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बसंत पंचमी का त्यौहार माघ महीने की पंचमी को होता है. इस दिन माँ सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है. माँ सरस्वती, ज्ञान की देवी हैं इसीलिए यह त्यौहार स्कूलों में भी मनाया जाता है. छोटे बच्चों को इस पवित्र दिन पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है. बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा भी कहते हैं. इस दिन अगर संभव हो तो लोग किसी ना किसी रूप में पीले कपड़े पहनना पसंद करते हैं. देवी की पूजा के भोग के लिए भी पीली मिठाई, और ख़ासतौर पर पीले मीठे चावल बनाने की परंपरा रही है.
मुझे याद है जब हम छोटे थे तब सरस्वती पूजा के दिन हमारे स्कूल में ख़ासतौर पर प्रार्थना होती थी और हम सब मिलकर " जयती जय- जय माँ सरस्वती जयती वीणा वादिनि माँ ...." गाते थे !
इस वर्ष वसंत पंचमी/सरस्वती पूजा 14 फरवरी-2023 को है. तो चलिए हम भी बनाते हैं माँ सरस्वती की पूजा के लिए कुछ पीली मिठाई..
शुभकामनाओं के साथ
शुचि
रवा केसरी सूजी का एक प्रकार का केसरिया हलवा है. सूजी के हलवे को भारत के अलग अलग प्रांतों में अलग अलग तरीके से बनाया जाता है . जैसे क़ि उत्तर भारत में जहाँ हम सूजी को एकदम लाल होने तक भूनते हैं और हलवा भी लाल ही होता है वहीँ मेरी गुजराती सहेली हल्कि सूजी भूनकर इसे दूध में पकाकर हलवा बनाती है . दक्षिण भारत में रवा केसरी बनाने का चलन है ...अब यही तो हमारे देश क़ि खासियत है भिन्नता में एकता ......
मूँग की दाल का हलवा बहुत ही पारंपरिक मिठाई है. जाड़े के मौसम में भारत में तीज त्यौहार, शादियों आदि में मूँग दाल हलवा बहुत चाव से बनता है. वैसे तो यह हलवा बहुत स्वादिष्ट होता है लेकिन इसमें खालिस घी भी जमकर पड़ता है. हमने यहाँ एक आसान विधि बताई है हलवा बनाने की. इसमें गीली दाल की जगह हमने सूखी मूँग दाल को पीसा है जिसे भूनना आसान होता है और घी भी कम लगता है. मैने एक कप मूँग दाल का हलवा..
ज़ाफरान उर्दू ज़ुबान का लफ़्ज है जिसका मतलब है केसर. इतने बरस लखनऊ शहर में रहने के बाद इन शब्दों का साथ अच्छा लगता है. खैर... यह मूँग दाल बर्फी केसर की भीनी-भीनी खुश्बू के साथ बहुत स्वादिष्ट लगती है. तो इस बार आप बसंत पंचमी पर अगर कुछ मीठा बनाने की सोच रहे हैं तो यह लाजवाब ज़ाफरानी मूँग दाल बरफी बनाइए और अपने सुझाव ज़रूर लिख भेजिएगा.....
मीठे चावल, पारंपरिक भारतीय मिठाई है जो कि ख़ासतौर पर माँ सरस्वती की पूजा के लिए बनाए जाते हैं. खोए/ मावा, शक्कर, सूखे मेवे, और केसर की भीनी-भीनी खुश्बू लिए यह चावल बहुत स्वादिष्ट होते हैं. इनको केसरिया चावल भी कहते हैं. मीठे चावल को बनाने की कई विधियाँ हैं , मैं यहाँ पर पारंपरिक उत्तर भारतीय विधि से केसरिया चावल बना रही हूँ.........
बेसन के लड्डू उत्तर भारत की एक सदाबहर और बहुत ही लोकप्रिय मिठाई है. बेसन के लड्डू बनाना बहुत आसान है लेकिन थोड़ा समय लगता है बनाने में. इन लड्डू को आप बनाकर महीने भर भी रखें तो यह खराब नही होते हैं. तो बनाइए बेसन के लड्डू जब हो थोड़ी सी फ़ुर्सत....
मोहन थाल बहुत ही प्रसिद्ध गुजराती मिठाई है जिसे उत्तर भारत में बेसन की बरफी के नाम से भी जाना जाता है. देशी घी, और बेसन की बनी इस मिठाई को चाशनी में पकाया जाता है. तो इस स्वादिष्ट मिठाई में कैलोरीज़ तो ज़्यादा हैं लेकिन इसका उम्दा स्वाद तभी आता है जब आप इसमें घी जमकर डालें. तो इस बार गणेश .....
P फिरनी को मोटे पिसे चावल को दूध में पकाकर बनाया जाता है. फिरनी काफ़ी कुछ खीर के जैसे ही होती है लेकिन यह बहुत ही कम समय में बन जाती है. फिरनी में बादाम और पिस्ता के साथ ही साथ केसर की खुश्बू और इलायची का स्वाद भी होता है. तो चलिए इस बार ईद के इस पाक अवसर पर बनाते हैं यह शाही फिरनी...... .
मकई का हलवा गुजरात और राजस्थान की ख़ासियत है. पिछले दिनीँ मेरे भइया-भाभी और उनके बच्चे भारत से आए थे. हमारे घर के आसपास स्वीट कॉर्न की लहलहाती फसल देखकर वो बोले कि गुजरात में भी स्वीट कॉर्न बहुतायत में मिलते हैं और वहाँ उन्हे अमेरिकन कॉर्न के नाम से भी जाना जाता हैं. उन्होने बताया कि गुजराती-राजस्थानी थाली में अक्सर भुट्टे का हलवा परोसा जाता है जो खाने में बहुत स्वादिष्ट होता ...
कुछ फोटो घर पर पार्टी का आयोजन करने और पार्टी का खाना बनाने के बारे में !