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कुल्फी के नाम से आप सभी परिचित होंगे. गर्मियों की शाम में उत्तर भारत में सभी मिठाई की दुकाने बाहर एक स्पेशल स्टॉल लगाती हैं कुल्फी का. पारंपरिक रूप से उत्तर भारत में कुल्फी को मलाईदार दूध को खूब पकाकर , उसमें अलग-अलग स्वाद डालकर फिर उसे स्टील के सांचों में भरकर ढक्कन लगाकर, सांचों के मुँह को आटे की लोई से बंद करके फिर इसे मटके मे जमाते हैं. दूध को गाढ़ा करने में काफी समय लगता है और आजकल समय ही है जिसकी सबके पास कमी है. इसीलिए यहाँ हम आपको एक फटाफट कुल्फी बनाने की विधि बता रहे हैं. यह विधि मेरी मम्मी की है जिसमें हमने कुछ बदलाव करके उसे और आसान कर दिया है. यह कुल्फी बनाने में आसान जरूर है लेकिन स्वाद बहुत अव्वल है. मेरे दोस्तों और मेहमानों को यह कुल्फी बहुत पसंद आती है और वो हमेशा बहुत तारीफ करते हैं इसकी. तो चलिए बनाते हैं केसर पिस्ता कुल्फी . हमेशा की तरह आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा. शुभकामनाओं के साथ, शुचि
आइस्क्रीम शायद दुनिया भर में सर्वाधिक खाई जाने वाली मिठाई है. बड़ी से बड़ी छोटी से छोटी सभी दुकानों में आइस्क्रीम का कोई ना कोई स्वाद तो आपको आसानी से मिल जाएगा. आइस्क्रीम आमतौर पर दो प्रकार की होती है, एक .
कुल्फी के नाम से आप सभी परिचित होंगे. गर्मियों की शाम में उत्तर भारत में सभी मिठाई की दुकाने कुल्फी का एक स्पेशल स्टॉल लगाती हैं . पारंपरिक रूप से उत्तर भारत में कुल्फी को दूध को खूब पकाकर, उसमें अलग-अलग स्वाद डालकर फिर उसे स्टील के सांचों में भरकर ढक्कन लगाकर, सांचों के मुँह को आटे की लोई से बंद करके फिर इसे मटके मे जमाते हैं. उत्तर भारत में ज़्यादातर जगहों पर कुल्फी को फालूदा के साथ परोसने का रिवाज है....
उत्तर भारत में ज़्यादार जगहों पर कुल्फी को फालूदा के साथ परोसने का रिवाज है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं पारंपरिक रूप से केसर पिस्ता कुल्फी बनाना........ आजकल बहुत सारे लोग जल्दी बनने वाले व्यंजनों में ज़्यादा रूचि लेते हैं बनिस्बत पारंपरिक विधियों के : आप कंडेन्स्ड मिल्क से भी बना सकते हैं कुल्फी. मैं हालाँकि पारंपरिक विधि से ही बनाना पसंद करती हूँ इस स्वादिष्ट केसर पिस्ता कुल्फी को...
बर्फ की लौली/ चुस्की सभी को बेहद पसंद होती है और ख़ासतौर पर बच्चों को. बर्फ की लौली गर्मियों में तुरंत ठंडक पहुँचाती है - शायद यही वजह है कि बच्चे आइस्क्रीम के ठेले वाले की घंटी की आवाज़ सुनते ही बड़ों से ज़िद करते हैं चुस्की के लिए, और आप अक्सर यह कहकर मना कर देते होंगे कि नही इसको खाने से गला खराब हो जाएगा. घर पर बनने वाली यह लौली बिल्कुल शुद्ध है और आपको पता है कि आपने इसमें कोई केमिकल या फिर कृत्रिम स्वाद नही डाला है...