बनाएँ!..
सूखे मेवे से बनाया गया यह पाग/ बरफी, माँ के भोग के लिए अति उपयुक्त रहता है. इस पाग की विशेषता यह है कि इसको उपवास के दिनों में भी खाया जा सकता है. आप अपने स्वाद के अनुसार मेवे का चयन कर सकते हैं और अगर आप आठ दिन का उपवास रखते हैं तो ज़्यादा मात्रा में भी इस पाग को बना सकते हैं. अगर मौसम ...
मुज़फ़्फ़र एक तरह की मीठी सेवई का पकवान है जो नवाबों के शहर की ख़ासियत है और खाने में बहुत ही उम्दा होता है .मुज़फ़्फ़र बनाने के लिए, सेवई को खालिस घी में भूनने के बाद शक्कर में पकाया जाता है मेवे और सुगंधित केसर के साथ. मुज़फ़्फ़र खाने के बाद आप तारीफ करे बिना नही रह पाते हैं. तो बनाइए इस लखनवी पकवान को..........
कुछ लोग मींग को खरबूजे के बीज या फिर मगज के नाम से भी जानते हैं. खरबूजे के बीज से बनने वाली यह मिठाई जन्माष्टमी में ख़ासतौर से बनाई जाती है. चाशनी में बनने वाली यह मिठाई बहुत स्वादिष्ट होती है. अगर आपको खरबूजे के बीज नही मिलें तो आप तरबूज के बीज भी इस्तेमाल कर सकतें हैं.
दूध और लौकी से तैयार की गयी यह मिठाई हल्की मीठी होती है. इस स्वादिष्ट मिठाई को भगवान कृष्ण के जन्म दिवस पर बनाइए और सबको खिलाइए. इस मिठाई की एक और ख़ासियत है कि यह फलाहारी है और व्रती लोग भी खा सकते हैं....
नारियल का लड्डू एक परंपरागत भारतीय मिठाई है. नारियल एक बहुत ही शुभ फल है, और लगभग सभी धार्मिक समारोहों में इसका प्रयोग होता है. नारियल के लड्डू बहुत स्वादिष्ट होते हैं, हालाँकि इन्हे बनाने में थोड़ा समय लगता है...
सूजी का हलवा तीज-त्यौहारों, शादी-ब्याह, पूजा-पाठ से लेकर किसी भी उत्सव में बनने वाला एक स्वादिष्ट हलवा है. सूजी के हलवे को बनाना भी काफ़ी आसान होता है और इसको बनाने में अधिक समय भी नही लगता है. ...
खीर पूरे भारतवर्ष में बहुत लोकप्रिय है. खीर को कुछ लोग पायसम के नाम से भी जानते हैं. दूध और चावल से बनने वाली यह मिठाई सदियों से बनाई और खिलाई जा रही है. तो आप भी बनाइए खीर और खुद भी खाइए और खिलाइए सबको....
मीठी सेवई बहुत ही पारंपरिक भारतीय मिठाई है. आमतौर पर सेवई को दूध में उबालकर और फिर मेवे डालकर बनाते हैं. लेकिन इसको बनाने की एक और विधि है जिसमें सेवई को शक्कर की चाशनी में बनाते हैं. दोनों ही तरीकों से मीठी सेवई बहुत स्वादिष्ट बनती हैं, फिलहाल आप दूध की मीठी सेवई बनाएँ और सबको खिलाएँ....
रसमलाई छेने से बनने वाली मिठाइयों में सबसे ज़्यादा मशहूर है. और मिठाइयों के मुक़ाबले इसमें शक्कर थोड़ी कम होती है और यह मिठाई सबको बहुत पसंद आती है. तो मज़े लीजिए रसमलाई के....
मखाने की खीर विशेष उपवास दिनों के लिए बनाई जाती है. मखाने प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं. यह खीर बड़ी मजेदार होती है, और बच्चों को बेहद पसंद आती है....
कुल्फी के नाम से आप सभी परिचित होंगे. गर्मियों की शाम में उत्तर भारत में सभी मिठाई की दुकाने बाहर एक स्पेशल स्टॉल लगाती हैं कुल्फी का. पारंपरिक रूप से उत्तर भारत में कुल्फी को मलाईदार दूध को खूब पकाकर , उसमें अलग-अलग स्वाद डालकर फिर उसे स्टील के सांचों में भरकर ढक्कन लगाकर, सांचों के मुँह को आटे की लोई से बंद करके फिर इसे मटके मे जमाते हैं....