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टमाटर की लौंजी- लौंजी, चटनी और तुरंत बने वाले अचार के जैसी ही होती है और आमतौर पर खट्टी मीठी होती है . मेरी सहेली रूचि कई प्रकार की लौंजी बनाती है तो इस विधि का आइडिया मुझे उससे ही आया है. आजकल हमारे किचन गार्डेन में कई प्रकार के टमाटर उग रहे हैं तो हमने पके पीले टमाटरों का प्रयोग किया है इस विधि में लेकिन आप इसे लाल टमाटर या फिर किसी और भी प्रकार के टमाटरों से भी बना सकते हैं. तो चलिए फिर बनाते हैं.. |
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पाइनॅपल/अनानास रैलिश-रैलिश एक अँगरेगी भाषा का शब्द है जिसका हिन्दी में मतलब होता है "स्वाद" . सीधी भाषा में चटनी के जैसे ही होते हैं जिन्हे या तो पका कर बनाया जाता है या फिर सब्जियों और फलों को बारीक काटकर इन्हे बनाया जाता है. रैलिश खाने का स्वाद बढ़ाने का कम करते हैं. अब जब सब्जियों और फलों का ज़िक्र हो रहा तो आप यह तो साझ ही गये होगें कि यह स्वाद के साथ सेहत का ख़याल रखत हैं और बहुत भी फयदेमंद होते हैं. ....
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गाजर, गोभी और शल्गम का अचार–जाड़े के मौसम में उत्तर भारत में मौसमी सब्जियों से कई प्रकार के अचार बनाए जाते हैं. मुझे याद है मेरी दादी में फ़रवरी में जब जाड़े के बाद बसंत का मौसम दस्तक दे रहा होता था तो कई प्रकार के राई के अचार बनाती थीं, जिनमें मुख्य रूप से आलू का अचार और मूली का अचार होते थे . यह दोनों की अचार वो कांजी में बनाती थीं जिन्हे हम पराठे के साथ खाते थे..... |
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अंगूर की चटनी-अंगूर की यह चटनी फलाहारी है. इस चटनी को बनाने का आइडिया मुझे भारत के मशहूर शेफ़ संजीव केपर की एक अंगूर की चटनी से आया और इसमें कुछ बदलाव करके इसे फलाहारी बना लिया है. यह मीठी चटनी स्वादिष्ट तो है साथ में स्वास्थ्य के लिहाज से भी अच्छी है. आप चाहें तो इसमें शक्कर के स्थान पर खजूर भी पीस कर डाल सकते हैं....यह चटनी फलाहारी थालीपीठ , कूटू के पकौड़े या फिर किसी भी फलाहारी स्नैक/ नाश्ते के साथ सर्व . . |
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लखनवी हरी चटनी-धनिया, पुदीना, हरी मिर्च और दही से बनी यह चटनी ख़ासतौर लखनऊ मे कबाब के साथ परोसी जाती है. यह चटनी स्वास्थ्य के लिहाज से भी अच्छी है क्योंकि इसमें आयरन होता है. तो आप भी जब कबाब बनाएँ तो साथ में यह चटनी बनाना ना भूलें..... |
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भरवाँ हरी मिर्च - यह भरवाँ हरी मिर्च सब्जी और अचार दोनों की तरह ही इस्तेमाल करी जा सकती है. भरवाँ मिर्च को बन्नाने के लिए आप थोड़ी मोटी मिर्च लीजिए. विदेशों में सरानो मिर्च आसानी से मिल जाती है जो इस सब्जी के लिए उपयुक्त रहती है. वैसे आप अपनी सुविधा और मौसम के अनुसार जो भी मिर्च मिले उसका इस्तेमाल करिए.....
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लाल मिर्च का अचार-लाल मिर्च का यह अचार भरवाँ लाल मिर्च अचार के जैसा ही स्वादिष्ट होता है, लेकिन मसाले और तेल की मात्रा के कम होने से यह अचार स्वास्थ्य के लिए ज़्यादा अच्छा रहता है. यह मेरी मम्मी का आइडिया है और दोनों ही अचार की विधिया उनकी अपनी हैं. वैसे तो यह अचार बनाने के तुरंत बाद ही तैयार हो जाता है खाने के लिए लेकिन अगर आप चाहें तो इसे लंबे समय तक भी रख सकते हैं..... |
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करौंदा मिर्चा-गर्मी के मौसम में भारत और खासतौर पर उत्तर भारत में सब्जी मंडी में कई प्रकार की रंग बिरंगी सब्जियां मिलती हैं. उनमें से ही एक है करौंदा. करौंदे विटामिन सी और लौह तत्वों से भरपूर होते हैं. करौंदे से कई प्रकार की चीजें बन जाती हैं, जैसे की करौंदे की सब्जी, करौंदे की मीठी चटनी, करौंदे मिर्च का instant अचार इत्यादि .. |
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नीबू का अचार- नीबू विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत्र है. नीबू का यह खट्टा मीठा अचार खाने में तो बहुत स्वादिष्ट होता ही है साथ ही साथ पेट के लिए भी बहुत अच्छा है. ह्ड़ एक बहुत अच्छा पाचक है तो अगर आपको ह्ड़ आसानी से मिल जाए तो आप इसे ज़रूर डालें इस अचार में. मैं जब भी कभी यात्रा करती हूँ तो यह अचार ज़रूर रखती हूँ अपने साथ. तो आप भी बनाइए यह स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक अचार.....
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फलाहारी चटनी - इस चटनी को खासतौर पर व्रत के दिनों के लिए तैयार किया गया है. इस चटनी में आइरन, और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और यह व्रत के लिए बहुत उम्दा रहती है.
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पुदीने की चट्नी - गर्मियों में घर के उगे पुदीने, हरी मिर्चे और कच्चे आम की चट्नी किसी भी खाने का स्वाद बढ़ा देती है. पुदीने में विटामिन ए और सी के साथ के खनिज भी होते हैं. पाचन के लिए भी पुदीने को बहुत अच्चा मन गया है. कच्चे आम में भी विटामिन सी बहुतायत में होता है तो यह चटनी स्वादिष्ट होने के साथ साथ पौष्टिक भी है.
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तिल की चट्नी - तिल की चट्नी महाराष्ट्र में सादे चावल और शुद्ध देशी घी के साथ सर्व करी जाती है. आमतौर पर यह चट्नी बहुत तीखी होती है, अगर आप चाहें तो मिर्ची की मात्रा थोड़ी कम कर सकते हैं.
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इमली की चटनी -इमली की चटनी, सभी प्रकार के चाट आइटम को सर्व करने के लिए एक प्रमुख चटनी है. ईमली की चटनी के बिना चाट का स्वाद पूरा नही होता. अगर आप सेहत को लेकर जागरूक हैं तो इस चटनी में सफेद शक्कर की जगह पर ब्राउन शुगर या फिर गुड डालें. फिर मज़ा लें इमली की चटनी का निशचिंत होकर.
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धनिया की चटनी- धनिया की चटनी बहुत ही स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक होती है क्योंकि धनिया के पत्तों में आइरन और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होता है और नीबू में विटामिन सी भी होता है. धनिया की चटनी को चाट के साथ साथ मुख्य खाने के साथ भी सर्व करने की परंपरा है.
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प्याज और टमाटर की चटनी- प्याज और टमाटर से बनायी जाने वाली यह चटनी दक्षिण भारतीय खाने के साथ सर्व करी जाती है.
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नारियल की चटनी - नारियल की चटनी, चटनी की एक दक्षिण भारतीय किस्म है. यह स्वादिष्ट चटनी नारियल, मूंगफली (मूंगफली) से बनायी जाती है. डोसा, उत्तपम, इडली, उपमा, आदि के साथ नारियल की चटनी बहुत स्वादिष्ट लगती है.
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नीबू की मिर्च- नीबू की मिर्च बनाने की यह मेरी माँ की रेसिपी है. जो लोग तीखा खाने के शौकीन हैं और तेल की वजह से अचार नही खा पाते हैं उनके लिए नीबू की मिर्च बिल्कुल ठीक चीज़ है. इसमें नीबू रस में कटी हुई हरी मिर्च के साथ में हैं बारीक कटी हुई अदरक... |
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गलका- गलका एक पारंपरिक उत्तर भारतीय आम का अचार है. मुझे याद है जब मैं छोटी थी तब मेरी दादी गलके को धूप में पका कर बनाती थीं. मेरी दादी के अचार को बनाने में 15-20 दिन लगते थे. लेकिन अब समय की कमी के रहते मैं इसको आँच पर पका लेती हूँ. मेरी यह रेसिपी गलके को आँच पर पका कर बनाने की है और जिसमें 15-20 मिनट का समय लगता है ....
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मीठी चटनी- खटाई से बनाने वाली यह मीठी चटनी बहुत जल्दी बन जाती है. कभी अचानक से मेहमान आ जाएँ और कुछ चाट पकोडे बनाएँ तो इस रेसिपी को ट्राइ करिए . फटाफट बनने वाली यह चटनी बहुत स्वादिष्ट होती है. |
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मीठी अचारी -मीठी अचारी उत्तरी भारत का बहुत लोकप्रिय अचार है. कच्चे आम से तैयार इस अचार को बनाना बहुत आसान होता है और यह बहुत लंबे समय तक बिना फ्रिज के भी खराब नही होता है. मैने इस अचार में ब्राउन शुगर का प्रयोग किया है तो यह स्वास्थ के लिहाज से भी ठीक है.
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