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मंगौड़ी का प्रयोग मैं बचपन से अपने घर में देखती आ रही हूँ. यह मारवाड़ी खाने की जान होती हैं. मंगौड़ी को मूंगदाल के पेस्ट से बनाया जाता है. बनाने के बाद मंगौड़ी को धूप में सुखाते हैं और फिर इसे डिब्बे में स्टोर कर सकते हैं और ज़रूरत के अनुसार इसका प्रयोग किया जा सकता है. मेरे लिए मेरी मम्मी और मेरी सासू माँ घर पर मंगौड़ी बना कर भेज देती हैं. वैसे आजकल बनी बनाई मंगौड़ी आसानी से बाजार में भी मिल जाती हैं. मंगौड़ी का प्रयोग बहुत सारे व्यंजनों में होता है जैसे कि मंगौड़ी की तहरी, मंगौड़ी की सूखी सब्जी भी बनाई जाती है गवार इत्यादि की फली के साथ. मेरी मम्मी मंगौड़ी की बहुत स्वादिष्ट कढ़ी भी बनाती हैं.
आज हम यहाँ आपको मंगौड़ी पापड़ की सब्जी बनाना बता रहे हैं जिसको बनाने की विधि मैंने अपनी एक अजीज दोस्त चंचला से सीखी है. चंचला इन्दौर की रहने वाली हैं और बहुत स्वादिष्ट मारवाड़ी/ राजस्थानी खाना बनाती हैं. इस सब्जी को बनाना भी आसान है और स्वादिष्ट भी बहुत होती है. मंगौड़ी पापड़ की यह सब्जी बिना प्याज लहसुन के बनाई जाती है. इस सब्जी की एक और खासियत है कि यह मधुमेह वाले भी खा सकते हैं. इस सब्जी को आप रोटी, पराठे, या फिर चावल के साथ परोस सकते हैं. आशा है यह विधि आपको पसंद आए. कृपया अपनी राय हमें ज़रूर लिखें. शुभकामनाओं के साथ, शुचि
मंगौड़ी को मूंगदाल के पेस्ट से बनाया जाता हैं . बनाने के बाद मंगौड़ी को धूप में सुखाते हैं और फिर इसे डिब्बे में स्टोर कर सकते हैं और ज़रूरत के अनुसार इसका प्रयोग किया जा सकता है. वैसे आजकल बनी बनाई मंगौड़ी आसानी से बाजार में भी मिल जाती हैं. हालाँकि विदेश में इसे ढूँढना ....
जब मैं छोटी थी तो हमारे वैष्णव परिवार में मंगौड़ी का बहुत प्रयोग होता था. राजस्थानी/ मारवाड़ी खाने में आमतौर पर मंगौड़ी का काफ़ी इस्तेमाल होता है. मंगौड़ी की कढ़ी एक बहुत ही स्वादिष्ट और आसानी से बनने वाली डिश है...
ग्वार या फिर गवार की फली विटामिन, खनिजों और रेशे से भरपूर सब्जी है. बींस से थोड़ी चपटी दिखने वाली यह सब्जी भी बींस और मटर के परिवार की ही है. कहते हैं कि इस सब्जी के नियमित सेवन से स्टोन्स/ पथरी की परेशानी नही होती है. अगर आप हिन्दुस्तान के बाहर रहते हैं तो मैं आपकी जानकारी के लिए यह बता दूँ कि ग्वार की फली ..
मौसमी सब्जियों और मूँग की दाल की मंगोड़ियों के साथ तैयार की जाने वाली यह चावल की यह मारवाड़ी डिश उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय है. मंगौड़ी की तहरी के ज़िक्र आते ही मुझे अपने बचपन की यादें ताज़ा हो जाती हैं. हमारे वैष्णव परिवार में मंगौड़ी की तहरी अक्सर कर के इतवार की दोपहर को बनती थी. वैसे तो यह तहरी अपने आप में ही बहुत स्वादिष्ट लगती है फिर भी आप स्वाद बढ़ाने के लिए इसे पुदीने की चटनी या फिर दही के साथ भी परोस सकते हैं....