गोंद के लड्डू
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गोंद/ खाने वाली गोंद एक खास प्रकार के पेड़ की छाल से निकाली जाती है. भारत में गोंद का काफ़ी प्रयोग किया जाता है ख़ासतौर पर जाड़े के मौसम में. गोंद की तासीर गरम होती है इसीलिए इसका इस्तेमाल जाड़े में किया जाता है. विदेशों में भी खाने वाली गोंद भारतीय स्टोर और ओरगेनिक स्टोर में भी आसानी से मिल जाती है. गोंद को प्रयोग में लाने से पहले इसे तला जाता है घी में या फिर इसे भूना जाता है.
वैसे तो लड्डू पूरे भारत वर्ष में की बहुत लोकप्रिय हैं लेकिन गोंद के लड्डू बनाने की यह एक पारंपरिक उत्तर भारतीय शैली है. हमने इसमें गोंद के साथ बादाम भी डालें हैं इन लड्डूओं स्वाद बढ़ाने के लिए. वैसे तो हमने कम ही घी का प्रयोग किया है लेकिन इतना घी डालना ही होगा जिससे लड्डू अच्छे बाँध सकें. आशा है यह विधि आपको पसंद आए. आप अपनी राय हमें ज़रूर लिखें. शुभकामनाओं के साथ, शुचि
सामग्री (लगभग 16 लड्डू के लिए)
- बादाम 1/3 कप
- घी ½ कप+ ¼ कप
- खाने वाली गोंद ¼ कप
- गेहूँ का आटा 1½ कप
- दरदरी पिसी शक्कर ¾ कप
खाने वाली गोंद
बनाने की विधि :
- एक कड़ाही गरम करें अब इसमें बादाम को सूखा 2 मिनट के लिए भूने. बादाम को भूनने के लिए घी डालने की ज़रूरत नही है. भुने बादाम को अलग रखें.
- अब कड़ाही में आधा कप घी गरम करें और मध्यम से तेज आँच पर गोंद को तलें. हमने बहुत ज़यादा घी नही लिया है तो थोड़ी थोड़ी करके गोंद को तलें. तलने के बाद गोंद काफ़ी फूल जाती है और यह हल्की भी हो जाती है. तली हुई गोंद को अलग रखें ठंडा होने के लिए.
तली हुई गोंद
- अब उसी कड़ाही में (जिसमें गोंद तली थी) जो घी है, उसमें आटा डालें और मध्यम आँच पर आटे को 7-8 मिनट तक भूनें.
- अब आँच को धीमा कर दें. जो चौथाई कप घी हमने अलग रखा था वो डालें और और आटे के सुनहरा होने तक भूनें. जब आटा भुन जाता है तो बहुत सोंधी सी खुश्बू आती है. आटे को इस समय बराबर चलाना पड़ता है नही तो वह जल सकता है. इस प्रक्रिया में लगभग 7-8 मिनट का समय लगता है.
- अब आँच बंद कर दें और आँच बंद करने के थोड़ी देर बाद तक आटे को भूनते रहें जिससे यह नीचे से जले नही. अब आटे को थोड़ा ठंडा होने दीजिए.
भूना आटा
- अब बादाम को ग्राइंडर में दरदरा पीस लें. इसे भुने आटे में डालें.
- अब तली हुई गोंद को भी ग्राइंडर में दरदरा पीस लें या फिर मूसल से कूट लें.
दरदरी पिसी हुई गोंद
- दरदरी पिसी हुई गोंद को भुने हुए आटे में मिलाएँ.
भुने आटे में पीसी गोंद और बादाम मिलाने के बाद
- जब आटा हल्का गुनगुना हो तो उसमें शक्कर डालें और अच्छी तरह से आटे में मिलाएँ. यह अच्छे जाँच कर लें की आटा गरम ना हो नही तो शक्कर पिघल जाएगी और लड्डू बाँधने में परेशानी होगी.
शक्कर मिलाने के बाद
- अब तकरीबन 2-3 बड़ा चम्मच आटे का मिश्रण हथेली में लेकर उसे दूसरे हाथ की उंगलियों की सहायता से गोल करें और इसे हथेली में घुमा कर चिकना करें और गोल आकर दें.
आप अपने स्वाद के अनुसार छोटे या फिर बड़े लड्डू बना सकते हैं.
- स्वादिष्ट गोंद के लड्डू तैयार हैं. आप चाहें तो इनको 2-3 हफ्ते तक बिना फ़्रिज़ के एयर-टाईट डब्बे में रख सकते हैं.
- पहले एक गोंद का टुकड़ा तल कर जाँच कर लें कि घी ठीक से गरम हो गया है. तली हुई फूली गोंद को अगर आप अपनी उंगली के बीच रगडेंगें तो यह आसानी से पिस जाएगी और अंदर कुछ कड़ा टुकड़ा नही होता चाहिए. यही पहचान है कि गोंद सही से तली गयी है.
- आटे को भूनते समय बराबर चलाना पड़ता है नही तो वह जल सकता है.
- हमने आटा भूनने में ठीक मटर में घी का प्रयोग किया है तो आपको लड्डू को बाँधने में कोई समस्या नही होनी चाहिए लेकिन फिर भी अगर लड्डू नही वबंधा रहे हैं तो आप ज़रा सा पिघला हुआ घी मिला सकते हैं लड्डू बांधने के लिए.
- ध्यान रहें कि जब आप शक्कर को भुने आटे में मिलाए तो आटा गरम नही होना चाहिए यह अच्छे जाँच कर लें की आटा गरम ना हो नही तो शक्कर पिघल जाएगी और लड्डू बाँधने में परेशानी होगी.
- लड्डू के लिए दरदरी पिसी शक्कर उत्तम रहती है. मैने लड्डू बनाने के लिए ऑर्गॅनिक शक्कर का प्रयोग किया है जो कि हल्की भूरी होती है. आप अपने स्वाद के अनुसार सफेद या फिर ब्राउन किसी और शक्कर का प्रयोग भी कर सकते हैं.
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