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दालें शाकाहारी भोजन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती हैं. भारत में दाल, रोटी, और चावल एक आम आदमी से लेकर खास तक सबके खाने की थाली में होती हैं. दालों में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है और यह फोलिक एसिड और फाइबर का भी अच्छा स्रोत हैं. कुछ दालों में आइरन भी पाया जाता है. डॉक्टर्स के अनुसार अगर आप एक कटोरी दाल रोजाना खाते हैं तो फिर आपको पूरे दिन के लिए पर्याप्त प्रोटीन मिल जाता है.
दाल का उपयोग बहुमुखी है. दाल मुख्य खाने में तो चावल के साथ परोसी ही जाती है, साथ ही साथ इनका प्रयोग सूप, सलाद, विभिन्न प्रकार के नाश्ते, एवं मिठाइयों में भी किया जाता है. यहाँ पर हम कुछ दालों को मुख्य भोजन के साथ परोसने के लिए बना रहे हैं.
सोयाबीन प्रोटीन का भी बहुत अच्छा स्रोत है और इसमें फाइबर की मात्रा भी ज़्यादा होती है और साथ ही साथ इसमें मैग्नीशियम और आइरन के अंश भी होते हैं. कुल मिलाकर सोयाबीन स्वास्थ्य का खजाना होता है. आप इसे करी के साथ बना सकते हैं और चावल के साथ परोस सकते हैं या फिर इसे सूखा बना सकते हैं नाश्ते के लिए...
काले चने में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. रविवार के नाश्ते के लिए यह डिश बिल्कुल उपयुक्त है. अगर आप चाहें तो इसमें प्याज, आलू, टमाटर इत्यादि सब्जियाँ डाल सकते है जो इसके स्वाद को और बढ़ा देता है. तो बनाइए इस रविवार को काले चने....
Moat also spelled as moath are oval shape beans that can be easily found in Indian and Asian grocery stores.This is a highly nutritious breakfast recipe of moat sprouts for all ages. Sprouts (germinated seeds) are a good source of digestive enzymes; these are also rich in amino acids, vitamins, proteins etc...
Chole/ Kabuli Chane, also known as Chickpeas / Garbanzo beans, are a very good source of protein. In this preparation, I have also added cucumber, tomato, red onions, and red bell peppers along with a lot of lime juice to enhance the flavor of this healthy salad. This is a popular street food in India and can be easily made at home...
लज़ीज़ मूँग दाल एक बहुत ही आसानी से और फटाफट बनने वाला नाश्ता है. ये स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहतमंद भी है. मूँग दाल प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है. लज़ीज़ मूँग दाल बनाने की यह विधि शुचि की रसोई की एक नियमित पाठिका काजल की है. काजल ने यह विधि हमें बताई और हमसे गुज़ारिश की कि ...
मूँग दाल प्रोटीन का बहुत अच्छा सोत्र है. सूखी मूँग दाल एक बहुत ही आसानी से और फटाफट बनने वाला नाश्ता है. ये स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहतमंद भी है. इस दाल बनाने में भी बहुत कम समय लगता है . तो अगर आपके बच्चे दाल नही खाना चाहते हैं तो आप उनको मूँग दाल इस रूप में खिलाइए...
जब मैं छोटी थी तो हमारे वैष्णव परिवार में मंगौड़ी का बहुत प्रयोग होता था. राजस्थानी/ मारवाड़ी खाने में आमतौर पर मंगौड़ी का काफ़ी इस्तेमाल होता है. मंगौड़ी की कढ़ी एक बहुत ही स्वादिष्ट और आसानी से बनने वाली डिश है.मंगौड़ीको मूंगदाल के पेस्ट से बनाया जाता है और फिर इसे धूप में सुखाते हैं और फिर इसे डिब्बे में स्टोर कर सकते हैं....
पंचमेल दाल अपने नाम के अनूरूप ही पाँच दालों को मिलकर बनाई जाती है और यह भी राजस्थान की ख़ासियत है. इस दाल को बाटी के साथ परोसा जाता है. पंचमेल दाल स्वादिष्ट होने के साथ पौष्टिक भी होती है. यह प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत्र है. दाल और बाटी के साथ एक खास राजस्थानी मिठाई भी बनाई जाती है जिसे चूरमा कहते हैं...
कढ़ी वैसे तो संपूर्ण भारत में जानी जाती है लेकिन यह ख़ासतौर पर उत्तर और पाश्चिम भारत की बहुत ही लोकप्रिय डिश है. कढ़ी कई प्रकार कि होती है जैसे, कढ़ी पकौड़ी, मगौंडी की कढ़ी, सिंधी कढ़ी, राजस्थानी कढ़ी, गुजराती कढ़ी.. इत्यादि-इत्यादि. गुजराती कढ़ी बनाने में बहुत आसान और खाने में अति उत्तम होती है.
गट्टा करी या फिर गट्टे की सब्जी मारवाड़ी/ राजस्थानी विशेषता है. बिना प्याज लहसुन के बनने वाला यह व्यंजन खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है. गट्टे की करी को आमतौर दही से बनाते हैं, कढ़ी के जैसे.. वैसे कुछ रेस्टोरेंट वाले इस डिश को प्याज और टमाटर की करी में भी बनाते हैं. तो आप भी बनाइए इस यह स्वादिष्ट ....
Sarson saag (mustard leaves preparation) is a very famous delicacy from Punjab. This delicious saag is served with makke ki roti (bread made with cornmeal). Mustard leaves can be easily found in the Indian stores and also in supermarkets. This delicious and famous combo is usually made in cold weather. There are so many different ways to make sarson ka sagg here I am sharing the one which is easy to...
लौकी चने की दाल ना केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि बहुत ही फ़ायदेमंद भी रहती है. दाल और सब्जियों का संगम तो हमेशा ही अच्छा रहता है, विटामिन्स और प्रोटीन साथ-साथ. जो लोग लौकी खाना नही पसंद करते हैं, वो भी इस दाल को बहुत शौक से खाते हैं. आप इस दाल को वैष्णव तरीके से बना सकते हैं....
दाल मक्खनी अपने नाम के अनुरूप मक्खन में बनाई जाती है और बहुत स्वादिष्ट होती है. राजमा और साबुत उड़द को मिलाकर बनायी गयी इस दाल में दूध या फिर क्रीम भी डाली जाती है. आमतौर पर दाल मक्खनी पार्टियों के लिए बनाई जाती है.....
सफेद उड़द की दाल में प्रोटीन और घुलनशील फाइबर बहुतायत में पाया जाता है. उड़द दाल को स्वास्थ के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है. यहाँ पर मैने उड़द दाल को पारंपरिक उत्तर भारतीय तरीके से बनाया है......
राजमा उत्तर भारत की बहुत ही प्रसिद्ध साबुत दाल है. राजमा में घुलनशील फाइबर बहुतायत में होता है. इसमें प्रोटीन , आइरन , और मैग्नीशियम आदि भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. राजमा और चावल का कोम्बो पूरे उत्तर भारत में बहुत पसंद किया जाता है......
इस दाल का प्रयोग पूरे भारतवर्ष में होता है. अरहर दाल उत्तरी भारत में रोजमर्रा में बनने वाली दाल है. इसके शौकीन अगर दो चार दिन तक अरहर नहीं खाते हैं तो उन्हें इस दाल की तलब लगने लगती है.......
मसूर की दाल कई रंगों में आती है. भारतवर्ष में तो नहीं, लेकिन फ्रांस में हरे रंग की मसूर भी आती है. उत्तर भारत में साबुत मसूर और धुली हुई मसूर (लाल), दोनों का ही प्रयोग किया जाता है. मसूर की दाल काफ़ी हल्की मानी जाती है, और खाने में भी बहुत स्वादिष्ट होती है. ....
लोबिया पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है, और साथ ही साथ इसमें मैग्नीशियम और तांबे के अंश भी होते हैं. लोबिया में और दालों के मुक़ाबले में फाइबर की मात्रा ज़्यादा होती है, और यह प्रोटीन का भी बहुत अच्छा स्रोत है. लोबिए को चावल के साथ परोसिए, तो यह बहुत अच्छा कौंबो बन जाता है......
छोले को कई और भी नाम से जाना जाता है जैसे कि काबुली चने/ चना मसाला इत्यादि. छोले उत्तर भारत की एक बहुत ही लोकप्रिय डिश है. बाज़ारों में भी छोले चावल या छोले भटूरे के ठेले आम तौर पर दिखाई दे ही जाते हैं. कानपुर में एक दुकान के उपर बोर्ड लगा रहता है "शास्त्री जी का कहना है, छोले खा कर रहना है!"
छोले उत्तर भारत, ख़ासतौर पर पंजाब, की लोकप्रिय डिश है. बाज़ारों में भी छोले चावल या छोले भटूरे के ठेले आम तौर पर दिखाई दे ही जाते हैं. कानपुर में एक दुकान के उपर बोर्ड लगा रहता है शास्त्री जी का कहना है, छोले खा कर रहना है!...
हरी मूँग की दाल और पालक की पत्तियों के साथ बनाया हुआ साग बहुत ही पौष्टिक होता है. साग लोहे और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है. साग आमतौर पर रोटी के साथ सर्व किया जाता है......
खिचड़ी दाल और चावल से बनने वाली एक बहुत हल्की और आसान डिश है. और यह बहुत ही पौष्टिक भी है. भारत के विभिन्न प्रांतों में खिचड़ी अलग अलग तरह से बनाई जाती है. यहाँ हम उत्तर भारतीय शैली में खिचड़ी बनाने जा रहे हैं....
कढ़ी चावल उत्तर भारत का एक बेहद पसंदीदा कौंबो है. आमतौर पर इसे दोपहर के खाने में ही सर्व किया जाता है क्योंकि बेसन की तासीर थोड़ी भारी होती है. नैनीताल से थोड़ी दूर पर एक जगह है जिसका नाम नौकुचियाताल है, वहाँ पर कढ़ी चावल हर छोटे बड़े रेस्टोरेंट में मिलते हैं....
सांभर एक दक्षिण-भारतीय अरहर दाल से बनने वाली डिश है. सांभर की ख़ासियत यह है की इसमें दाल के साथ सब्जियाँ भी डाली जाती हैं तो आपको प्रोटीन और विटामिन एक साथ मिल जाता है. सांभर को डोसा, उत्तपम, इडली, अप्पम, इत्यादि के साथ परोसा जाता है...