See this page in English
प्रिय पाठकों,
गणेश चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, भगवान गणेश के जन्म दिवस का त्यौहार है. भगवान गणेश के पिता जी भगवान शिव और माता पार्वती जी हैं. संपूर्ण भारत वर्ष में यह त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया जाता है. इस त्यौहार की धूम महाराष्ट्र में देखते ही बनती है. इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितम्बर-2023 को है. यह पर्व अगले दस दिन तक चलेगा और और अनंत चौदस के दिन विसर्जन होगा.
गणेश भगवान को और भी बहुत सारे नाम जैसे सिद्धि विनायक, मूषकराज, देवा, इत्यादि से भी जाना जाता है. हमारे देश में किसी भी नये काम को करने से पहले भगवान गणेश की आराधना करने की परंपरा रही है.
एक प्रार्थना जो हम बचपन से करते आ रहे हैं- "जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा| फूल चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा लड्डूओं का भोग लगे संत करें सेवा| गणेष भगवन को लड्डू बहुत पसंद होते हैं. चलिए इस शुभ अवसर पर भगवान के भोग के लिए कुछ मीठा बनाते हैं.....
गणेश चतुर्थी आप सभी को मंगलमय हो,
शुचि
मोहन थाल बहुत ही प्रसिद्ध गुजराती मिठाई है जिसे उत्तर भारत में बेसन की बरफी के नाम से भी जाना जाता है. देशी घी, और बेसन की बनी इस मिठाई को चाशनी में पकाया जाता है. तो इस स्वादिष्ट मिठाई में कैलोरीज़ तो ज़्यादा हैं लेकिन इसका उम्दा स्वाद तभी आता है जब आप इसमें घी जमकर डालें. तो इस बार गणेश चतुर्थी के अवसर पर बनाते हैं...
बेसन के लड्डू उत्तर भारत की एक सदाबहार और बहुत ही लोकप्रिय मिठाई है. बेसन के लड्डू बनाना बहुत आसान है लेकिन थोड़ा समय लगता है बनाने में. इन लड्डू को आप बनाकर महीने भर भी रखें तो यह खराब नही होते हैं. तो बनाइए बेसन के लड्डू जब हो थोड़ी सी फ़ुर्सत....
मूँग की दाल का हलवा बहुत ही पारंपरिक मिठाई है. जाड़े के मौसम में भारत में तीज त्यौहार, शादियों आदि में मूँग दाल हलवा बहुत चाव से बनता है. वैसे तो यह हलवा बहुत स्वादिष्ट होता है लेकिन इसमें खालिस घी भी जमकर पड़ता है. हमने यहाँ एक आसान विधि बताई है हलवा बनाने की. इसमें गीली दाल की जगह हमने सूखी मूँग दाल को पीसा है जिसे भूनना आसान होता है और घी भी कम लगता है...
पूरन पोली पश्चिम भारत की बहुत ही प्रसिद्ध मिठाई है. किसी भी और भारतीय व्यंजन के जैसे पूरन पोली को भी बनाने की कई विधियाँ हैं. मैने पूरन पोली को बनाने के लिए चने की दाल का प्रयोग किया है. मैं इनको रोटी/ चपाती के जैसे सेकना पसंद करती हूँ. वैसे मेरी एक महाराष्ट्रीयन सहेली पूरन पोली को पराठे के जैसे भी बनाती थी.....
खाने वाली गोंद एक खास प्रकार पेड़ की छाल से निकली जाते है. भारत में गोंद का काफ़ी प्रयोग किया जाता है ख़ासतौर पर जड़े के मौसम में. गोंद को प्रयोग में लाने से पहले या तो इसे तला जाता है घी में या फिर इसे भूना जाता है. वैसे तो लड्डू पूरे भारत वर्ष में की बहुत लोकप्रिय हैं लेकिन गोंद के लड्डू बनाने की एक यह एक पारंपरिक उत्तर भारतीय शैली है.....
रवा केसरी सूजी का एक प्रकार का केसरिया हलवा है. सूजी के हलवे को भारत के अलग अलग प्रांतों में अलग अलग तरीके से बनाया जाता है . जैसे क़ि उत्तर भारत में जहाँ हम सूजी को एकदम लाल होने तक भूनते हैं और हलवा भी लाल ही होता है वहीँ मेरी गुजराती सहेली हल्कि सूजी भूनकर इसे दूध में पकाकर हलवा बनाती है . दक्षिण भारत में रवा केसरी बनाने का चलन है ...अब यही तो हमारे देश क़ि खासियत है भिन्नता में एकता ..
रमा गेहूँ के आटे से बनाई जाने वाली एक खास भारतीय मिठाई है जो कि राजस्थान की ख़ासियत है. चूरमा को खालिस घी में बनाया जाता है तो आप इसकी खुश्बू और स्वाद का अंदाज़ा खुद ही लगा सकते हैं. चूरमा को राजस्थान में दाल-बाटी के साथ परोसा जाता है. चूरमा और चूरमे के लड्डू दोनों को ही बनाना आसान होता है लेकिन इसे बनाने में थोड़ा सा वक्त लगता है. ...
आटे के लड्डू संपूर्ण भारत वर्ष में बहुत प्रसिद्ध हैं. लड्डू बनाने की भी अलग अलग विधियाँ होती हैं. यह लड्डू बनाने की एक पारंपरिक उत्तर भारतीय शैली है. इसमें मैने गोंद भी डाली है जिससे ना केवल लड्डू का स्वाद बढ़ता है बल्कि गोंद सेहत के लिए भी अच्छी होती है ख़ासतौर पर जाड़े में. तो इस बार दीवाली पर बनाइए आटे के लड्डू....
some photos for party planning and party organization/ bulk cooking!