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बाजरे को बहुत पौष्टिक अनाज माना जाता है. बाजरे में प्रोटीन, कारबोहाइड्रेट और रेशे बहुतायत में होते हैं. बाजरा आमतौर पर गरम देशों में उगाया जाता है. भारत में बाजरा बहुत उगाया जाता है और इसका प्रयोग जाड़े़ के मौसम में अधिक किया जाता है क्योंकि इसकी तासीर गरम होती है और यह शरीर को उर्जा प्रदान करता है. आजकल दुनिया भर में बाजरा बहुत ज़्यादा उपयोग किया जाता है क्योंकि बाजरे में ग्लूटन नही होता है. ग्लूटन एलर्जी में जब डॉक्टर गेहूँ खाने को मना करते हैं तब बाजरा एक अच्छा विकल्प होता है.
भारत में जाड़े़ के मौसम में बाजरे से कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं. यहाँ हम आपको हमारे बचपन की एक मिठाई के बारे में बता रहे हैं. बाजरे की मीठी पूरी बनlने की यह विधि मेरी मम्मी की है. जब हम छोटे थे तब हमारी मम्मी ढेर सारी मीठी पूरी बनाकर रखती थीं कड़कड़ाती सर्दी में, स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए. इसमें सफेद तिल का भी प्रयोग किया जाता है स्वाद और सेहत को बढाने के लिए. आप इन पूरियों को घी में या फिर तेल में भी तल सकते हैं. आशा है यह विधि आपको पसंद आए. तो आप भी आजमाएँ यह विधि और हमेशा की तरह अपनी राय हमें ज़रूर लिखें. शुभकामनाओं के साथ, शुचि
कुछ नुस्खे / सुझाव :
अलसी, काला तिल, पोस्ता दाना, गोंद, बादाम इत्यादि पौष्टिक तत्वों से बनाए गये यह लड्डू अत्यंत फ़ायदेमंद होते हैं. इन लड्डू में फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड, कई प्रकार के खनिज और विटामिन भी हैं. आलसी के लड्डू बनाने में थोड़ा समय तो लगता ही है इसलिए आप फ़ुर्सत से बनाएँ यह लड्डू और लिखना ना भूलें अपनी राय/ सुझाव.....
तिल, खजूर, अखरोट इत्यादि से बने यह बार जिन्हे हम आम बोलचाल की भाषा में पट्टी भी कहते है जाड़े के मौसम में ख़ासतौर पर सभी को बहुत पसन्द भी आती है और यह पट्टी गरम भी होती हैं. पौष्टिकता से भरपूर यह बार बनने में भी बहुत आसान हैं और बहुत जल्दी बन जाती हैं. यह स्वादिष्ट बार बच्चों को भी बहुत पसंद आती हैं ...