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रवा केसरी, सूजी का केसरिया हलवा है. सूजी के हलवे को भारत के अलग अलग प्रांतों में अलग अलग तरीके से बनाया जाता है- जैसे क़ि उत्तर भारत में जहाँ हम सूजी को एकदम लाल होने तक भूनते हैं और हलवा भी लाल ही होता है वहीँ मेरी गुजराती सहेली हलकी सूजी भूनकर इसे दूध में पकाकर हलवा बनाती है. दक्षिण भारत में रवा केसरी बनाने का चलन है। बंगाल में भी सूजी के हलवे को पीला बनाने का चलन है। अब यही तो हमारे रवा केसरी को केसरी भात के नाम से भी जाना जाता है। देश की खासियत है भिन्नता में एकता !!! बसंत पंचमी के पावन अवसर पर माँ सरस्वती के भोग के लिए बनाते हैं स्वादिष्ट और पारम्परिक रवा केसरी। हमेशा की तरह आपकी मेल और आपके सुझावों का इंतजार रहेगा। शुभकामनाओं के साथ, शुचि
कूटू और बादाम का हलवा बहुत स्वादिष्ट और पौष्टिक भी होता है. कूटू में ग्लूटेन नाम का प्रोटीन नहीं होता है तो जो लोग ग्लूटेन से एलर्जिक हैं वो भी इस हलवे को खा सकते हैं. जहाँ ज्यादातर व्रत में अनाज नहीं खाए जाते हैं वहीँ कूटू एक ऐसा बीज है जिसका प्रयोग भारत में व्रत के दिनों में भी किया जाता है. कूटू के आटे से कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं, जैसे कि कूटू की पकौड़ी, कूटू की पूरी, कूटू के चीले, कूटू का हलवा, कूटू के पराठे इत्यादि...
मकई का हलवा गुजरात और राजस्थान की ख़ासियत है. पिछले दिनीँ मेरे भइया-भाभी और उनके बच्चे भारत से आए थे. हमारे घर के आसपास स्वीट कॉर्न की लहलहाती फसल देखकर वो बोले कि गुजरात में भी स्वीट कॉर्न बहुतायत में मिलते हैं और वहाँ उन्हे अमेरिकन कॉर्न के नाम से भी जाना जाता हैं. उन्होने बताया कि गुजराती-राजस्थानी थाली में ...