बाटी
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बाटी गेहूँ के आटे से बनाई जाने वाली एक खास भारतीय डिश है जो कि राजस्थान की ख़ासियत है. जहाँ उत्तर भारत में बने वाली कोई भी रोटी, नान, या पराठा या तो तवे पर सेका जाता है और या फिर तंदूर में वहीं बाटी को पहले गरम पानी में उबाला जाता है और उसके बाद इसे तंदूर या फिर ओवेन में सेका जाता है. बाटी को एक खास दाल जिसे पंचमेल कहते हैं के साथ परोसा जाता है. पंचमेल दlल अपने नाम के अनूरूप ही पाँच दालों को मिलकर बनाई जाती है और यह भी राजस्थान की ख़ासियत है. दाल और बाटी के साथ एक खास राजस्थानी मिठाई भी बनाई जाती है जिसे चूरमा कहते हैं. जल्द ही हम आपको चूरमा और चूरमे के लड्डू भी बनाना बताएँगे.......तो चलिए फिलहाल बनाते हैं बाटी.....
सामग्री
(12 बाटी के लिए)
- गेंहू का आटा 1½ कप
- घी 4 बड़ा चम्मच
- नमक ½ छोटा चम्मच
- शक्कर ½ छोटा चम्मच
- दूध/ पानी लगभग ½ कप
परोसने के लिए
- घी 2 बड़ा चम्मच/ स्वादानुसार
बनाने की विधि
- परात में गेंहू का आटा, नमक, और शक्कर लें. इन सभी को आपस में अच्छे से मिलाएँ. अब आटे के बीच में एक गड्ढा बनाएँ और उसमें गरम घी डालें. सभी सामग्री को एक बार फिर अच्छे से मिलाएँ.
- अब इस आटे मे थोड़ा-थोड़ा करके दूध या फिर पानी डालते हुए आटा गूथ लें. आटे को कुछ देर गूथते हुए इसमें थोड़ा लोच दें. अब इसे ढककर 20 मिनट के लिए अलग रखें.
- अब इस आटे को 12 हिस्सों में बाँट लें. इनकी लोई बनाएँ और चिकना करें. आप एकदम गोल बाटी भी बना सकते हैं और लोई को हल्का सा दबा कर चपटा भी कर सकते हैं जैसा कि मैने किया है..
- अब एक बर्तन में लगभग 5 कप पनी गरम करें. जब पानी उबलने लगे तो इसमें बाटी डालें और मध्यम से तेज आँच पर 15-20 मिनट तक उबालें. जब हम बाटी उबलते पानी में डालते हैं तो यह नीचे बैठ जाती है और जब बाटी अच्छे से उबल जाती है तो यह ऊपर तैरने लगती है. इसका मतलब है कि बाटी अब तैयार है.
- अब बाटी को छलनी में छान लें, और इसे अलग रखें.
- अब ओवेन को 400°F/ 200°C प्री हीट करें.
- अब ओवेन को प्री हीट करें. बाटी को एक ओवेन प्रूफ़ ट्रे में लगाएँ और इन्हे 20-25 मिनट या फिर बाटी के सुनहरा सिक जाने तक बेक करें. बीच में बाटी को एक बार पलट दें जिससे यह सब तरफ से एक सी सीके...
स्वादिष्ट बlटी अब तैयार हैं. बाटी को परोसते समय इसे बीच से दो टुकड़ों में तोड़ लें और फिर इसके ऊपर अपने स्वादानुसार गर्म घी डालें. अब इन स्वादिष्ट बाटी को राजस्थानी पंचमेल दाल के साथ परोसिए.
कुछ नुस्खे और सुझाव
मेरी बाटी के आटे का रंग थोड़ा ज़्यादा गहरा है क्योंकि मैं आटे की चोकर नही हटाती हूँ. चोकर में फाइबर के साथ ही साथ कुछ और बहुत पौष्टिक तत्व होते हैं जो सेहत के लिए बहुत अच्छे होते हैं....
वैसे तो पारंपरिक रूप से बाटी को मिट्टी के चूल्हे में सेका जाता था. लेकिन अब चूँकि यह तो कहीं मिलता नही है तो आप अपनी सुविधा के अनुसार बाटी के तंदूर/ बारबेक्यू या फिर बिजली के ओवेन जो भी आपके पास है उसमें बनाइए यह स्वादिष्ट बाटी...
कुछ और स्वादिष्ट रोटी, पराठा, पूड़ी.....