भेलपूरी / झालमूड़ी / भेल
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भेलपूरी मुंबई की एक बहुत ही मशहूर चाट है, जो आज भारत के साथ साथ दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध हो चुकी है. वैसे भेलपूरी को बनाना भी बहुत आसान होता है. भेलपूरी को भुनी लइया, भूनी मूँगफली, चने, मठरी/पापड़ी/ नमकपारे इत्यादि डालकर बनाते हैं. भेलपूरी का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें उबले, कटे आलू, प्याज, टमाटर, कच्चा आम, कटा हरा धनिया, कटी करी मिर्च आदि भी जला जाता है. फिर इसमें स्वादानुसार नीबू का रस, खट्टी चटनी और इमली की चटनी भी डाली जाती है. लीजिये अब यह तैयार हो गयी भेलपूरी जिसे कुछ लोग झाल मूड़ी के नाम से भी जानते हैं. इस भेल को जब हम ऊपर से एक करारी पापड़ी/ पूरी के साथ परोसते हैं तो यह बन जाती है स्वादिष्ट भेलपूरी. आ गया ना पढ़ते ही मुँह में पानी....तो देर किस बात की आप भी बनाइये भेलपूरी.
आप भेलपूरी को कागज के कोन बनाकर उसमें भी परोस सकते हैं. कोन में भेल खाने से बिकुल सड़क पर खड़े होकर भारत में चाट खाने की याद आ जाती है. हम विदेश में रहते हैं तो कई बार कुछ लोगों को खासकर बच्चों को खट्टी चटनी पसंद नहीं आती तो आप कोन में सूखी भेल भी परोस सकते हैं.
कई बार त्यौहार के मौके पर आपके मेहमान पारंपरिक भारी खाना खाकर बोर हो चुके होते हैं तो ऐसे में आप उन्हें ताजी, करारी, चटपटी भेलपूरी खिलाइए. हमें अपनी राय और सुझाव जरूर लिखियेगा. शुभकामनाओं के साथ, शुचि
तैयारी का समय :
10 मिनट
पकाने का समय :
5 मिनट
लगभग 100 कैलोरी हर सर्विंग में
सामग्री लइया भूनने के लिए
- लइया 4 कप
- तेल 2 छोटे चम्मच
- हल्दी पाउडर ½ छोटे चम्मच
कुछ और सामग्री भेलपूरी के लिए
भेलपूरी परोसने के लिए
- उबले आलू 2 मध्यम, बारीक टुकड़ों में कटे
- कच्चा आम ¼ कप, बारीक टुकड़ों में कटा
- टमाटर 1 मध्यम, बारीक टुकड़ों में कटा
- प्याज 1 मध्यम, बारीक टुकड़ों में कटा
- हरी मिर्च 1 बड़ा चम्मच बारीक कटी
- इमली की चटनी ½ कप
- पुदीने की चटनी ¼ कपे
- कटा हरा धनिया 2 बड़ा चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर ¼ छोटा चम्मच
- नमक ¼ छोटा चम्मच
लइया भूनने की विधि
- एक कड़ाही को धीमी आँच पर गरम करें. अब इसमें 2 छोटे चम्मच तेल गरम करें. अब इसमें हल्दी डालें और अच्छे से हल्दी को तेल में मिलाएँ. याद रखिए कि आँच धीमी हो नहीं तो हल्दी जल सकती है. अब इसमें लइया डालें और अच्छे से चलाते हुए लइया के करारा होने तक भूनें. लइया को भूनने में लगभग 4-5 मिनट का समय लगता है.
भेलपूरी को तैयार करने के लिए
मैं जब भेलपूरी बनाती हूँ तो सभी सामग्री को टेबल पर लगा देती हूँ. आमतौर पर बच्चे करी मिर्च इतायादि नही खाते हैं तो मैं उनको पहले उनकी पसनद की चीज़ों से भेलपूरी बना देती हूँ फिर बड़ों के लिए सभी सामग्री के साथ भेलपूरी को तैयार करती हूँ. वैसे आप चाहें तो बड़े भगोने में एक साथ भी सारी भेलपूरी बना सकते हैं...
- कटोरे में भुनी लइया लें. अब इसमें मूँगफली, भुने चने, नमकपारे डालें. अब इसके ऊपर उबले और कटे आलू, कटा प्याज, कटे टमाटर, हरी मिर्च, और कटा हरा धनिया डालें.
- अब इसके ऊपर स्वादानुसार नमक, और लाल मिर्च पाउडर डालें.
- अब इसके ऊपर ईमली की चटनी, और खट्टी चटनी डालें. अगर आप चाहें तो थोड़ा सा नीबू का रस भी डाल सकते हैं. सभी सामग्री को अच्छे से मिलाएँ.
- अब भेलपूरी को सर्विंग डिश में डालें. इसे ऊपर से भुजिया से सजाएँ, और इसे पापड़ी लगाकर सर्व करें.
- भेलपूरी अब तैयार है परोसने के लिए, भेलपूरी को तुरंत सर्व करिए नही ती यह गिलगिली हो जाती है और खाने में मज़ा नही आता है.
कुछ नुस्खे/ सुझाव
- बंगाल में और उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में भी भेलपूरी में सरसों का तेल डालने का चलन है तो आप भी अगर सरसों का तेल पसंद करते हैं तो थोड़ा सा तेल स्वादानुसार मिला सकते हैं.
- भेलपूरी सम्पूर्ण वीगन व्यंजन है.
- आप अपने स्वाद और उपलब्धता के अनुरूप भेलपूरी के लिए नमकीन का चयन कर सकते हैं. अगर कच्चा आम ना मिले तो भी कोई बात नही, यह आप बिना आम के भी भेलपूरी बना सकते हैं.
- अगर आप चाहें तो पापड़ी के स्थान पर मठरी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. मठरी और पापड़ी में ज़्यादा कुछ अंतर नही होता है, एक तो पापड़ी थोड़ी पतली होती हैं मठरी के मुक़ाबले और दूसरे उनमें छेद (गोदा) नही होता है.
भेलपूरी को बच्चों कि पार्टी के लिए पेपर के कोन में परोसना :
- आप कभी बदलाव के लिए भेलपूरी को पेपर के कोन में भी परोस सकते हैं. इससे बिलकुल सड़क पर खड़े होकर बाजार में भेलपूरी खाने का मजा आ जाता है.
- आप अलग अलग रंग के पेपर कोन बना सकते हैं. पेपर के कोन बनाने के पिए जिन पेपर का आप इस्तेमाल करें वह एसिड फ्री होने चाहियें.
- आप कोन पहले से बना कर रख सकते हैं या फिर आप कोन बच्चों के साथ उनके पसंद के रंग के कागज के बना सकते हैं और फिर उसमें भेलपूरी परोस सकते हैं.
- हम तो अंतर्राष्ट्रीय माहोल में रहते हैं और विदेशी बच्चे मिर्च नहीं खा पते हैं तो मैं चटनी बच्चों से पूछकर ही डालती हूँ.
- आप अगर विदेश में रहते हैं तो स्कूल के अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर भी कुछ नमकीन कोन में में परोस सकते हैं. रंग बिरंगें कागज के कोन में बहुत सुन्दर और भारतीयता से भरपूर लगते हैं नमकीन.