See this page in English
प्रिय पाठकों,
आप सभी जानते ही होंगे कि जन्माष्टमी भगवान कृष्ण जी का जन्म दिवस है. इस साल जन्माष्टमी का पर्व 6 और ७ सितम्बर-2023 को है. जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर जहाँ कुछ लोग निर्जल व्रत रखते हैं और अर्ध रात्रि पर भगवान के जन्मोत्सव के बाद ही प्रसाद ग्रहण करते हैं वहीं कुछ और लोग फलाहारी व्रत रखते हैं. तो आइए इस शुभ अवसर पर हम कुछ फलाहारी व्यंजन बनाते हैं....
जन्माष्टमी की शुभकामनाओं के साथ,
शुचि
बादाम और गुलाब की बर्फी स्वादिष्ट और पारंपरिक भारतीय मिठाई है जो व्रत उपवास के साथ साथ पूजा के लिए या फिर वैसे ही बच्चों के लंच बॉक्स के लिए भी अति उत्तम रहती है. बादाम को एक बहुत ही फायदेमंद मेवा माना जाता है. इसमें कई प्रकार के विटामिन और खनिज होते हैं जो स्वास्थ के लिए अति हितकर होते हैं. हम बचपन से भी सुनते आ रहे हैं ...
मखाने की खीर विशेष उपवास दिनों के लिए बनाई जाती है. मखाने प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं. यह खीर बड़ी मजेदार होती है, और बच्चों को बेहद पसंद आती है. इस मखाने की खीर में आप अपने स्वाद के अनुसार और भी मेवा डाल सकते हैं...
श्रीखंड पश्चिम भारत की एक बहुत ही पारंपरिक मिठाई है. दही को मलमल के कपड़े में बाँधकर, और फिर उसे लटकाकर उसका पानी निकालने के बाद, शक्कर, मेवा, इलायची, और केसर डालकर बनाया जाता है श्रीखंड. श्रीखंड को बनाना तो आसान होता है लेकिन इसको बनाने के लिए थोड़े समय की आवश्यकता होती है....
अखरोट को एक बहुत ही फयदेमाड मेवा माना जाता है. इसमें कई प्रकार के विटामिन और खनिज होते हैं. अखरोट की बरफी एक बहुत आसानी से बनने वाली मिठाई है. इस मिठाई को बनने में समय भी कम लगता है. आप अपने स्वाद के अनुरूप इसमें कुछ और मेवे भी मिला सकते हैं आम तौर पर मेवे की मिठाई व्रत में भी खाई जा सकती है. ...
खजूर और अखरोट से बनी यह बरफी बनाने में बहुत आसान और बहुत पौष्टिक भी है. मैने यह बरफी बनाना अपनी एक सहेली अपर्णा से सीखा है. यह बरफी सभी को बहुत पसंद आती है तो चलिए इस बार जन्माष्टमी पर यह चट पट बनने वाली खजूर और अखरोट की बरफी बनाते हैं...
नारियल का लड्डू एक परंपरागत भारतीय मिठाई है. नारियल एक बहुत ही शुभ फल है, और लगभग सभी धार्मिक समारोहों में इसका प्रयोग होता है. नारियल के लड्डू बहुत स्वादिष्ट होते हैं, हालाँकि इन्हे बनाने में थोड़ा समय लगता है. ..
नारियल किसी भी पूजा पाठ के मौके पर बहुत ही शुभ समझा जाने वाला फल है. नारियल दुनिया के किसी भी कोने में भी आप जाएँ तो आसानी से मिल जाएगा. इस बरफी को वो लोग भी खा सकते हैं जो किसी वजह से दूध नही ले सकते हैं, तो चलिए फिर बनाते हैं इस स्वादिष्ट बरफी को जिसे हम चाशनी मे बनाने जा रहे है......
लौकी का हलवा बहुत आसानी से और कम समय में बन जाने वाली मिठाई है. आजकल गर्मी के मौसम में हमारी बगिया में जब यह पहली लौकी आई तो लगा कि शुरुआत कुछ मीठे से की जाए.... लौकी का हलवा वैसे तो बिना दूध और खोए के भी बहुत सवदिष्ट लगता है लेकिन हम यहाँ आपको खोए के साथ और खोए के बिना दोनों तरह से लौकी का हलवा बनाना बता देते हैं. तो आप अपनी सहुलियत और स्वाद के अनुसार बनाएँ यह लौकी का हलवा.... इस मिठाई की एक और ख़ासियत है कि...
दूध और लौकी से तैयार की गयी यह मिठाई हल्की मीठी होती है. इस स्वादिष्ट मिठाई को भगवान कृष्ण के जन्म दिवस पर बनाइए और सबको खिलाइए. इस मिठाई की एक और ख़ासियत है कि यह फलाहारी है और व्रती लोग भी खा सकते हैं...
कुछ लोग मींग को खरबूजे के बीज या फिर मगज के नाम से भी जानते हैं. खरबूजे के बीज से बनने वाली यह मिठाई जन्माष्टमी में ख़ासतौर से बनाई जाती है. चाशनी में बनने वाली यह मिठाई बहुत स्वादिष्ट होती है. अगर आपको खरबूजे के बीज नही मिलें तो आप तरबूज के बीज भी इस्तेमाल कर सकतें हैं.
सूखे मेवे से बनाया गया यह पाग/ बरफी माँ के भोग के लिए अति उपयुक्त रहता है. इस पाग की विशेषता यह है कि इसको उपवास के दिनों में भी खाया जा सकता है. आप अपने स्वाद के अनुसार मेवे का चयन कर सकते हैं और अगर आप आठ दिन का उपवास रखते हैं तो ज़्यादा मात्रा में भी इस पाग को बना सकते हैं. अगर मौसम सामान्य है तो इस पाग को दो हफ्ते तक बिना फ्रिज के रख सकते हैं.......
नाना प्रकार का फलाहारी खाना/ फलाहारी दावत- भुनी मूँगफली और मखाने, मखाने की खीर, साबूदाने का पुलाव, दही, सिंघाड़े की नमकीन बरफी, कूटू के पकौड़े, और फलाहारी चटनी.
अरबी जिसे उत्तर भारत में घुइयाँ के नाम से भी जाना जाता है आलू और शकरकंद के जैसे आमतौर पर सभी परिवारों में व्रत के दिनों में खाई जाती है. अरबी से कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं. अरबी के कबाब बहुत आसानी से बनने वाला फलाहारी व्यंजन है. अरबी में क्योंकि स्टार्च होता है तो यह थोड़ा चिपकती है, इसलिए हमने इसमें कूटटू का आटा मिलाया है जिससे इसे बाँधने में आसानी रहती है... तो आप भी बना कर देखिए यह स्वादिष्ट फलाहारी कबाब.....
कच्चे केले में कार्बोहाइड्रेट, रेशे, विटामिन सी एवम् विटामिन बी6 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. केले में पोटैशियम भी बहुतायत में पाया जाता है. कच्चे केले में पके केले के मुक़ाबले में बहुत कम शर्करा होती है. केले आमतौर पर सभी व्रतों में खाए जाते हैं. कच्चे केले से बने यह फलाहारी टिक्की स्वाद में तो लाजवाब हैं ही सेहत के लिए भी सही हैं. आप इन टिक्की को बहुत कम चिकनाई लगाकर तवे पर सेक सकते हैं. इन स्वादिष्ट टिक्की को आप फलाहारी हरी चटनी के साथ परोसें तो यह और भी स्वादिष्ट लगती हैं...
थालीपीठ एक बहुत प्रसिद्ध माहरॉशट्रियन नमकीन डिश है. आज हम यहाँ पर साबूदाना, उबले आलू, भुनी मूँगफली, और सिंघाड़े के आटे से फलाहारी थालीपीठ बनाएँगे. अगर आप चाहें तो सिंघाड़े के आटे के स्थान पर इसमें कूटू का आटा भी डाल सकते हैं. आप इस स्वादिष्ट थालीपीठ को खीरे के रायते, फलाहारी चटनी या फिर सादे दही के साथ भी परोस सकते हैं. तो चलिए बनाते हैं फलाहारी थालीपीठ..
सिंघाड़े में कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च, विटामिन बी -6, रिबॉफ्लेविन आदि प्रचुर मात्रा में होता है. यह कच्चा भी खाया जाता है, और उबाल कर भी. सिंघाड़े का आटा भी बाजार में आसानी से मिल जाता है. सिंघाड़े और इसके आटे के नाना प्रकार के व्यंजन उपवास के दिनों में बनाए जाते हैं. आज हम सिंघाड़े की नमकीन बरफी ...
साबूदाने को ज़्यादातर परिवारों में व्रत के दिनों में खाया जाता है. साबूदाना कार्बोहाइड्रेट का बहुत अच्छा सोत्र है जिससे इसे खाने से उर्जा मिलती है. वैसे शायद यही वजह है कि बिना व्रत के भी लोग साबूदाने का प्रयोग करते है....साबूदाने से कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं जैसे कि, साबूदाने के पापड़, साबूदाने की कचड़ी, साबूदाना वड़ा...
जो लोग नवरात्रि में आठ दिन का उपवास रखते हैं उनका मन हर दिन कुछ अलग और हल्का खाने को करता है ऐसे में यह कूटू की सब्जी बहुत अच्छी रहती है. उनके लिए यह सब्जी बहुत अच्छी रखती है. उबले आलू, खट्टे दही, और कूटू के आते से बनाई गयी यह सब्जी बहुत स्वादिष्ट होती है. आप इसे कूटू की पूरी, या फिर कूटू के चीले/ कूटू के पराठे किसी के साथ भी परोस सकते हैं....
मूँगफली में प्रोटीन बहुतायत में होता है और मखाने में कार्बोहाईड्रेट. इन फलाहारी मेवे के साथ बनाई गयी यह भेल व्रत के दिनों में अति उत्तम रहती है. तो बनाइए इस आसान भेल को......इस विधि में भेल या लईया तो है ही नहीं ! - लेकिन व्रत में अन्न वर्जित है, इसीलिए यह बिना भेल की भेल है -मखाने की ...
कूटू एक ऐसा फल है जिसे व्रत के दिनों में खाया जाता है. कूटू भारत में तो आसानी से मिल जाता है लेकिन भारत के बाहर तो मैने खाली कूटू का आटा ही देखा है. कूटू के आटे से कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं. जैसे कि कूटू की पकौड़ी, कूटू की पूरी, कूटू के चीले, कूटू का हलवा, कूटू के पराठे इत्यादि....