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प्रिय पाठकों,
अक्सर हमारे पाठकगण पूछते हैं कि मधुमेह बीमारी से ग्रसित लोग कैसे अच्छे, स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक व्यंजन बना सकते हैं. हमने मेल के ज़रिए आपको कई बार अलग से भी इसकी जानकारी दी है लेकिन इस बार क्योंकि कई सारी फरमाइश एक साथ आ गयी हैं तो हमने सोचा कि बेहतर होगा अगर विस्तार से इसके बारे में वेबसाइट पर लिखा जाए.
मधुमेह यानि कि डायबिटीज (diabetes) क्या है- जब किसी भी इन्सान के खून में शक्कर की मात्रा निर्धारित मापदंड से ज्यादा हो जाती है तो उसे डायबिटिक यानि कि मधुमेह बीमारी से ग्रसित कहा जाता है. अब सवाल यह है कि यह निर्धारित मात्रा क्या है ?यह मापदंड समय समय पर बदलता रहता है. मैं डॉक्टर नहीं हूँ तो इस विषय में आप अपने डॉक्टर के साथ बात करें. हाँ जब एक बार किसी को मधुमेह हो गया तो क्या करा जाये? जितना मैंने पढ़ा है और अपने परिजनों को इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद अनुभव किया है उसके अनुसार मैं यह लेख यहाँ पर लिख रही हूँ. सबसे अच्छा यही है कि मधुमेह को खानपान और नियमित कसरत, योग, ध्यान इत्यादि से ही काबू में रखा जाये तो सबसे अच्छा है. मधुमेह की बीमारी अगर बढ़ जाती है तो यह पूरे शरीर को खोखला करना शुरू कर देती है. मैंने परिवार और दोस्तों में कई लोगों को इस बीमारी को भोगते हुए देखा है. मैं सबको यही सलाह देती हूँ कि खानपान में सुधार कीजिये और नियमित रूप से शारीरिक श्रम कीजिये.
वैसे तो किसी भी इंसान के लिए रोजाना में पौष्टिक खाना और नियमित कसरत ज़रूरी होती है लेकिन जब कोई बीमारी हो तो जीवन को सुचारू रूप से ही जीना ज़रूरी हो जाता है. आमतौर पर मधुमेह के लिए हमें हमारे भारतीय खाने में ज्यादा कुछ बदलाव करने की जरूरत नहीं है. मधुमेह से ग्रसित लोगों को सलाह दी जाती है कि वो अपने खाने में कार्बोहाइड्रेट को कम करें. यह बीमारी के प्रकार और इसकी तीव्रता पर भी निर्भर करता है कि आपके डॉक्टर आपको क्या सलाह देते हैं. यहाँ हम शाकाहारी भारतीय खाने के हिसाब से लिख रहे हैं तो कुछ चीजें जो खासतौर पर मधुमेह के रोगियों को मना की जाती हैं-
मधुमेह के रोगियों को क्या खाना चाहिए – हमारा भारतीय शाकाहारी खाना संतुलित आहार है. आप हरी सब्जी, रोटी, दाल, सलाद, दही आदि खाएं. चावल और आलू हटा दें. कोई अलग से खाना बनाने की जरूरत नहीं, ऐसा नहीं है कि आलू छू गया सब्जी में तो गुनाह हो गया. कुछ सुझाव रोजमर्रा के खाने के लिए.
ध्यान रखिये कि आपको शक्कर और कार्बोहाइड्रेट को कम करना है. यहाँ हम आपको कुछ व्यंजन जो कि बहुत ही स्वादिष्ट हैं, जिनको बनाना भी आसान है और जो आमतौर पर सभी के लिए उपयुक्त हैं जैसे कि हरी सब्जियाँ, ज्वार की इडली, ग्वार और मंगौड़ी की सब्जी, गाजर मेथी की सब्जी, अंकुरित मोठ का सलाद, पौष्टिक रोटी, और मीठे के लिए पार्फे जिसे दही से बनाया जाता है. आप मीठे में दलिया भी बना सकते हैं बस ध्यान रखिये कि शक्कर बस नाममात्र की ही डालिए. आपकी राय और सलाह का स्वागत है. आप अपना ध्यान रखें!
शुभकामनाओं के साथ,
शुचि
मधुमेह के रोगियों के लिए दालों पर प्रतिबंध नहीं है. शाकाहारी खाने में दालें प्रोटीन का सर्वोत्तम स्रोत हैं इसलिए दाल खाना अच्छा रहता है. जब आप दाल बनायें तो इस बात का ध्यान रखें कि इसमें चिकनाई की मात्रा कम डालें. क्योंकि दालों में प्रोटीन ज्यादा होता है तो इसे दोपहर के खाने में खाना चाहिए जिससे यह अच्छे से हजम हो जाये. दालों के बारे में विस्तार से पढ़ें.
वैसे तो सूप सेहत का खजाना है और सभी के लिए बहुत फायदेमंद है और मधुमेह के रोगियों के लिए तो सभी प्रकार के सूप बहुत अच्छे रहते हैं. जब आप सूप बनायें तो इस बात का ध्यान रखें कि इसमें चिकनाई कम हो और आप cornflour इत्यादि का प्रयोग भी न करें तो ज्यादा अच्छा है. क्लियर सूप सेहत के लिहाज से ज्यादा अच्छे और पौष्टिक रहते हैं. सूप के बारे में विस्तार से पढ़ें.
अंकुरित मोठ स्वाद और सेहत का संगम हैं. अंकुरित मोठ से आप कई व्यंजन बना सकते हैं. आज हम यहाँ अंकुरित मोठ का सलाद बना रहे हैं. अंकुरित बीन्स पाचन एंजाइमों के प्रमुख स्रोत हैं, और ख़ासतौर पर इनमें अमीनो एसिड, विटामिन, प्रोटीन आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. बीन्स को आसानी से घर पर अंकुरित किया जा सकता है .....
छोले/ काबुली चने से बनी यह चाट उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय है. इस चाट को आप बहुत कम समय में घर पर भी बना सकते हैं और सबसे अच्छी बात यह है कि यह चाट स्वादिष्ट होने के साथ ही साथ पौष्टिक भी है. छोले में प्रोटीन बहुतायत में पाया जाता है और इसमें आइरन और रेशे भी प्रचुर मात्रा में होते हैं. तो अगर आप कम कैलोरी वाले किसी व्यंजन की तलाश में है तो यह यह छोला चाट आपके लिए एकदम सही चाट है..... .
बेबी पालक, अखरोट, और स्ट्रॉबेरी से बना यह सलाद, विटामिन, प्रोटीन, खनिजों, और रेशों का भंडार है. बेबी पालक में विटामिन ए, सी, उर बी6, आइरन, कॅल्षियम, फोलेट आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. अखरोट में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. स्ट्रॉबेरी दो सभी की अज़ीज है. इस सलाद का स्वाद बढ़ने के लिए हमें इसमें बॉल्सेमिक सिरका की....
अंकुरित अनाज बीजों को अंकुरित करके बनाए जाते है. अंकुरित अनाज पाचन एंजाइमों के प्रमुख स्रोत हैं, और ख़ासतौर पर इनमें अमीनो एसिड, विटामिन , प्रोटीन आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. अनाज को आसानी से घर पर अंकुरित किया जा सकता है . आज हम आपको बहुत ही आसानी से बनने वाला अंकुरित चने का सलाद बनाना बता रहे हैं...
कचूमर मतलब किसी चीज़ को महीन काटना या फिर तोड़ कर भरता बना देना. कचूमर को किसी भी प्रकार के खाने के साथ परोसा जा सकता है. अब चाहे वो दाल-चावल हो या फिर पुलाव...... तो बनाते हैं कटी हुई सब्जियों का स्वादिष्ट सलाद कचूमर, जिसमें है नीबू और इमली के रस का मजेदार स्वाद..
यह सलाद बहुत ही रंगीन है और सभी को बहुत पसन्द आता है. इसमें विटामिन ए बहुतायत में पाया जाता है क्योंकि इस सलाद में पत्ता गोभी और गाजर प्रचुर मात्रा में हैं. आप सब्जियों को मौसम के अनुसार बदल भी सकते है. दाल चावल के साथ यह सलाद बहुत बढ़िया लगता है...
मूली का कस एक पारंपरिक उत्तर भारतीय सलाद है, जिसे मूली को कद्दूकस करके और फिर उसमें नीबू का रस और थोड़ी हरी मिर्च, अदरक और हरी धनिया डालकर बनाया जाता है. हमारे घर पर पूड़ी कचौड़ी सब्जी के साथ मूली का कस ज़रूर बनता है. इस सलाद को बनाना बहुत आसान है और यह बहुत ही उम्दा होता है..
ज्वार, सूजी, गाजर और दही से बनाई गयी यह स्वादिष्ट इडली बहुत ही पौष्टिक हैं. ज्वार को सेहत के लिहाज से बहुत अच्छा माना जाता है और अक्सर मधुमेह के रोगी को डॉक्टर गेंहूँ से ज़्यादा ज्वार के इस्तेमाल की सलाह देते हैं. इन स्वादिष्ट और पौष्टिक इडली की विधि ...
जई में रेशे की मात्रा अधिक होती है इसीलिए इसे बहुत पौष्टिक माना जाता है. मधुमेह के मरीजों को भी भारत में डॉक्टर गेहूँ के स्थान पर ज़ई का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं. वैसे तो ज़ई से कई तरह के मीठे और नमकीन व्यंजन बनते हैं लेकिन यहाँ पर हम आपको स्वादिष्ट ज़ई का पुलाव बनाना बता रहे है....
अंकुरित मोठ स्वाद और सेहत का संगम हैं. सुबह के नाश्ते के लिए यह बहुत हल्के रहते हैं. अंकुरित बीन्स पाचन एंजाइमों के प्रमुख स्रोत हैं, और ख़ासतौर पर इनमें अमीनो एसिड, विटामिन, प्रोटीन आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. बीन्स को आसानी से घर पर अंकुरित किया जा सकता है. अंकुरित मोठ से आप कई व्यंजन बना सकते हैं. ...
अंकुरित मोठ स्वाद और सेहत का संगम हैं. सुबह के नाश्ते के लिए यह बहुत हल्के रहते हैं. अंकुरित मोठ से आप और भी कई व्यंजन बना सकते हैं... अंकुरित बीन्स पाचन एंजाइमों के प्रमुख स्रोत हैं, और ख़ासतौर पर इनमें अमीनो एसिड, विटामिन, प्रोटीन आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. बीन्स को आसानी से घर पर अंकुरित किया जा सकता है..
सोयाबीन प्रोटीन का भी बहुत अच्छा स्रोत है और इसमें फाइबर की मात्रा भी ज़्यादा होती है और साथ ही साथ इसमें मैग्नीशियम और आइरन के अंश भी होते हैं. कुल मिलाकर सोयाबीन स्वास्थ्य का खजाना होता है. आप इसे करी के साथ बना सकते हैं और चावल के साथ परोस सकते हैं या फिर इसे सूखा बना सकते हैं नाश्ते के लिए....
लौकी पोस्तो की यह सब्जी बहुत स्वादिष्ट होती है . लौकी, जिसे घिया, कद्दू , दूधी इत्यादि नामों से भी जाना जाता है, स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी होती है. लौकी में तकरीबन 90% मात्रा पानी की होती है और इसमें रेशे भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. लौकी में विटामिन सी, जिंक, औट रिबॉफ्लेविन भी पाया जाता है .
इस रेसिपी के पीछे एक बहुत सुन्दर कहानी है. इस लौकी पोस्तो की रेसिपी का श्रेय मेरी एक बहुत अज़ीज दोस्त शालिनी और...
कुंद्रू को कई और नामों से भी जाना जाता है जैसे कि टिंडॉरा/ टिनडोरा. कुन्द्रु भारत में तो बहुत आसानी से मिलने वाली सब्जी है ही लेकिन यह अमेरिका में भी सभी इंडियन स्टोर्स में भी आसानी से मिल जाती है. किकुन्दरू में बेटा-केरोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. कुन्दरू को अलग- अलग प्रांतों में विभिन्न विधियों से बनाया जाता है. यहाँ हम कुन्द्रु को उत्तर भारतीय तरीके से बना रहे है...
केल हमारे शहर में बहुत ही आसानी से मिलने वाली हरी सब्जी है. वैसे जहाँ तक मुझे याद है मैने उत्तर भारत में यह हरी सब्जी नही देखी है. केल, वनस्पति विज्ञान में मूली और सरसों के परिवार का सदस्य है और इसकी पत्तियाँ बिलकुन सरसों के जैसे ही दिखती हैं और स्वाद में यह मूली से बहुत मिलता है.. बहुत पौष्टिक होता है इसमें विटामिन्स, खनिज और रेशे सब कुछ बहुतायत में पाए जाते हैं. हम यहाँ पर भारतीय स्टाइल ..
गार्डेन वेजिटेबल मेडले/ सब्ज़बहार एक स्वादिष्ट, रंगीन, पौष्टिक और फटाफट बनने वाली स्टिर फ्राइ डिश है. इस सब्ज़बहार के लिए आप सब्जियों का चयन अपने स्वाद और मौसम के अनूरूप भी कर सकते हैं. वैसे तो यह सब्ज़बहार ऐसे ही बहुत स्वादिष्ट लगती है पर आप इसे दाल चावल, इटालियन ब्रेड, फ्रेंच ब्रेड, पास्ता इत्यादि के साथ भी परोस सकते हैं. तो आप भी बनाएँ यह स्वादिष्ट सब्ज़बहार और .....
ग्वार मंगौड़ी की इस सब्जी को बनाना मैने अपनी एक सहेली से सीखा है जो उज्जैन, मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं. उन्होने इस सब्जी में लंबी छड़ जैसी दिखने वाली मंगौड़ी का इस्तेमाल किया था. लेकिन हमारे पास गोल मंगौड़ी है तो हमने उससे ही इस सब्जी को बनाया है. यह सब्जी स्वादिष्ट होने के साथ ही साथ बहुत पौष्टिक भी है.....
मेथी की पत्तियाँ औषधीय तत्वों से भरपूर होती है, हालाँकि मेथी थोड़ी कड़वी होती है इसीलिए इसे अगर आप गाजर के साथ बनाएँ तो यह अत्यंत स्वादिष्ट लगती है. स्वास्थ और स्वाद से भरपूर इस सब्जी को बनाना भी काफ़ी आसान होता है और यह बहुत कम समय में बनकर तैयार हो जाती है लेकिन मेथी को साफ करने में थोड़ा सा समय लगता है. करेला, मूली, मेथी इत्यादि कुछ ऐसी सब्जियाँ हैं जिन्हे मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत ... ..
सिज़्लर/ सिज़लिंग अँग्रेज़ी भाषा का शब्द है. जब गरम तवे पर पानी की छीटें पड़ती हैं तो जो 'छन छन' की आवाज़ निकलती है उसे ही सिज़लिंग कहते हैं. आजकल सिज़्लर व्यंजनों का चलन बहुत बढ़ गया है. चलिए आपको बताते हैं कि सिज़्लर को कैसे बनाते हैं और उसे कैसे परोसा जाता है. सिज़्लर बनाने के ..
शरूम के व्यंजन आजकल बहुत ज़्यादा प्रचलन में हैं. वैसे तो मशरूम कई प्रकार के होते हैं लेकिन भारत में आमतौर पर सफेद मशरूम जिसे बटन मशरूम के नाम से भी जाना जाता है, ही अधिक प्रयोग में लाए जाते हैं. करीब दो दशक पहले तक मशरूम टीन के डब्बे में आते थे और कुछ खास दुकानों में ही मिलते थे लेकिन अब...
पत्ता गोभी विटामिन ए से भरपूर होती है . पत्ता गोभी बनाने की यह विधि पारंपरिक गुजराती है . रोटी, पराठे के साथ तो यह सब्जी बहुत स्वादिष्ट लगती ही है, लेकिन यह सब्जी रूखी भी बहुत अच्छी लगती है. इस सब्जी को बनाते समय यह याद रखें कि इसमें पत्ता गोभी को ज़्यादा ग़लlते नही हैं. मुझे......
तोरण मलयाली सूखी सब्जी है जो कि पत्ता गोभी, हरी मटर, करेला, कटहल, बीन्स, इत्यादि को नारियल के साथ पका कर बनाया जाता है. उत्तर भारत में इसे फुगात के नाम से भी जानते हैं. करेले का तोरण बनाने में बहुत आसान है और इसे बनाने में समय भी बहुत कम लगता है. तोरण को आमतौर पर चावल के साथ परोसा जाता है.....
ताजी हरी मटर के दानों से बनने वाली यह घुगनी उत्तर प्रदेश की बहुत मशहूर डिश है. घुगनी बनाने की यह विधि मेरी माँ की है. घुगनी में खूब सारी अदरक डाली जाती है जो मटर के पाचन में मदद करती है. तो बनाइए जाड़े के इस मौसम में मटर की घुगनी....
लौकी खाने में तो स्वादिष्ट होती ही और स्वास्थ के लिए भी बहुत ही अच्छी रहती है. हल्की फुल्की सी यह लौकी की रेसिपी बड़ी स्वादिष्ट लगती है पराठे क साथ. तो बनाइए इस बार लौकी की सब्जी और पराठे.... .
भरवाँ करेले उत्तर भारत में बहुत पसंद किए जाते हैं. करेले जल्दी खराब नही होते हैं तो इनको ज़्यादा से बनाकर भी रख सकते हैं. सफ़र में ले जाने के लिए भी करेले की सब्जी बहुत अच्छी रहती है...
कुन्दरू को कई और नामों से भी जाना जाता है, जिनमे से एक है टिंडॉरा. कुन्दरू में बेटा-केरोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. कुन्दरू को अलग- अलग प्रांतों में विभिन्न विधियों से बनाया जाता है. यह कुन्दरू को बनाने का उत्तर भारतीय तरीका है...
सरसों का साग पंजाब की विशेषता है! इस स्वादिष्ट साग को मक्के की रोटी के साथ परोसा जाता है. आमतौर पर यह कोम्बो जाड़े के दिनों में बनाया जाता है जब ताजी सरसों बाजार में आसानी से उपलब्ध होती है. सरसों में आयरन बहुतायत में पाया जाता है. तो आप भी बनाइए सरसों का साग और मक्के की रोटी...
निमोना हरी मटर से बनाया जाता है, खासतौर से जाड़े के मौसम में जब बाजार में ताजी हरी मटर बहुतायत में मिलती है . विदेश में तो आमतौर पर ताजी मटर मिलती नहीं है तो आप इसे फ्रोजन हरी मटर के दानों से भी बना सकते हैं. निमोना के बारे में मुझे हमारे एक बहुत करीबी दोस्त मिस्टर सिंह और उनकी धर्म पत्नी श्रीमती इंदु सिंह जी ने बताया है .......
जाड़े के मौसम में गोभी बहुत ताजी और अच्छी मिलती है, तो चलिए इन ताजी गोभी से कुछ जाएकेदार बनाते हैं. मसाला गोभी पहले पहल हमने अपनी एक दोस्त के घर लखनऊ में खाई थी. उसके बाद तो जाड़े में अक्सर करके यह गोभी बन ही जाती है. गरमागरम पराठे के साथ यह गोभी बहुत लज़ीज़ लगती है. मैं तो गोभी को हल्का उबाल कर इसे करी में पकाया हैं लेकिन आप गोभी को तल कर के भी मसाला गोभी बना ...
ताजे मकई के दानों, हरी मटर और ताजी मेथी से बनी यह लाजवाब मकई दिलबहार खाने में बेहद लज़ीज़ होती है. आप इस स्वादिष्ट करी को अपनी पसंद की किसी भी रोटी, लच्छा पराठा, नान, इत्यादि के साथ परोस सकते हैं. तो आप भी बनाइए मेरी मनपसंद मकई दिलबहार.......
पालक और कॉर्न की करी एक स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन है जिसे बनाना भी बहुत आसान है. पालक में विटामिन ए, सी, ई प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें फॉलिक आसिड भी बहुतायत में मिलता है. बहुत सारे लोग जिन्हे पालक कम पसंद आती है वो भी इस करी को पसन्द करेंगें. तो आप भी यह स्वादिष्ट पालक और कॉर्न की करी बनाएँ...
गट्टा करी या फिर गट्टे की सब्जी मारवाड़ी/ राजस्थानी विशेषता है. बिना प्याज लहसुन के बनने वाला यह व्यंजन खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है. गट्टे की करी को आमतौर दही से बनाते हैं, कढ़ी के जैसे.. वैसे कुछ रेस्टोरेंट वाले इस डिश को प्याज और टमाटर की करी में भी बनाते हैं. तो आप भी बनाइए इस यह स्वादिष्ट राजस्थानी व्यंजन...
साग पनीर को सरसों और पालक की करी में बनाया जाता है. साग पनीर भी पालक पनीर की तारह ही स्वाद और सेहत से भरपूर होता है और इसको बनाना भी आसान है. वैसे तो सरसों जाड़े के मौसम में बहुतायत में आती है लेकिन अब तो हरी सब्जियाँ गर्मी में भी आसानी से उपलब्ध हैं लेकिन फिर भी अगर आपको ताजी सरसों ना मिले तो आप फ़्रोज़ेन सरसों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.....
पालक की हल्के मसाले की करी और पनीर से बनाई गयी यह डिश बहुत लोकप्रिय है. पालक पनीर सेहत और स्वाद से भरपूर है, और बनाने में आसान ! पालक में विटामिन ए, सी, ई प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें फॉलिक आसिड भी बहुतायत में मिलता है. बहुत सारे लोग जिन्हे पालक कम पसंद आती है वो भी इस करी को पसन्द करेंगें. तो आप भी यह स्वादिष्ट पालक और पनीर की करी बनाएँ और ....
मधुमेह के रोगियों के लिए गेहूं के आटे से ज्यादा पौष्टिक जौ, और चना आदि का आटा माना जाता है क्योंकि इनमे कार्बोहाइड्रेट कि मात्रा कम होती है और रेशे ज्यादा होते हैं. आप आटे में थोड़ी सी पिसी अलसी भी मिला सकते हैं. रोजाना में आटा गूथते समय इसमें थोड़ी सी कटी हरी पत्तियां जैसे कि पालक, मेथी, सरसों की पत्तियां आदि भी मिला सकते हैं.
जैसा कि नाम से ही जाहिर है यह एक बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक रोटी की विधि है जिसे हमने गेहूँ और ज़ई के आटे में कई प्रकार की सब्जियों को मिलाकर बनाया है. यह रोटियाँ मधुमेह के मरीजों के लिए तो उत्तम हैं ही इसके साथ ही साथ यह संपूर्ण परिवार के लिए भी बहुत अच्छी रहती हैं. आप चाहें तो इसी आटे के पराठे भी बना सकते हैं. हमारे बच्चे जो पत्ता गोभी बिल्कुल पसंद नही करते हैं उन्हे भी यश रोटी बहुत पसंद आई...
केल अमेरिका में बहुत ही आसानी से मिलने वाली हरी सब्जी है. वैसे जहाँ तक मुझे याद है मैने उत्तर भारत में यह हरी सब्जी नही देखी है. केल, वनस्पति विज्ञान में मूली और सरसों के परिवार का सदस्य है और इसकी पत्तियाँ बिल्कुल सरसों के जैसे ही दिखती हैं और स्वाद में यह मूली से बहुत मिलती है. केल को विदेश में सुपर फुड के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह बहुत पौष्टिक होता है इसमें विटामिन्स, खनिज और रेशेैं...
पालक में जिंक, कैल्शियम, आयरन इत्यादि बहुतायत में पाए जाते हैं. पालक फाइबर, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन सी, फोलेट, और मैग्नीशियम आदि का भी अच्छा स्रोत है. पालक के पत्ते दुनिया भर में आसानी से उपलब्ध है. आज मैं आपको पालक के पराठे बनाने की विधि बता रही हूँ.पालक के पराठे बहुत पौष्टिक और स्वादिष्ट होते है और इन रंगीन पराठों...
मेथी की पत्तियाँ औषधीय तत्वों से भरपूर होती है. इसमें आइरन, कॅल्षियम, मॅगनिशियम इत्यादि तो होता ही है प्रचुर मात्रा में, इसके साथ साथ यह बहुत अच्छी पाचक भी होती है. मेथी और पनीर के पराठे बड़े स्वादिष्ट होते हैं और पौष्टिक भी. मैं घर पर 2% दूध से पनीर बनती हूँ तो उसमें....
बेसन से बनने वाली यह मिस्सी रोटी किसी भी दाल या फिर करी के साथ परोसी जा सकती है. खाने में स्वादिष्ट होने के साथ- साथ यह प्रोटीन से भरपूर होती है....
मेथी बहुत गुणकारी होती है. इसमें आइरन, कॅल्षियम, मॅगनिशियम इत्यादि तो होता ही है प्रचुर मात्रा में, इसके साथ साथ यह बहुत अच्छी पाचक भी होती है. मेथी के पराठे बड़े स्वादिष्ट होते हैं और पौष्टिक भी. अगर आपको ताजी मेथी नही मिलती है तो आप कसूरी मेथी को पानी में भिगोकर भी बना सकते हैं. तो बनाइए मेथी के पराठे...
मक्के की रोटी और सरसों के साग से तो आप सभी परिचित होंगे. यह पंजाब का एक बहुत ही प्रसिद्ध कोम्बो है. आम तौर पर इसे जाड़ों के मौसम में बनाया जाता है जब ताजी हरी सरसों बाजार में आसानी से उपलब्ध होती है. तो आप भी आजमाएँ यह स्वादिष्ट डिश....
रोटी को भारत के विभिन्न प्रांतों में अलग अलग नामों से जाना जाता है, जैसे की फुलका, चपाती, इत्यादि.. रोटी गेहूं के आटे से बनाई जाती है और लगभग हर घर में रोजाना बनने वाली चीज़ है. ...
मधुमेह के रोगियों को शक्कर खास तौर पर मना होती है. यह आपकी बीमारी की तीव्रता पर निर्भर करता है कि आप के डॉक्टर ने आपको कितनी शक्कर खाने की इजाजत दी है. अगर खून में शक्कर की मात्रा ज्यादा है और आपका शुगर लेवल हमेशा हाई रहता है तो डॉक्टर आपको केला, आम और चीकू जैसे मीठे फल तक खाने को मना कर सकते हैं लेकिन अगर आपकी शुगर आपकी दिनचर्या और खान पान से नियंत्रण में है तो आप कभी कभार थोडा बहुत मीठा खा सकते हैं. रिसर्च के अनुसार और ज्यादातर डॉक्टर्स के अनुसार अगर आपको खाना ही है तो रेग्युलर ओर्गानिक शक्कर कृत्रिम शक्कर के उत्पादों से बेहतर हैं. जहाँ तक संभव हो शक्कर न खाएं लेकिन 4-6 दिन में अगर बहुत मन है तो हल्का मीठा खाएं. कुछ मिठाइयाँ जिनमे शक्कर का बहुत कम प्रयोग होता है उनको बनाने की विधि इस प्रकार है.
अखरोट को एक बहुत ही फायेदेमंद मेवा माना जाता है. इसमें कई प्रकार के विटामिन और खनिज होते हैं. अखरोट की बरफी एक बहुत आसानी से बनने वाली मिठाई है. इस मिठाई को बनने में समय भी कम लगता है. आप अपने स्वाद के अनुरूप इसमें कुछ और मेवे भी मिला सकते हैं आम तौर पर मेवे की मिठाई व्रत में भी खाई जा सकती है......
अलसी, काला तिल, पोस्ता दाना, गोंद, बादाम इत्यादि पौष्टिक तत्वों से बनाए गये यह लड्डू अत्यंत फ़ायदेमंद होते हैं. इन लड्डू में फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड, कई प्रकार के खनिज और विटामिन भी हैं. आलसी के लड्डू बनाने में थोड़ा समय तो लगता ही है इसलिए आप फ़ुर्सत से बनाएँ यह लड्डू और लिखना ना भूलें अपनी राय/ सुझाव.....
सकट चौथ और संक्रांति के अवसर पर कई प्रकार के लड्डू, तिल के व्यंजन, गुड, गोंद, मूँगफली इत्यादि के व्यंजाओं को बनाने की परंपरा है. शायद यह परंपरा इस लिए भी है क्योंकि यह जाड़े के त्यौहार हैं और तिल, गुड़, मूँगफली, गोंद इत्यादि पौष्टिक और गर्म तासीर की सामग्री हैं. तो चलिए इस आने वाले त्यौहार की तैयारी में बनाते हैं यह पौष्टिक लड्डू. ...
बर्फ की लौली/ चुस्की सभी को बेहद पसंद होती है और ख़ासतौर पर बच्चों को. बर्फ की लौली गर्मियों में तुरंत ठंडक पहुँचाती है - शायद यही वजह है कि बच्चे आइस्क्रीम के ठेले वाले की घंटी की आवाज़ सुनते ही बड़ों से ज़िद करते हैं चुस्की के लिए, और आप अक्सर यह कहकर मना कर देते होंगे कि नही इसको खाने से गला खराब हो जाएगा. ...
तिल, खजूर, अखरोट इत्यादि से बने यह बार जिन्हे हम आम बोलचाल की भाषा में पट्टी भी कहते है जाड़े के मौसम में ख़ासतौर पर सभी को बहुत पसन्द भी आती है और यह पट्टी गरम भी होती हैं. पौष्टिकता से भरपूर यह बार बनने में भी बहुत आसान हैं और बहुत जल्दी बन जाती हैं. यह स्वादिष्ट बार बच्चों को भी बहुत पसंद आती हैं ...
जई का मीठा दलिया एक बहुत ही पौष्टिक और स्वादिष्ट डिश है जिसे आप सुबह के नाश्ते में, खाने के बाद मिठाई के रूप में या फिर कुछ हल्का खाने का मन है तो भोजन के रूप में भी परोस सकते हैं. जई को सेहत के लिहाज से भी बहुत अच्छा माना जाता है ...
दही कैल्शियम और प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत्र है. गर्मी के मौसम में दही ताज़गी और ठंडक देता है. फलों के साथ इस मीठे दही के व्यंजन में हमने शक्कर के स्थान पर शहद का प्रयोग किया है जो इसे और ज़्यादा स्वाद देता है. ...
मीठा दलिया एक बहुत ही पौष्टिक और स्वादिष्ट डिश है जिसे आप सुबह के नाश्ते में, खाने के बाद मिठाई के रूप में या फिर कुछ हल्का खाने का मन है तो भोजन के रूप में भी परोस सकते हैं. यहाँ पर हमने मिले जुले कुटे हुए अनाज का प्रयोग किया है जैसे कि, गेहूँ का दलिया, ज़ई....
खजूर और अखरोट से बनी यह बरफी बनाने में बहुत आसान और बहुत पौष्टिक भी है. मैने यह बरफी बनाना अपनी एक सहेली अपर्णा से सीखा है. यह बरफी सभी को बहुत पसंद आती है तो चलिए इस बार जन्माष्टमी पर यह चट पट बनने वाली खजूर और अखरोट की बरफी बनाते हैं....
संदेश छेने से बनने वाली एक बहुत प्रसिद्ध बंगाली मिठाई है. मैं कभी बंगाल तो नही गई लेकिन कानपुर शाहर में मैने जितनी छेने की मिठाइयाँ देखी हैं उतनी कहीं नहीं, जैसे कि रसगुल्ले, रसमलाई, राज भोग, खीर कदम, छेने की सैंडविच, इत्यादि इत्यादि....सभी एक से बढ़कर एक- लाजवाब. संदेश कई आकार के और कई अलग अलग स्वाद के होते हैं...
बर्फ की लौली/ चुस्की सभी को बेहद पसंद होती है और ख़ासतौर पर बच्चों को. बर्फ की लौली गर्मियों में तुरंत ठंडक पहुँचाती है - शायद यही वजह है कि बच्चे आइस्क्रीम के ठेले वाले की घंटी की आवाज़ सुनते ही बड़ों से ज़िद करते हैं लौली के लिए, और आप अक्सर यह कहकर मना कर देते होंगे कि नही इसको खाने से गला खराब हो जाएगा. घर पर बनने वाली यह लौली.....
दलिया स्वास्थ और सेहत की दरष्टी से अति उत्तम है. दलिये से विभिन्न प्रकार के नाश्ते, सलाद और मिठाइयाँ बनाई जाती हैं. दलिये में रेशे प्रचुर मात्रा में होते हैं और इसका सेवन मधुमेह के मरीजों के लिए काफ़ी अच्छा माना जाता है. यह एक दूध का दलिया बनाने की आसान सी विधि है जो खाने में बहुत स्वादिष्ट लगती है. इसको आप सुबह के नाश्ते में.....
श्रीखंड पश्चिम भारत की एक बहुत पारंपरिक मिठाई है. दही को मलमल के कपड़े में बाँधकर, और फिर उसे लटकाकर उसका पानी निकालने के बाद, शक्कर, मेवा, इलायची, और केसर डालकर बनाया जाता है श्रीखंड. श्रीखंड को बनाना तो आसान होता है लेकिन इसको बनाने के लिए थोड़े समय की आवश्यकता होती है.......
दूध और लौकी से तैयार की गयी यह मिठाई हल्की मीठी होती है. इस स्वादिष्ट मिठाई को भगवान कृष्ण के जन्म दिवस पर बनाइए और सबको खिलाइए. इस मिठाई की एक और ख़ासियत है कि यह फलाहारी है और व्रती लोग भी खा सकते हैं....