चटपटी चाट का नाम सुनते ही सबके मुँह में पानी आ जाता है. चाट का ख़याल आते ही देश की भी याद आने लगती है; वो सड़क के किनारे सजे हुए चाट के ठेले, टिक्की के सिकने की सुगंध, मिर्च की उठती हुई खुश्बू, और और गोलगप्पे के लिए अपनी बारी का इंतजार करते लोग ! उसका भी अपना ही मज़ा होता है !
चाट आमतौर पर शाकाहारी होती है. उत्तर भारत की चाट की तो कोई बराबरी ही नही है लेकिन अब भारत के कोने-कोने में कोई न कोई चाट आइटम ज़रूर मिलता है. चाट आमतौर पर तीखी होती है, लेकिन अब क्योंकि लोग स्वास्थ्य के प्रति काफ़ी जागरूक हैं और ज़्यादा मसाले नही खाते हैं. तो चाट का स्वरूप भी कुछ बदल रहा है आप चाहें तो मिर्च कम भी करवा सकते हैं.
अब यह तो सब देश में होता है, हम लोग जो विदेश में रहते हैं उनका भी तो दिल करता है चाट के मज़े उठाने का. चलिए हम भी कुछ मुँह में पानी ला देने वाली चाट बनाएँ, तो अपने घर पर सजाइये चटपटी चाट की मेज( अब ठेले नही तो मेज ही सही), बुलाइए दोस्तों को और उठाइए लुत्फ़ चाट का.
समोसे की प्रसिद्धि देश-विदेश तक है. पारंपरिक मसालेदार आलू भर कर बनाए गये समोसे इस हद तक प्रसिद्द है कि बॉलीवुड के गाने भी इस पर बन गए जैसे जब तक समोसे में आलू रहेगा... समोसा चाट उत्तर भारत की बहुत प्रसिद्द चाट है.इसको बनाने के लिए हम छोले के साथ समोसे को सर्व करते हैं और इसके ऊपर धनिया की चटनी, मीठी चटनी, दही आदि से इसे सजाकर परोसते हैं...
छोले/ काबुली चने से बनी यह चाट उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय है. इस चाट को आप बहुत कम समय में घर पर भी बना सकते हैं और सबसे अच्छी बात यह है कि यह चाट स्वादिष्ट होने के साथ ही साथ पौष्टिक भी है. छोले में प्रोटीन बहुतायत में पाया जाता है और इसमें आइरन और रेशे भी प्रचुर मात्रा में होते हैं. तो अगर आप कम कैलोरी वाले किसी व्यंजन की तलाश में है तो यह यह छोला चाट आपके लिए एकदम सही चाट है..... .
ोलगप्पे, बताशे, पुच्के, पानी पूरी, यह सब नाम हैं उस एक चीज़ के जो पूरे भारत में चाट का नाम आते ही सबसे पहले जहन में आते है. उत्तर प्रदेश में गोलगप्पे, बताशे के नाम से ज़्यादा जाने जाते हैं. बाजार में सजे चाट के ठेलों पर पानी के बताशों के साथ ही साथ दही सोंठ के बताशे भी उत्तर प्रदेश की एक ख़ासियत हैं. सोंठ उत्तर प्रदेश में मीठी चटनी को कहते है........
भेलपूरी मुंबई की एक बहुत ही मशहूर चाट है, जो आज भारत के साथ साथ दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध हो चुकी है. वैसे भेलपूरी को बनाना भी बहुत आसान होता है. भेलपूरी को भुनी लइया, भूनी मूँगफली, चने, मठरी/पापड़ी/ नमकपारे इत्यादि डालकर बनाते हैं. भेलपूरी का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें उबले, कटे आलू, प्याज, टमाटर, कच्चा आम, कटा हरा धनिया, कटी करी मिर्च आदि भी जला जाता है. फिर इसमें स्वादानुसार नीबू का रस, खट्टी चटनी और इमली की चटनी भी डाली जाती है...
गोलगप्पे, पानी के बताशे, पुच्के, पानी पूरी, यह सब नाम हैं उस एक चीज़ के जो पूरे भारत में चाट का नाम आते ही सबसे पहले जेहन में आती है. गोलगप्पे का नाम सुनते ही बचपन की याद आ जाती है, वो उम्र ही और होती है, ठेले के पास खड़े होकर "एक और एक और" का दौर चलता रहता था... पिछले कुछ समय से हमारे बहुत सारे पाठक घर पर गोलगप्पे......
ख़स्ते उत्तर भारत का बहुत ही लोकप्रिय चाट आइटम हैं. इसे आप हर गली नुक्कड़ की दुकान पर आसानी से बनते देख सकते हैं. इन खस्तों की सबसे अच्छी बात यह है कि आप इन्हे पहले से बनाकर स्टोर कर सकते हैं.. कुछ जगह पर खस्तों को ख़स्ता कचौड़ी भी कहते हैं. आजकल मेरे माता पिता हमारे साथ हैं और यह मेरी मम्मी की विधि है ख़स्ता बनाने की. मैं उनकी बड़ी शुक्रगुज़ार हूँ कि उन्होने बड़े धीरज .......
दही की गुझिया राजस्थान की ख़ासियत है. दही की गुझिया एक प्रकार के शाही दही बड़े जैसी ही है. जैसा की नाम से ही जाहिर है दही की गुझिया, गुझिया के जैसी ही दिखती है और इसके बीच में मेवा भी भरी होती है, लेकिन इसे दाल से बनाया जाता है. हमारे बहुत सारे पाठक काफ़ी समय से दही की गुझिया की फरमाइश कर रहे थे तो अब दीपावली से अच्छा मौका फिर कब मिलता...
मटर की टिक्की उत्तर भारत की बहुत ही पसंदीदा चाट है. आमतौर पर जहाँ सभी चाट की चीज़ों को दही, खट्टी चटनी(हरे धनिया की चटनी) और इमली की चटनी (मीठी चटनी) के साथ परोसते हैं वहीं मटर की टिक्की को ख़ासतौर पर अदरक, हरी मिर्च, हरा धनिया और नीबू के रस के साथ परोसा जाता है. सूखी पीली मटर से तैयार यह टिक्की प्रोटीन का भी बहुत अच्छा स्रोत है, तो और क्या चाहिए जनाब - सेहत की सेहत और स्वाद का स्वाद. ..
राज कचौड़ी और किसी भी कचौड़ी से अलग है. जहाँ आमतौर पर सभी कचौड़ी के अंदर कुछ भर कर तला जाता है, राज कचौड़ी तलने के बाद भरी जाती है. एक राज कचौड़ी में आप कई प्रकार की चाट के आनंद उठाते हैं, क्योंकि इसके अंदर आप छोले, दही बड़े, टिक्की, मसाला आलू, या फिर और जो भी आपको पसंद हो भर सकते है. कोई भी चाट चटनी के बिना तो पूरी होती ...
कांजी के बड़े उत्तर भारत में होली के अवसर पर बनने वाला बहुत की लोकप्रिय व्यंजन है. फागुनी मौसम में रंगों की बाहर के साथ यह यह चटपटे कांजी में पड़े बड़े बहुत स्वादिष्ट लगते हैं. राई को चढ़ने में तोड़ा समय लगता है तो बेहतर होगा की आप मूँग दाल के बड़े कांजी में होली के तीन चार दिन पहले की बना लें. तो फिर देर किस बात की बनाइए कांजी के बड़े और लिखना ना भूलें अपनी राय...
पापड़ी चाट को सेव पूरी भी कहते हैन.वैसे तो आजकल पापड़ी बाजार में आसानी से मिल जाती है लेकिन अगर आप चाहें तो इन्हे घर पर भी आसानी से बनाया जा सकता है. पापड़ी की ऊपरी परत को थोडा सा फोड़ कर, उसमें उबले हुए आलू भरकर, मीठी चट्नी और दही डाल कर, फिर स्वादानुसार मसाले डालकर सर्व करते हैं. तो मज़े लीजिए पापड़ी चाट के.....
मूँग की दाल के दही बड़े उत्तर प्रदेश में बहुत लोकप्रिय हैं. मूँग की दाल के बड़े उड़द की दल बड़े की तुलना में काफ़ी हल्के होते है और स्वाद में भी अति उत्तम. वैसे तो बड़े ताल कर बनाए जाते हैं लेकींन दही बड़ों के बड़े पानी में भिगोये जाते हैं जिससे इनका सारा तेल निकल जाता है और बड़े काफ़ी हद....
रगड़ा पेटीज, पश्चिम भारत और ख़ासकर मुंबई की बहुत ही प्रसिध चाट है. सफेद मटर से बनाया गया रगड़ा उत्तर भारत में बनने वाली मटर की चाट और आलू टिक्की से मिलता जुलता है. अब यही तो ख़ासियत है भारतवर्ष की ! एक ही चीज़ को कितने रूप में पकाया जा सकता है......
मोसे की प्रसिद्धी देश-विदेश तक है. मैनें अपने विदेश प्रवास के दौरान बीफ समोसा, पास्ता समोसा और नूडल समोसा भी देखा है. मसालेदार आलू भर कर बनाए गये समोसे बेहद पसंद किए जाते हैं. इन्हें बनाना आसान है, लेकिन थोड़े धैर्य की आवश्यकता है. मीठी सोंठ और धनिए की चटनी के साथ समोसे के मज़े लीजिए...
आलू की टिक्की उत्तर भारत की सबसे लोकप्रिय चाट है. टिक्की के सिकने की खुशबू से ही मुँह में पानी आने लगता है. आलू की टिक्की को खट्टी चट्नी, मीठी चट्नी, दही और ऊपर से आलू के लच्छ से सज़ा कर सर्व किया जाता है. तो मज़े लीजिए आलू की टिक्की का...
दही वड़ा बहुत हल्के और बहुत ही उम्दा चाट है. दही वड़ा आमतौर पर मूँग या फिर उड़द दाल से बनाए जाते हैं. वैसे तो वड़े तले जाते हैं, लेकिन दही वड़ा का वड़ा पहले पानी में भिगोया जाता है तो उसकी सारी चिकनाई पानी में निकल जाती है, और फिर वड़े को दही में डालते हैं. इसीलिए दही वड़ा स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी अच्छा है....
ोलगप्पे, पानी के बताशे, पुच्के, पानी पूरी, यह सब नाम हैं उस एक चीज़ के जो पूरे भारत में चाट का नाम आते ही सबसे पहले जहन में आती है. गोलगप्पे का नाम सुनते ही बचपन की याद आ जाती है, वो उम्र ही और होती है, ठेले के पास खड़े होकर एक और एक और चलता रहता था.....
चटनी के आलू, जितना आसान नाम है उससे भी ज़यादा आसान बनाना. यह ख़ासतौर पर कानपुर की चाट है. शायद आपको यकीन ना हो लेकिन वहाँ के बहुत प्रसिद्ध शॉपिंग बाज़ार, नवीन मार्केट में एक ठेला खाली चट्नी के आलू का लगता है, और तकरीबन दो घंटे में ही उसका ठेला बिल्कुल खाली हो जाता है. अब आप अंदाज़ा लगा सकते हैं इस चटनी के आलू की प्रसिद्धि की...