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प्रिय पाठकों ,
इस साल महा शिवरात्रि का पर्व 8 मार्च 2024 को है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं. कहते हैं कि भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत आसान होता है - शायद यही वजह है कि उन्हे भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है. महा शिवरात्रि का पर्व संपूर्ण भारतवर्ष में धूमधाम से मनाया जाता है..
तो चलिए इस शुभ दिन के लिए कुछ फलाहारी व्यंजन बनाएँ. मैंने कुछ पहले से बनाए गये व्रत के व्यंजन इस पन्ने पर लगाए हैं जिससे आपकी सर्च आसान हो जाए ......भोले बाबा के भोग के लिए "ठंडाई"
महा शिवरात्रि की शुभकामनाओं के साथ,
शुचि
ठंडाई उत्तर भारत का एक बहुत ही मशहूर पेय है. यहाँ हम एक खास तरह की पान ठंडाई बना रहे हैं जिसमें हमने सौंफ, पिस्ता, हरी इलायची और पान की पत्तियों का प्रयोग किया है. यह पान ठंडाई बहुत ही स्वादिष्ट है. पारंपरिक ठंडाई को कई प्रकार के मसालों, गुलाब की पत्तियों, और बादाम को पीसकर दूध में डालकर बनाते हैं. ठंडाई उत्तर भारत में खासतौर पर होली के अवसर पर बनायी जाती है. बातों ही बातों में मेरी गुजराती दोस्त ने बताया कि पश्चिम भारत में ठंडाई को ख़ासतौर पर शिव जी के भोग के लिए महा शिवरात्रि ...
ठंडाई उत्तर भारत का एक बहुत ही मशहूर पेय है. इसे कई प्रकार के मसालों, गुलाब की पत्तियों, और बादाम को पीसकर दूध में डालकर होली के अवसर पर बनाते हैं. बातों ही बातों में मेरी गुजराती दोस्त ने बताया कि पश्चिम भारत में ठंडाई को ख़ासतौर पर शिव जी के भोग के लिए महा शिवरात्रि के अवसर पर भी बनाते हैं. इस बात से मुझे याद आया कि जब हम छोटे थे तो अगस्त महीने में...
कच्चे केले में कार्बोहाइड्रेट, रेशे, विटामिन सी एवम् विटामिन बी6 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. केले में पोटैशियम भी बहुतायत में पाया जाता है. कच्चे केले में पके केले के मुक़ाबले में बहुत कम शर्करा होती है. केले आमतौर पर सभी व्रतों में खाए जाते हैं. कच्चे केले से बने यह फलाहारी टिक्की स्वाद में तो लाजवाब हैं ही सेहत के लिए भी सही हैं. आप इन टिक्की को बहुत कम चिकनाई लगाकर तवे पर सेक सकते हैं. इन स्वादिष्ट टिक्की को आप फलाहारी हरी चटनी के साथ परोसें तो यह और भी स्वादिष्ट लगती हैं...
साबूदाने को ज़्यादातर परिवारों में व्रत के दिनों में खाया जाता है. साबूदाना कार्बोहाइड्रेट का बहुत अच्छा सोत्र है जिससे इसे खाने से उर्जा मिलती है. वैसे शायद यही वजह है कि बिना व्रत के भी लोग साबूदाने का प्रयोग करते है....साबूदाने से कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं जैसे कि, साबूदाने के पापड़, साबूदाने की कचड़ी, साबूदाना वड़ा...
मूँगफली में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है. इसमें लोहा और मैग्निजियम भी पाया जाता है. मूँगफली में इतने गुण होते हैं कि इसे भारत में ग़रीबों की मेवा कहते हैं. मूँगफली का प्रयोग बहुत सारे व्यंजनों में होता है. आमतौर पर मूँगफली को फलाहारी माना जाता है और व्रत के दिनों में इसका उपयोग किया जाता है. मूँगफली को भून कर ही इसका प्रयोग किया जाता है...
मूँगफली में प्रोटीन बहुतायत में होता है और मखाने में कार्बोहाईड्रेट. इन फलाहारी मेवे के साथ बनाई गयी यह भेल व्रत के दिनों में अति उत्तम रहती है. तो बनाइए इस आसान भेल को......इस विधि में भेल या लईया तो है ही नहीं ! - लेकिन व्रत में अन्न वर्जित है, इसीलिए यह बिना भेल की भेल है -मखाने की ...
मेवे के यह लड्डू स्वादिष्ट होने के साथ साथ पौष्टिक भी हैं. यहाँ हमने बादाम, अखरोट, पेकान और काजू का प्रयोग किया खजूर और क्रेनबेरी के साथ. आप चाहें तो स्वाद और उपलब्धता के अनुसार कुछ और मेवे का भी प्रयोग कर सकते हैं. इस विधि हमने सूखे मेवे भूनें है जिससे इसमें घी का इस्तेमाल ना हो और इन लड्डू में चिकनाई ना हो ज़्यादा और यह लड्डू भारी ना हों. यह लड्डू फलाहारी हैं और इन्हे व्रत/उपवास के दिनों में भी खाया जा सकता है...
बादाम की खीर आप उपवास में भी खा सकते हैं. बादाम विटामिन और खनिज से भरपूर होते हैं और इन्हे सेहत का खजाना माना जाता है. कहते हैं सुबह निन्ने मुहँ ४ बादाम खाने से स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहता है. मैने इस खीर में बादाम को छिलके के साथ ही पीसा है क्योंकि बादाम के छिलकों में भी बहुत खनिज होते है. यह खीर बड़ी मजेदार होती है, और बच्चों को भी बेहद पसंद आती है...
बादाम और गुलाब की बर्फी स्वादिष्ट और पारंपरिक भारतीय मिठाई है जो व्रत उपवास के साथ साथ पूजा के लिए या फिर वैसे ही बच्चों के लंच बॉक्स के लिए भी अति उत्तम रहती है. बादाम को एक बहुत ही फायदेमंद मेवा माना जाता है. इसमें कई प्रकार के विटामिन और खनिज होते हैं जो स्वास्थ के लिए अति हितकर होते हैं. हम बचपन से भी सुनते आ रहे हैं आगे ...
नारियल किसी भी पूजा पाठ के मौके पर बहुत ही शुभ समझा जाने वाला फल है. पौष्टिकता की दृष्टि से भी नारियल गुणों का खजाना है. इसमें रेशे, कई प्रकार के खनिज जैसे कि आयरन, पोटैशियम आदि बहुतायत में होते हैं. इसके साथ ही नारियल में सैचुरेटेड फैट ज्यादा होता है, जिसे वैसे तो स्वास्थ्य के लिए अच्छा बताया गया है लेकिन इस बार बहस चलती रहती है तो नारियल का प्रयोग सीमित मात्रा में करना चाहिए. और गुलाब का फूल तो है ही खुशबू से भरपूर....
कूटू और बादाम का हलवा बहुत स्वादिष्ट और पौष्टिक भी होता है. कूटू में ग्लूटेन नाम का प्रोटीन नहीं होता है तो जो लोग ग्लूटेन से एलर्जिक हैं वो भी इस हलवे को खा सकते हैं. जहाँ ज्यादातर व्रत में अनाज नहीं खाए जाते हैं वहीँ कूटू एक ऐसा बीज है जिसका प्रयोग भारत में व्रत के दिनों में भी किया जाता है. कूटू के आटे से कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं, जैसे कि कूटू की पकौड़ी, कूटू की पूरी, कूटू के चीले, कूटू का हलवा, कूटू के पराठे इत्यादि...
अखरोट को एक बहुत ही फयदेमाड मेवा माना जाता है. इसमें कई प्रकार के विटामिन और खनिज होते हैं. अखरोट की बरफी एक बहुत आसानी से बनने वाली मिठाई है. इस मिठाई को बनने में समय भी कम लगता है. आप अपने स्वाद के अनुरूप इसमें कुछ और मेवे भी मिला सकते हैं आम तौर पर मेवे की मिठाई व्रत में भी खाई जा सकती है......