शुचि की रसोई में आपका स्वागत है!

18-मार्च-2024

होली विशेष!

होली, यानी की रंगो का पर्व- होली का त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन पड़ता है. इस वर्ष होलिका दहन 24 मार्च- 2024 और रंग 25 मार्च- 2024 को खेला जाएगा. होली वैसे तो संपूर्ण भारत वर्ष में ही मौज मस्ती के माहौल में मनाई जाती है. लेकिन मेरे गृह नगर में यह पर्व पूरे एक हफ्ते तक चलता था और शायद अभी भी ऐसा होता हो.

holi platter

होली का पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का संकेत है, इस पावन दिन सभी लोग पुराने लड़ाई झगड़े भूल कर सबको गले लगा लेते हैं. जब त्यौहारों की बात आती है तो साथ में पारंपरिक भोजन का ज़िक्र करना बहुत ज़रूरी है. होली के अवसर पर उत्तर भारत में कांजी बनाने का चलन है. इस मौके पर तरह तरह की चाट भी बनाई जाती है. इन सबके साथ में होली के अवसर पर ठंडlई भी बनाने का चलन है. अब बनाने चलो तो बहुत कुछ बनाया जा सकता है तो आप अपने स्वाद और सेहत को ध्यान में रखते हुए होली के व्यंजन बनाएँ और खूब खुशनुमा माहौल में इस पर्व का आनंद लें.

होली की आप सभी को रंगभरी शुभकामनाएं
शुचि

कुछ और स्वादिष्ट व्यंजन होली के लिए

होली के लिए कुछ और मिठाइयाँ

होली के लिए कुछ चटपटी चाट आइटम


व्यवस्थित रसोई

pantry organization

सजी और करीने से लगी चीज़ें सभी को पसंद आती हैं. सामान को सलीके से रखना भी एक कला है. सलीके से रखा गया सामान ना केवल आँखों को अच्छा लगता है बल्कि इससे किसी भी चीज़ को निकालने में समय की बचत भी होती है. ऐसा करने से सामान की बर्बादी भी रुकती है क्योंकि कभी कभी हम खुद ही रखकर भूल जाते हैं कि फलाँ सामान कहाँ रखा था और समय पर जब वह सामान नही मिलता है तो हम फिर उसे दोबारा खरीदते हैं.


  •  about shuchi

    शुचि के बारे में

    मेरा नाम शुचि है। मैं लगभग दो दशक से विदेश में रहती हूँ। शाकाहार को लेकर अभी भी लोगों के मन में कई सवाल उठते हैं। शाकाहार को सही रूप से समझने और दूसरों को समझाने के लिए मैंने अमेरिका की प्रतिष्ठित कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से न्यूट्रीशन पर अध्ययन किया है। इसके साथ ही आयुर्वेद की गहराई को समझने के लिए प्राचीन ग्रंथों का भी अध्ययन करती हूँ।
    मैं स्वस्थ, सात्विक भोजन पर ज्यादा काम करती हूँ। मैं अपने व्यंजनों में किसी भी प्रकार की फैट फ्री, शुगर फ्री, कैलोरी फ्री आदि सामग्री का इस्तेमाल नहीं करती। मैं भोजन का रंग और स्वाद बढ़ाने के लिए केमिकल या फिर रंग आदि का प्रयोग भी नहीं करती। read more...

प्रिय पाठकों,

21/22 अप्रैल को ईद है... एक महीने के पाक रमज़ान के रोजों के बाद नज़र आता है ईद का चाँद. ऐसे मौकों पर देश की यादें जेहन में आ ही जाती हैं. जब हम दोस्तों के घर पर तरह-तरह के पकवान नोश फरमाते थे इस मौके पर. ईद के रोज अवध में मुज़फ़्फ़र बनता है . मुज़फ़्फ़र एक तरह की मीठी सेवई का पकवान है जो नवाबों के शहर की ख़ासियत है और खाने में बहुत ही उम्दा होता है. .

  •  sevaiyon-ka-muzaffar.html

    Sevaiyon Ka Muzaffar

    Muzaffar is an Avadhi cuisine. Sevaiyon ka Muzaffar is made for the auspicious occasion of Eid. In this recipe very thin vermicelli is fried in pure ghee (along with nuts, and then cooked in milk and sugar syrup. The aroma of saffron, kewada (screw pine) water and cardamoms give this dessert a distinct flavor. Read more...

ईद आप सभी को मुबारक हो! !!!
शुचि

नई व्यंजन विधि- अनारी दही भात

  •  अनारी दही भात

    अनारी दही भात

    दही चावल दक्षिण भारत में खूब पसंद किया जाने वाला व्यंजन है। उत्तर भारत में दही चावल या फिर दही भात को बीमारों का खाना समझा जाता है। चावल के थोड़े ज्यादा पके स्वरूप को भात कहते हैं। इस व्यंजन में चावल को थोड़ा घुटा कर बनाते हैं इसीलिए इसे दही चावल से उपयुक्त दही भात कहना होगा। हमारे दक्षिण भारतीय दोस्तों के घरों में दही चावल पूजा के भोग के लिए भी बनाए जाते हैं। यकीन मानिए दही चावल बहुत स्वादिष्ट, पौष्टिक और बहुत सुकून देने वाला व्यंजन है। दही चावल को कई तरह से बनाया जा सकता है। इसमें अलग अलग स्वाद लाए जा सकते हैं आगे पढ़ें...


वजन कम कैसे करें

आज के समय में हर किसी की एक ही समस्या है बढ़ता हुआ वजन! लोगों को समझ ही नहीं आता कि आखिर उनका वजन बढ़ता कैसे है।

मैंने बहुत लोगों को कहते सुना है मैं तो बस दो रोटी खाती हूँ न जाने वजन कैसे बढ़ जाता है। मेरे शरीर को तो जैसे हवा-पानी भी लग जाता है। चलिए देख लेते हैं यह 2 रोटी की क्या कहानी है।

रोटी तो दो मुश्किल से दो ही खायीं जिसमें वाकई कुल मिलाकर 90–150 के बीच की कैलोरी हुई रोटी की मोटाई के अनुपात में। लेकिन उसके साथ क्या खाया- मक्खन से भरा पनीर बटर मसाला, तेल में डूबे छोले, सब्जी, पापड़, रायता, पुलाव - मतलब कोई कमी न रह जाये! खाने में तो कुछ मीठा भी तो बनता ही है।

चलिए घर के बने दो शुद्ध शाकाहारी, सम्पूर्ण , स्वादिष्ट और पौष्टिक खाने का उदाहरण लेते हैं। नीचे लगी थाली में लगभग 700 कैलोरी का खाना है जो स्वाद और सेहत से भरपूर है ।

कच्चा खाना

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पुस्तक- “स्वाद सेहत और शाकाहार“

  •  Book

    नयी पुस्तक- स्वाद सेहत और शाकाहार

    आप सबके प्यार और निरतर सहयोग से लम्बे इंतज़ार के बाद मेरी पहली किताब “स्वाद सेहत और शाकाहार“ अब बाज़ार में आ रही है। इस पुस्तक में आयुर्वेद और आज के विज्ञान से जुड़े स्वस्थ भोजन और सामग्री के ९ लेख और ८४ पारंपरिक भारतीय भोजन की व्यंजन विधियाँ हैं। पुस्तक में प्राचीन आयुर्वेद की पुस्तकों, और विज्ञान की शोध से जुड़े लगभग १५० सन्दर्भ हैं। इस पुस्तक में आयुर्वेद और आज के विज्ञान से जुड़े स्वस्थ भोजन और सामग्री के ९ लेख और ८४ पारंपरिक भारतीय भोजन की व्यंजन विधियाँ हैं। पुस्तक में प्राचीन आयुर्वेद की पुस्तकों, और विज्ञान की शोध से जुड़े लगभग १५० सन्दर्भ हैं। तेल कौन सा अच्छा होता है? मधुमेह के लिए कौन सा भोजन ठीक है? स्वादिष्ट भोजन कैसे बनाएँ कि स्वाद के साथ सेहत भी बनी रहे? खाने की तासीर क्या होती है? कच्चा और पक्का खाना किसे कहते हैं? ऐसी तमाम जानकारियाँ समेटे है मेरी नयी पुस्तक "स्वाद, सेहत और शाकाहार: आयुर्वेद से आज तक"। आयुर्वेद के संदेशों को आज के विज्ञान के धागों से गूँथ कर लिखी ये पुस्तक सरल शब्दों में बताती है कि छोटे छोटे बदलाव करके सेहत-भरा भोजन कैसे बना सकते हैं। पुस्तक को अमेज़न इंडिया से खरीदने का लिंक- .

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साभार,
शुचि

मिठाई | मिष्टी

कृत्रिम स्वादों से दूर प्राचीन, पारम्परिक और स्वादिष्ट भारतीय मिठाइयाँ जिन्हें गेहूँ के आटे, घी और शक्कर से बनाया गया है! आप भी बनाइये आटे का लड्डू , शकरपारे, आटे का शीरा और चूरमा!

mithai

30 मिनट में बनायें स्वादिष्ट पौष्टिक खाना

आज के समय में नौकरीपेशा महिला हो या घर पर रह कर दिन भर काम करने वाली महिला, सभी के पास काम की लाइन लगी होती है और कोई भी अपना पूरा समय रसोई में व्यतीत नही करना चाहता। आज जब सबके पास वक्त की कमी है और बाहर खाने का ट्रेंड बहुत बढ़ गया है तब यह चटपट बनने वाली थाली आपकी बहुत मदद करती है. आज हम आपको उत्तर प्रदेश में रोजाना में बनने वाले खाने को बनाना सिखाने जा रहे हैं। इस थाली में है दाल चावल रोटी और सब्जी। यहाँ हम यह मानकर चल रहे हैं कि घर पर दो प्रेशर-कुकर हैं। और आपके पास 2 चूल्हे वाला गैस बर्नर है।

कच्चा खाना

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अनानास की करी

  •  अनानास की करी

    अनानास की करी

    अनानास के नाम से तो सभी परिचित हैं - गरमी के मौसम में मिलने वाला यह स्वादिष्ट खट्टा मीठा फल गुणों का खजाना है। अनानास में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है इसके साथ ही इसमें कई प्रकार के खनिज भी पाये जाते हैं। अनानास में रेशे बहुतायत में होते हैं। कई शोध में पाया गया है कि अनानास में कुछ मुख्य एंटीऑक्सीडेंट भी हैं जो बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं। वैसे तो अनानास फल के रूप में ऐसे ही बहुत स्वादिष्ट लगता है लेकिन इसके कई व्यंजन भी बनते हैं। आज हम यहाँ एक बहुत स्वादिष्ट अनानास की करी बनाना बता रहे हैं जिसे नारियल के दूध में पकाया गया है। आगे पढ़ें ...

पत्ता गोभी, गाजर और मटर की सब्जी

  •  Cabbage carrot and peas

    पत्ता गोभी, गाजर और मटर की सब्जी

    पत्ता गोभी के साथ गाजर और मटर को मिलाकर हमने यहाँ एक स्वादिष्ट और पौष्टिक मौसमी सब्जी बनाई है. इस सब्जी को ज्यादा पकाया नहीं जाता है तो सब्जी चटपट बन जाती है और स्वाद में लाजवाब होती है. इन सभी सब्जियों में विटामिन और खनिज से भरपूर होता है. लहसुन के बनाई गयी है तो यह वैष्णव सब्जी है, वीगन भी है और मधुमेह रोगियों के लिए कम कैलोरी की भी है. आगे पढ़ें ...


शाकाहारी प्रोटीन | भारतीय खाने में प्रोटीन

आजकल शाकाहारी भोजन में प्रोटीन की मात्रा को लेकर बहुधा प्रश्न उठते हैं। प्रोटीन को लेकर यह भ्रम फैला हुआ है कि शाकाहारी लोगों को सम्पूर्ण प्रोटीन नही मिलता। भारत में तो सदियों से शाकाहार का चलन है और पहले तो कभी भी प्रोटीन को लेकर कोई मुद्दा नही उठा फिर अचानक ऐसा क्यों है? यह भ्रम मांसाहारी से शाकाहारी बने लोगों की चिंता से जन्मा है। विदेश में प्रोटीन को सीधे सीधे मासांहार से जोड़ा जाता है इसीलिए नए शाकाहारी बने लोगों को यह डर रहता है कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नही मिल रहा है। तो इस लेख में प्रोटीन के बारे में जानते हैं, समझते हैं कि हमारे भोजन में प्रोटीन किस प्रकार के होते हैं और आयुर्वेद और पारम्परिक भारतीय भोजन शैली कैसे आधुनिक विज्ञान के इस “प्रोटीन” ज्ञान से जुड़ी है।

प्रोटीन हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक तत्व हैं जो बहुत सारे छोटे छोटे अवयवों से मिलकर बने होते हैं जिन्हें अमीनो एसिड कहते हैं। हमारे शरीर में कई प्रकार के प्रोटीन हैं। प्रोटीन मांसपेशियों, ऊतक, हड्डियों और अन्य सभी अंगों के विकास और किसी भी प्रकार की टूट फूट की मरम्मत के लिए अति आवश्यक हैं। हमारे बाल, नाखून, आदि के लिए भी हमें प्रोटीन की आवश्यकता होती है। अमीनो एसिड कुल मिलाकर 20 प्रकार के होते हैं जिनमें से 9 मुख्य अमीनो एसिड हैं जो हमें हमारे खाने से मिलते हैं और बाकी के 11 अमीनो एसिड हमारा शरीर खुद बना लेता है। तो रोज़ाना में हमें ऐसा भोजन की आवश्यकता है जिससे हमें यह 9 अति आवश्यक अमीनो एसिड मिलें, जो हमारी प्रोटीन की जरूरत को पूरा कर सकें।

शाकाहारी भारतीय खाने में भरपूर प्रोटीन होता है। दाल चावल, रोटी, सब्जी, भड़भूजे में भुने चने, इडली चटनी सांभर, दलिया, दूध, दही, पनीर सभी प्रोटीन, खनिज, आदि से भरपूर हैं तो पारंपरिक रूप से घर पर बनाये गए खाने में सभी जरूरी तत्व मौजूद हैं। यहाँ तक कि एक सबसे आसानी से बनने वाली सीधी सादी भारतीय खिचड़ी में भी सम्पूर्ण प्रोटीन होता है:)

protein

शाकाहारी प्रोटीन के बारे में और पढ़ें


सफेद तिल

आयुर्वेद में तिल की बहुत प्रशंसा की गयी है. तिल को कटु, मधुर और तिक्त रस युक्त बताया गया है. इसे पित्तनाशक और कफ नाशक भी बताया गया है. तिल में कैल्शियम बहुतायत में होता है, इसके साथ ही साथ इसमें फासफ़ोरस और कई प्रकार के खनिज और विटामिन भी होते हैं.बाज़ार में दो प्रकार के सफेद तिल आते हैं, एक महीन छिलके के साथ जो कि हल्का गुलाबी-भूरा होता है, और एक बिना छिलके के जो एकदम सफेद होता है. स्वास्थ्य के लिहाज से छिलके वाला तिल अति उत्तम है. छिल्के वाले तिल में कैल्शियम की मात्रा लगभग दोगुनी होती है. तिल से नाना प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं. जैसे कि, मिठाइयाँ, नमकीन, करी, चटनी इत्यादि कई प्रकार की ब्रेड बनाने में भी इनका प्रयोग होता है.

sesame

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  •  Baingan Aloo

    पातरा/ पात्रा

    पातरा/ पात्रा जिसे पतौड़े के नाम से भी जाना जाता है एक बहुत स्वादिष्ट और बहुत कम चिकनाई से बनने वाला नाश्ता है. पातरा को अरबी/ घुइयाँ के पत्तों से बनाया जाता है. गर्मी और बारिश के मौसम में यह पत्ते भारत में आसानी से सब्जी मंडी में मिल जाते हैं, लेकिन शायद विदेश में मिलना मुश्किल हो. मैं तो अपनी बगिया में गर्मी के मौसम में घुइयाँ/ अरबी उगाती हूँ जिससे हर 20-25 दिन में ताजे पत्ते आते रहते हैं और तीन चार बार तो सीजन में पातरा बन ही जाता है. वैसे आप विकल्प के तौर पर कोलार्ड के पत्ते से भी पातरा बनाने की कोशिश कर सकते हैं....read more...

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    शुचि और शुचि की रसोई के बारे में दूसरी वेबसाइट पर पढ़ें !

    आप शुचि के द्वारा लिखे कुछ लेख, और शुचि की रसोई के बारे में दूसरी वेबसाइट पर भी पढ़ सकते हैं. शुचि की रसोई को कुछ व्यंजन स्थानीय अखबार और मासिक पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से आयुर्वेद के, शाकाहारी व्यंजन, बागवानी, सेहत आदि विषयों से सम्बंधित लेख हैं. read more...

  •  samosa chaat

    जीरा आलू

    जीरा आलू, मसाला आलू, सूखे आलू या फिर आलू के गुटके- नाम चाहे जो भी हो लेकिन यह एक आलू की सब्जी उत्तर भारत की बहुत ही लोकप्रिय सूखी सब्जी है. उत्तर भारत में सूखे आलू अरहर की दाल-चावल और रोटी के साथ रोजाना में बनने वाली सब्जी है. आलू की सब्जी बच्चों को भी बहुत पसंद होती है. जीरा आलू को बनाना बहुत आसान है लेकिन स्वाद में यह लाजवाब है. वैसे तो आप में से बहुत सारे पाठक इस सब्जी से परिचित होंगे लेकिन आगे पढ़ें...

कुछ लेख रसोई से सम्बंधित!

यहाँ हम आपको रसोई से सम्बंधित कुछ लेख बतायेंगें जैसे कि रसोई को अच्छे से व्यवस्थित करने के कुछ गुण, बर्तन को ठीक से व्यवस्थित करना, घर की बगिया में कुछ सब्सियों को उगने के गुण, घी तेल के गुण, कुछ मसालों के बारे में, कुछ और्वेद से सम्बंधित लेख, कुछ आज के विज्ञान और नयी शोध जिनसे बेहतर स्वस्थ जीवन को अपनाया जा सकता है आदि.

  • गाजर और मिर्च का अचार

    गाजर और मिर्च का अचार

    गाजर और मिर्च का अचार स्वादिष्ट और चटपट बनने वाला अचार है जिसके लिए आपको बहुत ही कम मसलों कि जरूरत जो आमतौर पर सभी भारतीय घरों में इस्तेमाल होते हैं. इस अचार का आईडिया मुझे एक रेस्टोरेंट से मिला. कुछ समय पहले हमने शिकागो शहर में एक भारतीय रेस्टोरेंट में भरवाँ पराठे के साथ इसे खाया था. खाने में यह आचार बहुत स्वादिष्ट और अचार से ज्यादा सलाद के जैसा लग रहा था.....आगे पढ़ें ..

वैष्णव खाना

बिना प्याज लहसुन का खाना वैष्णव भोजन/खाना कहलाता है। कुछ जगहों पर इसे स्वामीनारायण भोजन भी कहते हैं। पूजा-पाठ और भगवन के खाने में विशेष रूप से प्याज लहसुन का प्रयोग किया जाता है। तीज- त्योहारों में और कई बार पार्टियों में भी ऐसा खाना बनाया जाता है, और ख़ास तौर पर व्रत के दिनों में भी।

हालांकि पौराणिक ग्रंथों में ऐसा लिखा है कि लहसुन अमृत तुल्य है (लहसुन का वर्णन देवासुर संग्राम के दौरान आता है - कहानी ये है कि जब समुद्र मंथन के बाद अमृत निकला तो राहु ने चुपके से उसे पीना चाहा। तब विष्णु जी ने उसका गला काट दिया। इस दौरान कुछ अमृत की बूँदें पृथ्वी पर छिटक गयीं, और उनसे बना लहसुन !) आयुर्वेद में भी लहसुन का कई जगह वर्णन है। लहसुन को बहुउपयोगी रसायन बताया गया है और इसके प्रयोग को उत्तम स्वास्थ्य हेतु आवश्यक बताया गया है।

तो मुझे प्याज लहसुन न खाने का जो कारण सबसे सटीक लगता है वो शायद इनकी महक का बहुत तेज होना है। तो शायद सल्फर की वजह से ही बहुत सारे शाकाहारी लोग प्याज लहसुन नहीं खाते हैं।

शुभकामनाओं के साथ
शुचि


  •  samosa chaat

    समोसा चाट

    समोसे की प्रसिद्धि देश-विदेश तक है. पारंपरिक मसालेदार आलू भर कर बनाए गये समोसे इस हद तक प्रसिद्द है कि बॉलीवुड के गाने भी इस पर बन गए जैसे जब तक समोसे में आलू रहेगा... समोसा चाट उत्तर भारत की बहुत प्रसिद्द चाट है.इसको बनाने के लिए हम छोले के साथ समोसे को सर्व करते हैं और इसके ऊपर धनिया की चटनी, मीठी चटनी, दही आदि से इसे सजाकर परोसते हैं. आगे पढ़ें ...



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