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कूटू फलाहारी होता है जिसका प्रयोग व्रत उपवास में ख़ास तौर पर किया जाता है. वैसे आजकल कूटू का प्रयोग सामान्य दिनों में भी किया जाने लगा है. कूटू में एक ख़ास प्रोटीन ग्लूटेन नहीं होती है जिसकी वजह से यह विदेशी जगत में भी प्रचलन में आ रहा है. कूटू से आप कई प्रकार के व्यंजन बना सकते हैं. अगर घर में किसी को ग्लूटेन एलर्जी है तो कूटू का प्रयोग गेहूं के स्थान पर करके कूटू के चीले, पराठे, पूड़ी, पकौड़ी, हलवा आप कुछ भी बना सकते हैं. कूटू के पकौड़े भी सिंघाड़े के पकौड़े के जैसे ही बनाए जाते हैं. कूटू के पकौड़े सिंघाड़े के पकौड़े के मुक़ाबले में अधिक करारे बनते हैं. एक और बात जो ध्यान देने की है वो यह है कि कूटू सिंघाड़े की तुलना में अधिक गरम और भारी होता है. अब आप अपने स्वाद और उपलब्धता के अनुसार बनाएँ फलाहारी पकौड़े. यहाँ पर मैं आपको कूटू के पकौड़े बनाना बता रही हूँ. शुभकामनाओं के साथ, शुचि
तैयारी का समय : 10 मिनटकूटू एक ऐसा फल है जिसे व्रत के दिनों में खाया जाता है. कूटू भारत में तो आसानी से मिल जाता है लेकिन भारत के बाहर तो मैने खाली कूटू का आटा ही देखा है. कूटू के आटे से कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं. जैसे कि कूटू की पकौड़ी, कूटू की पूरी, कूटू के चीले, कूटू का हलवा, कूटू के पराठे इत्यादि....
थालीपीठ एक बहुत प्रसिद्ध माहरॉशट्रियन नमकीन डिश है. आज हम यहाँ पर साबूदाना, उबले आलू, भुनी मूँगफली, और सिंघाड़े के आटे से फलाहारी थालीपीठ बनाएँगे. अगर आप चाहें तो सिंघाड़े के आटे के स्थान पर इसमें कूटू का आटा भी डाल सकते हैं. आप इस स्वादिष्ट थालीपीठ को खीरे के रायते, फलाहारी चटनी या फिर सादे दही के साथ भी परोस सकते हैं. तो चलिए बनाते हैं फलाहारी थालीपीठ..
सिंघाड़े में कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च, विटामिन बी -6, रिबॉफ्लेविन आदि प्रचुर मात्रा में होता है. यह कच्चा भी खाया जाता है, और उबाल कर भी. सिंघाड़े के व्यंजन उपवास के दिनों में भी बनाए जाते हैं. शरद नवरात्रि के समय भारत में सिंघाड़े बहुतायत में आते हैं. वैसे सिंघाड़े का आटा पुर साल आसानी से मिल जाता है, अगर आपको सिंघाड़े का आटा ना मिले तो आप कूटू के आटे का प्रयोग ....
सिंघाड़े में कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च, विटामिन बी-6, रिबॉफ्लेविन आदि प्रचुर मात्रा में होता है. यह कच्चा भी खाया जाता है, और उबाल कर भी. सिंघाड़े के आटे से भी तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. सिंघाड़े के व्यंजन उपवास के दिनों में बनाए जाते हैं. आज हम आपको सिंघाड़े का हलवा बनान बता रहे हैं. कैलोरी को कम करने के लिए हमने इसे कम घी में नॉन स्टिक कड़ाही में बनाया है लेकिन यकीन मानिए यह स्वाद में बहुत उम्दा है.......