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छोले जिसे छोला, चना मसाला, काबुली चने आदि के नाम से भी जाना जाता है, आजकल भारत के साथ साथ पूरी दुनिया में बहुत लोकप्रिय है. छोले में प्रोटीन और रेशे प्रचुर मात्रा में होते हैं इसलिए विदेशों में जो लोग शाकाहार को अपनाते हैं उनके लिए यह प्रोटीन का बहुत अच्छा विकल्प होता है.
भारत के बाज़ारों में तो छोले चावल या छोले भटूरे के ठेले आम तौर पर दिखाई दे ही जाते हैं. कानपुर में एक दुकान के उपर बोर्ड लगा रहता है "शास्त्री जी का कहना है, छोले खा कर रहना है". भारत में छोले भठूरे छोटे मोटे ठेले के साथ साथ सभी फ़ास्ट फ़ूड जॉइंट पर, रेस्टोरेंट्स में और कई बार तो 5 सितारा होटल में भी दिख जाते हैं.
छोले को बनाने की सबकी लागल अलग विधि होती हैं. हमारे गुजराती दोस्त छोले में कटकर खूब सारा टमाटर डाल कर बनाते हैं वही दक्षिण भारतीय दोस्त हल्दी डालकर पीले छोले बनाते हैं. कुछ लोग पिंडी स्टाइल एकदम सूखे छोले पसंद करते हैं वहीं कुछ लोगों को खूब सारी करी में डूबे छोले पसंद आते है.
हम यहाँ पर अपने परिवार की एक पसंदीदा छोले की रेसिपी साझा कर रही हूँ जिसे हर 2 हफ्ते में एक बार मैं जरूर बनाती हूँ. आप छोले को भठूरे के साथ तो परोस ही सकते हैं लेकिन यह रोटी और चावल के साथ भी बहुत अच्छे लगते हैं. तो आप भी बनायें यह स्वादिष्ट छोले और कृपया हमें अपनी राय जरूर लिखें. शुभकामनाओं के साथ. शुचि
तैयारी का समय : 5 मिनटछोले को कई और भी नाम से जाना जाता है जैसे कि काबुली चने/ चना मसाला इत्यादि. छोले उत्तर भारत की एक बहुत ही लोकप्रिय डिश है. बाज़ारों में भी छोले चावल या छोले भटूरे के ठेले आम तौर पर दिखाई दे ही जाते हैं. कानपुर में एक दुकान के उपर बोर्ड लगा रहता है "शास्त्री जी का कहना है, छोले खा कर रहना है!"
छोले/ काबुली चने से बनी यह चाट उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय है. इस चाट को आप बहुत कम समय में घर पर भी बना सकते हैं और सबसे अच्छी बात यह है कि यह चाट स्वादिष्ट होने के साथ ही साथ पौष्टिक भी है. छोले में प्रोटीन बहुतायत में पाया जाता है और इसमें आइरन और रेशे भी प्रचुर मात्रा में होते हैं. तो अगर आप कम कैलोरी वाले किसी व्यंजन की तलाश में है तो यह यह छोला चाट आपके लिए एकदम सही चाट है..... .