आज की भागती दौड़ती जिदगी में खाना बनाने के लिए अब ज्यादा समय नहीं मिलता ऐसे में अगर कुछ तैयारी पहले से करके रख लें तो खाना बनाना आसान हो जाता है। जैसे प्याज टमाटर का मसाला अगर पहले तैयार कर लें तो पनीर की करी हो या छोले राजमा या फिर कोफ्ते सब चटपट बन जाते हैं। यहाँ पर हम आपको कुछ बहुत ही आसान दिखने वाली शुरुआती विधियाँ बता रहे हैं.
वैसे तो आजकल सभी चीज़ आसानी से बाजार में उपलब्ध हैं लेकिन घर पर बने मसालों की खुशबू ही अलग होती है. कुछ चीज़ें जो देखने में बहुत साधारण लगती हैं लेकिन वो खाने का स्वाद बढाने के लिए ज़रूरी हैं, जैसे कि पुदीना पाउडर- रायते में पुदीना पाउडर डालने पर वो लाजवाब हो जाता है. इसी तरह भुना जीरा भी अपनी भीनी-भीनी खुश्बू से दही का स्वाद बढ़ा देता है. गरम मसाला भी कभी अगर आप घर पर पीसें तो उसकी खुश्बू पड़ोस तक आएगी.....तो चलिए आजमाते हैं कुछ आसान विधियाँ जो बढ़ा देती हैं खाने का स्वाद.
खोया जिसे मावा के नाम से भी जानते हैं वैसे तो भारत में आसानी से बाजार में बना बनाया मिल जाता है। लेकिन फिर भी कुछ लोग शुद्धता को मद्देनजर इसे घर पर बनाना सही रहता है। दूध को पकाकर एकदम गाढ़ा करके खोया बनाया जाता है।
प्याज टमाटर का प्रयोग तमाम सारी करी में होता है, अब वो चाहे पनीर बटर मसाल हो, राजमा हो या फिर मिक्स वेज कोफ्ते प्याज टमाटर की करी तो बनाई ही जाती है. प्याज और टमाटर को पीसना फिर उसे सुनहरा भूनना इस सब प्रक्रिया में काफ़ी समय लगता है, लेकिन...
घी का प्रयोग पारंपरिक भारतीय खाने में सदियों से होता आ रहा है. घी वसा है जिसका प्रयोग खाने के अलावा और भी बहुत सारी चीज़ों में होता है जिनमें से मुख्य रूप से पूजा पाठ, हवन, आयुर्वेदिक दवाएँ इत्यादि हैं. वैसे तो भारत के बाहर के देशों में भी घी आसानी से मिल जाता है लेकिन हमारे कई सारे पाठक घर पर घी बनाने की विधि काफ़ी समय से पूछ रहे हैं. हमने कुछ पाठकों को विधि मेल .
मंगौड़ी का प्रयोग मैं बचपन से अपने घर में देखती आ रही हूँ. यह मारवाड़ी खाने की जान होती हैं. मंगौड़ी को मूंगदाल के पेस्ट से बनाया जाता हैं . बनाने के बाद मंगौड़ी को धूप में सुखाते हैं और फिर इसे डिब्बे में स्टोर कर सकते हैं और ज़रूरत के अनुसार इसका प्रयोग किया जा सकता है. वैसे आजकल बनी बनाई मंगौड़ी आसानी से बाजार में भी मिल जाती हैं. हालाँकि विदेश में इसे ढूँढना थोड़ा मुश्किल काम है. ...
कॉफी एक बहुत ही लोकप्रिय पेय है. कॉफी के बीन्स कॉफी के पौधे से निकले जाते हैं. वैसे तो बाजार में कई प्रकार के कॉफी के बीन्स और कई अलग-अलग ब्रांड की इन्स्टेंट कॉफी मिलती हैं लेकिन उत्तर भारत में इंस्टेंट और दक्षिण भारत में फ़िल्टर कॉफी का बहुत चलन है. तो चलिए आज आपको यह आसानी से घर पर ही बन जाने वाली स्वादिष्ट झागदार, क्रीमी कॉफी को बनाना बताते हैं. किसी भी महंगे कॉफी पार्लर में बैठकर......
चाय भारतवर्ष में बनने वाले सभी गरम पेय में सबसे ज़्यादा प्रसिद है. वैसे तो भारत में पेय मौसम के अनुरूप होते हैं जैसे गर्मी के मौसम में ठंडा ठंडा आम का पना, नीबू की शिकंजी, मट्ठा, इत्यादि और जाड़े के मौसम में कड़ाई में पका दूध...लेकिन चाय तो सदाबहार है और इसे मौसम की सीमा में नही बाँधा जा सकता है. एक अदरक की चाय सारे दिन की थकान उतर देती है. चाय की पहचान तो अब विदेशों में भी चाय के नाम से ही होती है. यहाँ अमेरिका में भी चाय, चाय के ....
क्रूटन यानि कि ब्रेड के क्रिस्प टुकड़े आमतौर पर टमाटर के सूप के साथ और विदेश में सलाद के साथ भी सर्व किए जाते हैं. वैसे तो यह बाजार में आसानी से मिल जाते हैं लेकिन अगर आप चाहें तो आप इन्हे घर पर भी बना सकते हैं. तो चलिए आज आपको ब्रेड के क्रिस्प टुकड़े बनाने की आसान सी विधि बताते है...
गरम मसाला कई प्रकार के खड़े मसालों को मिलाकर बनाया जाता है. भारत के अलग-अलग प्रांतों में गरम मसाले को बनाने की विधि अलग-अलग हो सकती है, यह गरम मसाला उत्तर भारतीय तरीके से बनाया गया है. इस मसाले की खुश्बू बहुत अच्छी होती है और इससे खाने का स्वाद भी बढ़ जाता है.
पनीर दूध को नीबू के रस, दही, या सिरके से फाड़ कर बनाया जाता है. पनीर गाय या भैंस के ताजे दूध से तैयार किया जाता है. पनीर कई भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है. कोई पार्टी, त्योहार या जलसा बिना पनीर के व्यंजन के पूरा नही होता है. ख़ासतौर पर शाकाहारी लोगों के लिए तो पनीर ही राजसी व्यंजन है. पनीर प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, और कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत है.
पुदीना स्वास्थ के लिए लाभकारी होता है और गर्मियों में ठंडक भी पहुँचाता है. पुदीने का पाउडर बहुत ही आसानी से घर पर बनाया जा सकता है और बोतल में लंबे समय तक रख सकते हैं . कभी जब पुदीने की ताजी पत्तियाँ घर पर नही होती हैं तब पुदीने का पाउडर बहुत काम आता है, ख़ासतौर पर दही से बनने वाली डिशेज़ में....
जीरा हर भारतीय रसोई में मिलने वाला एक ज़रूरी मसाला है. जीरे का उपयोग दालों, करी , अचारों इत्यादि में होता है. भुने जीरे का प्रयोग भी भारतीय खाने में बहुतायत में होता है. जीरे को भून कर और पीस कर दही के व्यंजनों , देसी पेय, चटनी, गलका, चाट इत्यादि में भी डालते हैं. आप जीरे को भून और पीस कर एयरटाइट डिब्बे में रख सकते हैं जिससे इसका इस्तेमाल आसान हो जाता है.....
बूँदी का प्रयोग नमकीन और मीठी दोनों ही व्यंजनों में होता है. वैसे तो आजकल बूँदी बाजार में आसानी से मिल जाती है, लेकिन कुछ देशों में जहाँ बहुत ज़्यादा भारतीय नही रहते हैं वहाँ बूँदी मिलना थोड़ा मुश्किल होता है. यहाँ पर मैं आपको घर पर बूँदी बनाने की विधि बता रही हूँ.
सांभर का मसाला बनाने की यह रेसिपी बहुत पारंपरिक है. यह रेसिपी मुझे मेरी एक दक्षिण भारतीय सहेली ने बताई थी हमारे फ्रेंच प्रवास के दौरान. इस पाउडर की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें आप मिर्च को ज़रूरत के अनुरूप कम-ज़्यादा कर सकते हैं. यह सांभर पाउडर आप बना कर स्टोर भी कर सकते हैं कई महीने के लिए.
छेना कुछ-कुछ पनीर के जैसा की होता है, लेकिन वो पनीर से ज़्यादा मुलायम होता है और आमतौर पर गाय के दूध से बनता है. छेने का प्रयोग विभिन्न प्रकार की मिठाइयों को बनाने में किया जाता है, जैसे कि रसगुला, रसमलाई, संदेश वग़ैरह-वग़ैरह.. छेने में प्रोटीन, कॅल्षियम, और कारबोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.
दही शाकाहारियों के लिए कैल्शियम का अच्छा स्रोत है. इसमे प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में होती है. वैसे तो आजकल सब चीज़ बाजार में आसानी से मिल जाती है, लेकिन फिर भी दही मैं हमेशा घर पर ही बनाती हूँ. यह एक बहुत ही आसान सी रेसिपी है घर पर दही बनाने की...
मारीनारा सौस ताजे रोमा टमाटर, और बेसिल से बनाई जाती है. वैसे तो यह मारीनारा सौस बहुत आसानी से बाजार में मिल जाती है लेकिन फिर भी गर्मी के मौस्म में जब ताजे लाल टमाटर बहुतायत में मिलते हैं तो इसे घर पर बनाने का मज़ा की कुछ और है...
मेयोनेज़ सौस का प्रयोग आमतौर पर सैंडविच, सलाद, बर्गर इत्यादि में किया जाता है. पारंपरिक रोप से बनी मेयोनेज़ सौस अंडे और जैतून के तेल से बनाई जाती है और फिर इसमें सिरका, नमक, काली मिर्च, राई, इत्यादि डाला जाता है. यहाँ मैने बिना अंडे के मेयोनेज़ सौस बनाई है ताजी क्रीम से.
थाई रेड करी पेस्ट सूखी लाल मिर्च, अदरक, लेमन ग्रास, प्याज, लहसुन, और कुछ और मसालों को मिलाकर बनाया जाता है. इस रेड करी पेस्ट का इस्तेमाल कई प्रकार की थाई करी में होता है. आप चचें तो इसे पहले से बनाकर फ्रिज में रख सकते हैं. वैसे तो यह पेस्ट काफ़ी तीखा होता है लेकिन इसकी करी बनाते समय इसमें नारियल का दूध डाला जाता है जिससे करी काफ़ी स्वादिष्ट हो जाती है.........