फलाहारी थालीपीठ
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थालीपीठ एक बहुत प्रसिद्द महाराष्ट्र का व्यंजन है. थालीपीठ को बनाना तो आसन है ही यह स्वादिष्ट भी बहुत होते है. आज हम यहाँ पर साबूदाना, उबले आलू, भुनी मूँगफली, और सिंघाड़े के आटे से फलाहारी थालीपीठ बनाएँगे. व्रत/ उपवास के लिए यह फलाहारी थालीपीठ बहुत अच्छा विकल्प है. यह थालीपीठ हमने बहुत ही कम चिकनाई का प्रयोग करके बनायें हैं तो जो लोग पूरे नवरात्र व्रत करते हैं उनके लिए भी हलके रहते हैं और पेट भी भर जाता है. अगर आप चाहें तो सिंघाड़े के आटे के स्थान पर इसमें कूटू का आटा भी डाल सकते हैं. आप इस स्वादिष्ट थालीपीठ को खीरे के रायते, फलाहारी चटनी या फिर सादे दही के साथ भी परोस सकते हैं. तो चलिए बनाते हैं फलाहारी थालीपीठ. हमेशा कि तरह आपकी बहुमूल्य राय और सुझावों का इंतज़ार रहेगा. शुभकामनाओं के साथ, शुचि
तैयारी का समय :
10 मिनट
पकाने का समय :
20 मिनट
लगभग 100 कैलोरी हर थालीपीठ में
सामग्री (10 थालीपीठ के लिए)
- साबूदाना ½ कप
- पानी लगभग 1 कप
- उबले आलू 2 मध्यम
- सिंघाड़े का आटा 1/3 कप
- भूनी मूँगफली 4 बड़ा चम्मच
- हरी मिर्च 4-5
- सेंधा नमक 1¼ छोटा चम्मच/ स्वादानुसार
- कटा हरा धनिया 2 बड़ा चम्मच
- नीबू का रस 1½ छोटा चम्मच
- तेल लगभग ३ बड़ा चम्मच, सेकने के लिए
- सूखा सिंघाड़े का आटा, थालीपीठ बेलने के लिए
बनाने की विधि :
- साबूदाने को बीनकर धो लें अब इसे लगभग एक कप-सवा पानी में 2-3 घंटे के लिए भिगो दें.
- 2-3 घंटे के बाद साबूदाना पानी सोख कर मुलायम हो जाता है. अगर साबूदाना कड़ा लगता है तो थोड़ा और पानी डालकर कुछ और देर के लिए इसे भिगो दें. भीगे साबूदाने में को थालीपीठ के लिए इस्तेमाल करने से पहले छान लें जिससे कि अगर इसमें कुछ एक्सट्रा पानी है तो निकल जाए.
थालीपीठ की सामग्री
- हरी मिर्च का डंठल हटा कर और उसे अच्छे से धो कर महीन-महीन काट लें.
- उबले आलू को छील लें और फिर आलू को अच्छे से मसल लें, आप चाहें तो आलू को कद्दूकस भी कर सकते हैं.
- भुनी मूँगफली को दरदरा कूट लें.
- अब एक कटोरे में भीगा साबूदाना, मसले आलू, सिंघाड़े के आटा , दरदरी कुटि मूँगफली, कटी हरी मिर्च, कटा हरा धनिया, और नमक लें और सभी सामग्री को अच्छे से मिलाएँ. अब नीबू का रस डालें और फिर से अच्छे से मिलाएँ.
- अब इस मिश्रण को 10 बराबर हिस्सों में बाट लें और फिर इसकी लोई बना लें.
- मध्यम आँच पर तवे को गरम होने रखिए. जब तक तवा गरम हो रहा है आप एक लोई लीजिए और इसे सूखे सिंघाड़े के आटे की मदद से लगभग ३-४ इंच गोलाई में बेल लें. थालीपीठ को मोटा बेला जाता है.
- जब तवा गरम हो जाए तो इसकी सतह को ज़रा सा तेल/ घी लगाकर चिकना करिए और इसके ऊपर बिली थालीपीठ रखिए. तकरीबन 40 सेकेंड्स इंतजार करिए और फिर इसे पलट दीजिए. अब थोड़ा सा थालीपीठ लगाकर पराठे को दोनों तरफ से मध्यम से धीमी आँच पर सेक लीजिए. थालीपीठ को सेकने में लगभग 3 मिनट का समय लगता है.
- स्वादिष्ट फलाहारी थालीपीठ को आप फलाहारी खट्टी चटनी और दही के साथ परोस सकते हैं. आप चचें तो इसके साथ खीरे या फिर लौकी का फलाहारी रायता भी बना सकते हैं.
कुछ नुस्खे / सुझाव
- आप एक साथ 2-3 थालीपीठ भी सेक सकते हैं. इससे समय और ईधन दोनों की ही बचत होती है.
- आप चाहें तो सिंघाड़े के आटे के स्थान पर कूटू का आटा भी इस्तेमाल कर सकते हैं जो कि आसानी से ओरगेनिक स्टोर्स में मिल जाता है.
- साबूदाना भारत में यह आसानी से राशन की दुकान में मिल जाता है. लेकिन अगर आप विदेश में रहते हैं तो मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि साबूदाना इंडियन स्टोर में तो मिल ही जाता है और वैसे साबूदाना ट्रॉपीकाना के नाम से ऑर्गॅनिक स्टोर में भी मिलता है.