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प्रिय पाठकों, मेथी का पौधा वार्षिक होता है. मेथी बहुत गुणकारी और औषधीय मानी जाती है और इसका उपयोग पेट की बीमारियों से लेकर मधूमेह तक के बचाव में होता. जहाँ ताजी मेथी की पत्तियों का प्रयोग पराठा, सब्जी, करी, नाश्ते इत्यादि में होता है वही मेथी के दानों का प्रयोग मसाले के रूप में होता है.
मेथीदाना
सूखी मेथी की पत्तियों को कसूरी मेथी कहते हैं . कसूरी मेथी का प्रयोग रिच करी जैसे कि पनीर बटर मसाला इत्यादि में होता है. आप कसूरी मेथी पंसारी की दुकान खरीद सकते हैं या फिर घर पर ताजी मेथी की पतियों का डंठल हटा कर उन्हें सुखा कर भी बना सकते हैं.
मेथी को आसानी से घर की बगिया में भी उगाया जा सकता है. बल्कि मेरा अनुभव है की मेथी किसी भी और सब्जी के मुकाबले ज्यादा आसानी से बढती है. मेथी को आप रसोई में इस्तेमाल होने वाले मेथीदाने यानि की मसाले वाले सूखे मेथी के बीज मेथी को आप बगीचे में या फिर गमले में किसी भी चीज में उगाये यह बहुत जल्दी अंकुरित होती है.
मेथी को घर पर गमले में उगने के लिए आप गमले में मिटटी लें अब इसके ऊपर अच्छे से मेथीदाना डालें. हर मेथीदाने के बीच में आप लगभग चौथाई इंच की जगह छोड़ें. अब मेथी के दानों (बीज) को आप एक हल्की मिटटी की परत से ढक दें. हल्का सा पानी छिडकें जिससे मिटटी पूरी तरह से गीली हो जाये. लीजिये हो गया काम . हर दिन इस पर पानी का छिडकाव करें जिससे बीज सूखने न पायें और इन्हें नमी मिले. आप देखेंगे कि तीसरे दिन ही मेथी के अंकुर फूट गए हैं. बस हर दिन पानी दीजिये और गमले हो धूप में रखिये. 15 दिन में ही मेथी की पत्तियां काटने लायक बड़ी हो जाती हैं. अगर थोड़ी बड़ी पत्ती चाहिए तो कुछ दिन और इंतजार करें. लगभग 25 दिन में मेथी अच्छी खासी बड़ी हो जाती है.
यह जो फोटो लगीं हैं यह 15 दिन की मेथी की हैं. हमारे यहाँ आजकल दिन का तापमान करीब 15-20 डिग्री सेल्सियस चल रहा है. मेथी बहुत गर्मी ( 40 डिग्री सेल्सियस ) और बहुत सर्दी (बरफ ज़माने वाली ठण्ड) को छोड़कर बाकि मजे में उगाई जा सकते है.
शुभकामनाओं के साथ , !!
शुचि
मैं मेथी का इस्तेमाल बहुत सारे व्यंजनों में करती हूँ. पराठे, दाल, छोले, पुलाव इत्यादि किसी भी चीज में जब मैं मेथी डालती हूँ तो इसका स्वाद बहुत बढ़ जाता है.कुछ मेथी से बनने वाले व्यंजन मैं यहाँ आपकी जानकारी के लिए लगा रही हूँ.
मेथी और पनीर से बनाया गया यह पुलाव स्वादिष्ट भी है और पौष्टिक भी. मेथी औषधीय तत्वों से भरपूर होती है. इसमें आइरन, कॅल्षियम, मॅगनिशियम इत्यादि तो होता ही है प्रचुर मात्रा में, इसके साथ साथ यह बहुत अच्छी पाचक भी होती है. मुझे मेथी और पनीर का संगम बहुत अच्छा लगता है क्योंकि मेथी स्वाद में हल्की सी कड़वी होती है और पनीर में हल्कि सी मीतहस होती है तो यह दोनों मिलकर व्यंजन को बहुत बढ़िया स्वाद देते हैं..
मेथी मलाई पनीर एक रिच, स्वादिष्ट पनीर की डिश है. प्याज, टमाटर, ताजी क्रीम, और मसालों के मिश्रण, ख़ासतौर पर मेथी की ताजी पत्तियों के साथ तैयार की गयी यह करी बहुत स्वादिष्ट होती है. पनीर की डिश किसी भी शाकाहारी पार्टी की ख़ासियत होती है और मेथी मलाई पनीर तो एक लाजवाब डिश है जो किसी भी पार्टी में चार चाँद लगा दे. अगर आपको ताजी मेथी ना मिले तो आप कसूरी मेथी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
मेथी की पत्तियाँ औषधीय तत्वों से भरपूर होती है, लेकिन क्योंकि मेथी कड़वी होती है इसीलिए इसे सोया/ डिल (डिल) की पत्तियों और सब्जियों के राजा आलू के साथ बनाया जाता है. स्वास्थ और स्वाद से भरपूर इस सब्जी को बनाना काफ़ी आसान होता है.
मेथी बहुत गुणकारी होती है. इसमें आइरन, कॅल्षियम, मॅगनिशियम इत्यादि तो होता ही है प्रचुर मात्रा में, इसके साथ साथ यह बहुत अच्छी पाचक भी होती है. मेथी के पराठे बड़े स्वादिष्ट होते हैं और पौष्टिक भी. अगर आपको ताजी मेथी नही मिलती है तो आप कसूरी मेथी को पानी में भिगोकर भी बना सकते हैं.
छोले को कई और भी नाम से जाना जाता है जैसे कि काबुली चने/ चना मसाला इत्यादि. छोले उत्तर भारत की एक बहुत ही लोकप्रिय डिश है. बाज़ारों में भी छोले चावल या छोले भटूरे के ठेले आम तौर पर दिखाई दे ही जाते हैं. कानपुर में एक दुकान के उपर बोर्ड लगा रहता है "शास्त्री जी का कहना है, छोले खा कर रहना है!"
तो मठरी को तल कर बनाया जाता है, लेकिन हम यहाँ पर मठरी को बेक करेंगें. हमने यहा मैदा की जगह आटे का इस्तेमाल किया है जिससे यह मठरी स्वादिष्ट होने के साथ में सेहत के लिए भी ठीक रहें. मठरी को कई हफ्तों तक रखा जा सकता है. मठरी नीबू के अचार के साथ बहुत स्वादिष्ट लगती है. इन्हें आप चाट के साथ भी परोस सकते हैं..