शकरपारे

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शकरपारे, मीठे शकरपारे, शक्करपारे, शंकरपाली आदि सब एक ही स्वादिष्ट व्यंजन के नाम हैं जो भारत के अलग अलग प्रदेशों में इस्तेमाल किये जाते हैं. शकरपारे दीवाली के लिए खासतौर पर बनाये जाते हैं. जब हम छोटे थे तो हमारे घर में अहोई अष्टमी के बाद से ही और छोटी दीवाली तक रोज एक मीठा या फिर नमकीन पकवान बनाया जाता था और उसे अलग रखा जाता था बड़ी दीवाली की पूजा के लिए.

शकरपारे को बनाने के लिए आटा, मैदा या फिर सूजी का इस्तेमाल किया जाता है. घी का मोयन लगाकर इस आटे के पारे काटकर इन्हें धीमी आँच तलकर तैयार किया जाता है. इसके बाद इसे चाशनी में डालते हैं. शकरपारे बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं और सभी को बहुत पसंद आते हैं और बनाना भी आसान है.

भारत में एक ही व्यजन को बनाने कि कई विधियाँ होती हैं. आमतौर पर पीढ़ी दर पीढ़ी यही विधियाँ चलती रहती हैं. हमारे घर पर शकरपारे आटा और मैदा को मिलाकर खालिस देशी घी में तलकर बनाये जाते थे. तो हम भी यहाँ अपनी पारिवारिक विधि से हे शकरपारे बनायेगें. चाशनी के लिए हमने आर्गेनिक हल्की ब्राउन शक्कर का इस्तेमाल किया है. तो इस बार दीपावली पर आप भी बनायें शकरपारे और हमें अपनी राय जरूर लिखें. शुभकामनाओं के साथ, शुचि

shakarpare
Preparation Time: 10 minutes
cooking time: 30 minutes
300 calories per serving

सामग्री

  • मैदा 1 कप
  • आटा 1 कप
  • घी 4 बड़े चम्मच, मोयन के लिए
  • घी तलने के लिए
  • पानी लगभग ½ कप आटा गूथने के लिए

सामग्री चाशनी के लिए

  • शक्कर 1 कप
  • पानी ½ कप
  • इलायची 1
sugar syrup
चाशनी

पारे बनाने की विधि:

  1. एक परात/ कटोरे में आटा, मैदा, और गरम घी लें.
flour and ghee
  1. घी को मैदे में अच्छे से मिलाकर हथेली में रगड़ें. मिलाने के बाद आप देखेगें की मोयन की वजह से मुट्ठी में भरने पर मैदा का लड्डू जैसा बँध जाता है. यह इस बात कि पहचान है कि मोयन ( घी/ तेल) एकदम ठीक मात्रा में है.
flour and ghee
घी , आटा, और मैदा, सभी सामग्री मिलाने के बाद
  1. अब थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए मध्यम कड़ा आटा गूँथ लें. गुथे आटे को गीले कपड़े से ढककर 15-20 मिनट के लिए ढककर रखें. .
shakarpara dough
तैयार गुथा आटा
  1. 15-20 मिनट के बाद आप देखेंगें कि आटा काफ़ी चिकना हो जाता है. अब इसको 5 बराबर भागों में बाट लें.
  2. अब तेल/ घी की मदद से लगभग 6-7 इंच की बड़ी पूरी जैसी बेलें.
  3. अब इस बिली हुई पूरी को आधे इंच चौड़ी पतली-पतली पत्तियाँ काट लें और फिर बेड़ा करके लगभग डेढ़ इंच के टुकड़े काट लें जैसा कि फोटा में दिखाया गया है.आप चाहें तो बरफी या फिर अलग किसी आकार के भी काट सकते है शकरपारे.
shakarpara ready for frying
  1. अब एक कड़ाही में घी गरम करें और मध्यम से धीमी आँच पर पारे को गुलाबी होने तक तलें. इस प्रक्रिया में लगभग 8 मिनट का समय लगता है.
shakarpara frying
  1. तले हुए शकरपारे को किचन पेपर पर निकाल लें.
  2. इसी प्रकार से बाकी शकरपारे भी ताल लें.

चाशनी बनाने की विधि:

  1. पानी और शक्कर को कड़ाही मे उबालिए. पहले उबाल के बाद आँच को धीमा कर दीजिए और चाशनी के गाढ़ा होने तक पकाइए. इस प्रक्रिया में तकरीबन ७-८ मिनट लगते हैं.( इस पाग के लिए दो तार की चाशनी उपयुक्त रहेगी. दो तार के चाशनी को जाँचने के लिए अपनी दो उंगलियों के बीच में एक बूँद चाशनी को लेकर खीचिए, अगर उंगलियों के बीच में दो तार बनें तो चाशनी बिल्कुल ठीक है.)
  2. हरी इलायची के छिलके उतारकर बीज को दरदरा कूट लें.
  3. अगर आप इलायची डाल रहें हैं तो उसे भी डाल लें चाशनी में.
  4. चाशनी अब तैयार है, इसे अलग रखें.

पारे को चाशनी में डालने की विधि:

  1. तले पारों को गरम चाशनी डालें और अच्छे से चाशनी लपेटते हुए तुरंत निकाल लें. शकरपारे को चाशनी में ज्यादा देर तक भिगोने से यह मुलायम हो जाते हैं इसलिए इन्हें तुरंत निकाल लिया जाता है.
shakarpare dipped in sugar syrup
पारों को चाशनी में डालने के बाद
  1. अब इन चाशनी में डूबे शकरपारों को थाली में फ़ैलाएँ. कुछ शकरपारे अगर एक दुसरे में चिपके दिखें तो परेशान न हों इन्हें आप ठंडा होने के बाद में अलग कर लें.
  2. शकरपारों को ठंडा होने दें.
 Shakarpare spreaded in a tray
पारों को थाली में फैलाने के बाद
  1. स्वादिष्ट शकरपारे अब तैयार हैं. शकरपारों को दो हफ्ते तक बिना फ्रिज के रखा जा सकता है.
  2. शकरपारों को आप पहले से बनाकर रख सकते हैं. त्यौहारों में अचानक आये मेहमानों के लिए यह बहुत अच्चा विकल्प हैं. वैसे आप इनको कभी भी सर्व कर सकते हैं. बच्चों को तो शकरपारे बहुत ही पसंद होते हैं.
mathri

कुछ नुस्खे और सुझाव

  1. हमने शकरपारे को तलने के लिए घी का इस्तेमाल किया है लेकिन अगर आप चाहें तो इन्हें वेजिटेबल तेल (रिफाइंड आयल) में भी तल सकते हैं.
  2. शकरपारे को हमेशा धीमी आपणच पर तलना चाहिए जिससे यह अन्दर तक सिक सकें.
  3. शकरपारे के लिए दो तार कि चाशनी ठीक रहती है तो इस बात का ध्यान रखें कि चाशनी सही से तैयार की गयी है.
  4. तलने के लिए हमेशा कम से कम घी से कड़ाही भरें. बचे हुए घी तेल को बार बार तलने के लिए इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है.